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2020 में शुरू हुआ 'जीनोम इंडिया प्रोजेक्ट', अब सफलता की ओर...

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भारत ने रिसर्च की दुनिया में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए 'जीनोम इंडिया डेटा' को जारी कर दिया है। इस महत्वपूर्ण अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'जीनोमिक्स डेटा कॉन्क्लेव' को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित किया। पीएम मोदी ने इस परियोजना को जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान के क्षेत्र में एक मील का पत्थर बताया। आइए, जानते हैं इस डेटा के जारी होने से देश को होने वाले संभावित फायदों के बारे में।

जीनोम इंडिया प्रोजेक्ट: एक परिचय-

2020 में मोदी सरकार ने जीनोम इंडिया प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी। इसका उद्देश्य भारतीयों की आनुवंशिक संरचना की जांच और पहचान के लिए डेटा तैयार करना था। पांच वर्षों की मेहनत के बाद अब यह डेटा जारी कर दिया गया है। पीएम मोदी ने इस मौके पर कहा, ‘आज भारत ने शोध की दुनिया में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। कोविड-19 की चुनौतियों के बावजूद हमारे वैज्ञानिकों ने इस प्रोजेक्ट को सफलतापूर्वक पूरा किया है।’

शोध संस्थानों की महत्वपूर्ण भूमिका-

प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर 20 से अधिक शोध संगठनों की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा, ‘ये संस्थान इस परियोजना की सफलता में महत्वपूर्ण रहे हैं। अब यह डेटा भारतीय जैविक डेटा केंद्र में उपलब्ध है और जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान विभाग में एक नया मील का पत्थर साबित होगा।’ जीनोम इंडिया प्रोजेक्ट के तहत देशभर के 83 जनसंख्या समूहों की आनुवंशिक जानकारी जुटाई गई है।

आनुवंशिक जानकारी का महत्व-

इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत शोधकर्ताओं ने 20,000 से अधिक नमूने एकत्रित कर 10,000 जीनोम का बायो बैंक तैयार किया है। यह डेटा न केवल शोधकर्ताओं के लिए बल्कि देश की स्वास्थ्य प्रणाली के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा।

देश को मिलेंगे ये फायदे

1. बीमारियों की भविष्यवाणी में सहायक

जीनोम इंडिया डेटा से बीमारियों की भविष्यवाणी करना अब आसान हो जाएगा। यह डेटा डॉक्टरों को मरीजों की आनुवंशिक संरचना के आधार पर सटीक दवाएं और उपचार प्रदान करने में मदद करेगा।

2. सटीक दवा और उपकरणों का विकास

इस परियोजना से जीनोम आधारित सटीक दवाओं और जांच उपकरणों का विकास संभव होगा। यह चिकित्सा क्षेत्र में एक बड़ी क्रांति का संकेत है, जिससे बीमारियों के लिए देसी और अधिक प्रभावी उपचार विधियों का विकास हो सकेगा।

3. चिकित्सा क्षेत्र में नवाचार

जीनोम इंडिया डेटा चिकित्सा क्षेत्र में नवाचार को भी प्रोत्साहित करेगा। इससे न केवल स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा बल्कि भारत वैश्विक स्वास्थ्य अनुसंधान में अग्रणी बन सकेगा।

जीनोम इंडिया डेटा के जारी होने से भारत ने शोध और चिकित्सा के क्षेत्र में एक नई दिशा की ओर कदम बढ़ाया है। यह परियोजना न केवल देश की स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत बनाएगी बल्कि वैश्विक स्तर पर भी भारत की वैज्ञानिक क्षमता को प्रदर्शित करेगी।

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