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क्या चीन ने पाकिस्तान को दीं PL-15 मिसाइलें? क्या बदल जाएगा दक्षिण एशिया का सैन्य संतुलन?

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26 अप्रैल को सोशल मीडिया पर पाकिस्तान के सबसे एडवांस फाइटर जेट JF-17 ब्लॉक 3 की दो तस्वीरें वायरल हुईं। दावा किया गया कि ये विमान चीन की घातक एयर-टू-एयर मिसाइल PL-15 और शॉर्ट रेंज मिसाइल PL-10 से लैस हैं। हालांकि आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन इन दावों ने भारत में सुरक्षा हलकों को सतर्क कर दिया है।

चीन से मिली PL-15 मिसाइलें?

डिफेंस इंटेलिजेंस एक्सपर्ट्स और 'Clash Report' जैसे स्रोतों का दावा है कि पाकिस्तान को जो PL-15 मिसाइलें मिली हैं, वो केवल एक्सपोर्ट वर्जन (PL-15E) नहीं बल्कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयरफोर्स के उपयोग में आने वाली स्टैंडर्ड PL-15 मिसाइलें हो सकती हैं। यह मिसाइलें 300 किलोमीटर दूर तक 5 माक की रफ्तार से निशाना साध सकती हैं। जानकारों के अनुसार, ये मिसाइलें संभवतः पहेलगाम आतंकी हमले के बाद चीन द्वारा त्वरित प्रतिक्रिया स्वरूप पाकिस्तान को दी गई हों।

PL-15 क्यों है अहम?

PL-15 से पहले पाकिस्तान के JF-17 फाइटर जेट्स में SD-10 जैसी सीमित रेंज वाली मिसाइलें थीं। PL-15 की लंबी रेंज पाकिस्तान की एयर स्ट्राइक क्षमता को तकनीकी रूप से बढ़ा सकती है। हालांकि JF-17 विमान की क्षमताएं PL-15 की पूरी ताकत को नियंत्रित करने के लिहाज़ से कमजोर मानी जाती हैं।

क्या भारत को चिंतित होना चाहिए?

भारत के पास पहले से ही राफेल जेट्स हैं जो फ्रांस की मेटियोर मिसाइल से लैस हैं। यह मिसाइल 150–200 किमी रेंज की है और रैमजेट इंजन से लैस है, जिससे वह पूरे रास्ते में स्थिर हाई-स्पीड बनाए रखती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि भले ही PL-15 की रेंज कागज पर ज्यादा हो, लेकिन उसकी कार्यक्षमता मेटियोर के मुकाबले उतनी सशक्त नहीं है। मेटियोर में टारगेट अपडेटिंग डेटा लिंक, अधिक सटीकता और व्यापक परीक्षण शामिल हैं।

पाकिस्तान को चीन से मिल सकते हैं और हथियार

आने वाले सालों में पाकिस्तान को चीन से निम्नलिखित एडवांस हथियार मिलने की संभावना है:

  • J-35 स्टील्थ फाइटर जेट (2026-27 तक)

  • अधिक J-10CE जेट्स (2028 तक)

  • HQ-9B मिसाइल डिफेंस सिस्टम

  • CM-400AKG एयर टू ग्राउंड मिसाइलें

  • हंगोर-क्लास सबमरीन्स (2028 तक सभी 8 सबमरीन्स की डिलीवरी)

  • WJ-700 अटैक ड्रोन और एंटी-ड्रोन सिस्टम

तुर्किये और रूस से भी मिल रही है मदद

हालिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तुर्किये के C-130 हरक्यूलिस विमान कराची एयरपोर्ट पर लैंड हुए, जो सैन्य सामग्री लेकर आए थे। इसके अलावा, रूस ने भी 2018 में पाकिस्तान को MI-35M कॉम्बैट हेलिकॉप्टर्स दिए थे और भविष्य में छोटे पैमाने पर और हथियार देने की संभावना है।

LoC पर अलर्ट, सेना की तैनाती और तैयारी

पाकिस्तान ने अपनी वायुसेना के लड़ाकू विमानों को LoC के करीब नॉर्थन बेस पर तैनात किया है और SSG कमांडोज़ को सीमावर्ती इलाकों में भेजा है। सभी छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं, मेडिकल लॉजिस्टिक्स तैयार किए जा रहे हैं और सीमा पर हाई अलर्ट है। जानकारों का मानना है कि पाकिस्तान को आशंका है कि भारत कोई सर्जिकल स्ट्राइक या एयरस्ट्राइक कर सकता है।

PL-15 की तैनाती के बीच भारत की रणनीतिक बढ़त कायम

PL-15 मिसाइल की तैनाती पाकिस्तान के लिए सैन्य बढ़त की कोशिश हो सकती है, लेकिन भारत की सैन्य क्षमताएं—विशेषकर राफेल और मेटियोर मिसाइल के साथ—अभी भी कहीं अधिक तकनीकी रूप से सशक्त और भरोसेमंद मानी जाती हैं। चीन और तुर्किये से पाकिस्तान को मिलने वाली सैन्य सहायता निश्चित रूप से भारत के लिए सतर्क रहने का कारण है, लेकिन डर का नहीं।

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