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आज का मुद्दा हर उस भारतीय छात्र के लिए चिंता का विषय है जो विदेश में शिक्षा के अपने सपनों को साकार करना चाहता है। हाल ही में, कनाडा ने अपने 'स्टडी डायरेक्ट स्ट्रीम' (SDS) वीजा प्रोग्राम को बंद करने का निर्णय लिया है, जिसने वीजा प्रक्रिया को और कठिन बना दिया है। यह कदम हजारों छात्रों के लिए विदेश में पढ़ाई का रास्ता कठिन बना सकता है। आइए, जानते हैं कि इस बदलाव का उनके भविष्य पर क्या असर पड़ सकता है और क्यों यह निर्णय उनकी योजनाओं के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकता है।
क्या है SDS प्रोग्राम?
SDS प्रोग्राम की शुरुआत 2018 में हुई थी, जिसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय छात्रों, खासकर भारतीय, पाकिस्तानी, फिलीपीनी और 14 अन्य देशों के छात्रों को वीजा प्रक्रिया में सहूलियत देना था। SDS के तहत, आवेदन करने पर छात्रों को वीजा सिर्फ 20 दिनों में मिल जाता था और वीजा अप्रूवल रेट भी काफी अच्छा था। 2023 की शुरुआत में 73% भारतीय छात्रों को SDS के तहत वीजा मिला था।
अब क्या हैं नई चुनौतियाँ?
अब SDS प्रोग्राम के बंद होने से भारतीय छात्रों को सामान्य वीजा प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा, जिसमें समय अधिक लगता है और वीजा अप्रूवल रेट भी कम हो गया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, सामान्य वीजा प्रक्रिया में भारतीय छात्रों का अप्रूवल रेट मात्र 10% तक रह गया है। इससे छात्रों को औसतन 8 हफ्ते या उससे भी अधिक का समय लग सकता है।
अधिक कागजी औपचारिकताएं और आर्थिक दबाव
अब छात्रों को न केवल ज्यादा दस्तावेजी औपचारिकताओं से गुजरना होगा, बल्कि यह भी साबित करना होगा कि वे अपनी पढ़ाई का खर्च उठाने में सक्षम हैं। पहले SDS के तहत वीजा पाने वाले छात्रों के जीवनसाथी को कनाडा में काम करने की अनुमति थी, परंतु नई नीति में यह सुविधा घटाई गई है, जिससे छात्रों पर आर्थिक दबाव और बढ़ गया है।
कनाडा सरकार ने क्यों लिया यह फैसला?
कनाडा में बढ़ती आवास समस्या और संसाधनों की कमी को देखते हुए कनाडा सरकार ने SDS प्रोग्राम बंद करने का फैसला लिया है। प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने बताया कि इस वर्ष 35% कम अंतरराष्ट्रीय छात्रों को परमिट दिए जा रहे हैं, और अगले साल यह संख्या 10% और कम की जाएगी। कनाडा सरकार का कहना है कि यह कदम कार्यक्रम की मजबूती और छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
भारतीय छात्रों के लिए अन्य विकल्प-
SDS के बंद होने के बाद भारतीय छात्रों का रुझान अन्य देशों की ओर बढ़ा है। IDP एजुकेशन द्वारा किए गए सर्वे के अनुसार, अब 66% से ज्यादा छात्र कनाडा के अलावा अन्य देशों में पढ़ाई करने पर विचार कर रहे हैं:
आगे का क्या है रास्ता?
SDS वीजा प्रोग्राम के बंद होने से कनाडा में पढ़ाई का सपना देख रहे भारतीय छात्रों को लंबी और जटिल प्रक्रिया से गुजरना होगा। ऐसे में छात्रों को समय पर आवेदन करने के साथ अन्य देशों में पढ़ाई के विकल्पों पर विचार करना होगा।
Baten UP Ki Desk
Published : 13 November, 2024, 4:13 pm
Author Info : Baten UP Ki