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राजनीति में महिलाओं को समान अवसर देने के लिए क्या हैं जरूरी कदम?

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आज 8 मार्च, अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर, पूरे विश्व में महिलाओं की सफलता और संघर्षों को सम्मानित किया जा रहा है। यह दिन केवल एक तारीख नहीं है, बल्कि यह समाज में महिलाओं के योगदान को मान्यता देने का दिन है, जिन्होंने कड़ी मेहनत और संघर्षों से हर क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई है। शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यापार, उड्डयन, राजनीति, और अन्य क्षेत्रों में महिलाओं ने अपनी क्षमता का लोहा मनवाया है।

भारत में भी महिलाओं की राजनीति में भागीदारी लगातार बढ़ रही है, हालांकि यह संख्या अभी भी अपेक्षाकृत कम है। 2024 के लोकसभा चुनाव में कुल 74 महिला सांसदों का चयन हुआ, जो कि 2019 के चुनाव से कम है। यदि हम प्रतिशत में बात करें, तो वर्तमान लोकसभा में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 14.4% है, जो कि आधी आबादी का प्रतिनिधित्व करने के लिए बहुत कम है।

पार्टीवार महिला सांसदों की संख्या:

  • भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) ने 2024 के लोकसभा चुनाव में 69 महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया था, जिनमें से 31 महिलाएं जीतकर संसद पहुंची। पांच साल पहले 2019 में, भाजपा ने 56 महिलाओं को टिकट दिया था, जिनमें से 41 ने जीत दर्ज की थी।

  • कांग्रेस ने 2024 में 41 महिलाओं को टिकट दिया, जिनमें से 13 महिलाएं जीतकर संसद पहुंची। वहीं 2019 में कांग्रेस ने 52 महिलाओं को टिकट दिया था, जिनमें से केवल 6 ही जीत पाई थीं।

  • तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), जो भारतीय राजनीति की एक छोटी पार्टी है, ने महिला सांसदों को सबसे अधिक टिकट दिए। टीएमसी से 2024 में 11 महिलाएं जीतकर लोकसभा पहुंची, जो पिछले चुनाव से 2 अधिक थीं।

  • समाजवादी पार्टी से 5, डीएमके से 3, लोजपा (रामविलास) से 2, जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) से 2 और अन्य दलों से 7 महिला सांसद लोकसभा में हैं।

राजनीतिक दलों की चुनौती और महिलाओं के लिए कम अवसर:

राजनीति में महिलाओं को पर्याप्त अवसर नहीं दिए जाते हैं। इसका मुख्य कारण पितृसत्तात्मक सोच, वंशवादी राजनीति और चुनावी फंडिंग में असमानता है। पुरुष उम्मीदवारों को महिलाओं के मुकाबले ज्यादा संभावनाएं दी जाती हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि पुरुष उम्मीदवार की जीतने की संभावना अधिक है। इसके अलावा, संसाधनों की कमी और सुरक्षा से संबंधित चिंताएं भी महिलाओं के लिए एक बड़ी बाधा बनती हैं। महिला आरक्षण विधेयक अब तक पारित नहीं हो सका है, जिससे दलों पर दबाव नहीं बन पाया है।

महिलाओं की राजनीति में भागीदारी बढ़ाने के लिए जरूरी कदम:

राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए सख्त नियमों की आवश्यकता है। इसके अलावा, महिलाओं को आर्थिक सहयोग, नेतृत्व प्रशिक्षण और समान अवसर प्रदान करना जरूरी है, ताकि वे भी राजनीति के मैदान में पुरुषों के बराबर संघर्ष कर सकें। महिलाओं को राजनीति में समान स्थान मिलने से समाज में समता और न्याय की भावना मजबूत होगी। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के इस खास दिन पर, हम सभी नायकाओं को सलाम करते हैं और यह संकल्प लेते हैं कि हम एक ऐसा समाज बनाएंगे, जहाँ हर महिला को बराबरी का अवसर मिले।

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