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दुनिया का सबसे पुराना लोकतंत्र-अमेरिका-आज खुद शक के घेरे में है। एक समय पारदर्शिता और ईमानदारी के प्रतीक रहे अमेरिकी सिस्टम को अब "सॉफ्ट क्लेप्टोक्रेसी (kleptocracy)" कहा जा रहा है। यानी एक ऐसी प्रणाली जहां नेताओं द्वारा सार्वजनिक संसाधनों का निजी हित में उपयोग धीरे-धीरे 'सामान्य' होता जा रहा है।
ट्रंप का गेमचेंजर फैसला: जब रिश्वत को 'मार्केट स्ट्रैटेजी' कहा गया
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में Foreign Corrupt Practices Act (FCPA) पर रोक लगा दी — ये वही कानून था जो अमेरिकी अधिकारियों को विदेशी कंपनियों को रिश्वत देने से रोकता था। ट्रंप का तर्क था कि इस कानून के चलते अमेरिकी कंपनियां वैश्विक प्रतिस्पर्धा में पिछड़ रही थीं।
बिजनेस और पॉलिटिक्स का मेल: ट्रंप का मॉडल
सामान्य तौर पर नेता सत्ता में आते ही अपने बिजनेस से दूरी बना लेते हैं, लेकिन ट्रंप ने उल्टा किया। उन्होंने अपने होटल्स और गोल्फ क्लब्स को न सिर्फ चालू रखा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय डिप्लोमैट्स को वहीं बुलाया। इससे 'राजनीति के जरिए मुनाफा' कमाने की परंपरा मजबूत हुई।
ग्लोबल भ्रष्टाचार को मिली 'लीगल' शरण
कई अफ्रीकी, रूसी और एशियाई तानाशाहों ने अमेरिका को 'सुरक्षित निवेश ठिकाने' की तरह इस्तेमाल किया। लूटे गए पैसे से अमेरिका में रियल एस्टेट खरीदा गया, शेल कंपनियों की आड़ में ब्लैक मनी को वाइट किया गया-और अमेरिकी सिस्टम ने इस पर आंखें मूंद लीं।
FCPA की गिरावट = भरोसे का संकट
FCPA को निष्क्रिय करने के बाद जांचों की रफ्तार धीमी हुई और पारदर्शिता का ढांचा कमजोर पड़ा। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के 2024 के करप्शन परसेप्शन इंडेक्स में अमेरिका का स्कोर गिरकर 65 पहुंच गया — जो पिछले 10 वर्षों में सबसे खराब स्थिति है।
शेल कंपनियां: जब 'गुमनामियत' बनती है ताकत
अमेरिका में ऐसी कंपनियां रजिस्टर की जा सकती हैं जिनके असली मालिक का नाम भी ज़रूरी नहीं होता। ये loophole विदेशी तानाशाहों से लेकर देशी अरबपतियों तक सभी के लिए पैसा छिपाने और वैध बनाने का कारगर जरिया बन चुका है।
Baten UP Ki Desk
Published : 10 April, 2025, 2:02 pm
Author Info : Baten UP Ki