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साल 2025 में दुनिया की राजनीति में होगा बड़ा बदलाव! इन नेताओं के पॉलिटिक्स की तय होगी दिशा...

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2025 का साल वैश्विक राजनीति के लिए एक निर्णायक मोड़ साबित होगा। बांग्लादेश की सियासी अनिश्चितता से लेकर कनाडा और ऑस्ट्रेलिया के चुनावी संग्राम तक, यह साल सिर्फ इन देशों की तकदीर नहीं बदलेगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों और शक्ति संतुलन को भी नया आयाम देगा। हर चुनाव एक कहानी कहेगा—लोकतंत्र के संघर्ष की, सत्ता के पुनर्गठन की, और नीतियों के नए अध्याय की। आइए, इस चुनावी महासमर की मुख्य झलकियों पर नज़र डालते हैं।

बांग्लादेश: लोकतंत्र की बहाली या अस्थिरता का विस्तार?

बांग्लादेश इस समय राजनीतिक उथल-पुथल के चरम पर है।

  • पृष्ठभूमि: 2024 में शेख हसीना ने चौथी बार जीत दर्ज की, लेकिन विपक्ष के बहिष्कार और हिंसक घटनाओं ने देश को गहरे संकट में डाल दिया।
  • मौजूदा स्थिति:
    • शेख हसीना का इस्तीफा और देश छोड़ना।
    • मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार का गठन।
  • दांव पर: चुनाव की तारीख 2025 के अंत या 2026 की शुरुआत में घोषित हो सकती है। यह चुनाव देश में लोकतंत्र और स्थिरता की परीक्षा बनेगा।

कनाडा: ट्रूडो के लिए ‘करो या मरो’ का चुनाव

जस्टिन ट्रूडो के राजनीतिक करियर का सबसे कठिन अध्याय 2025 में लिखा जाएगा।

  • कहानी:
    • लिबरल पार्टी के प्रति जनता की नाराजगी।
    • बढ़ती महंगाई और आवास संकट ने सरकार के खिलाफ माहौल गरमाया।
  • सर्वेक्षण संकेत:
    • विपक्षी कंजर्वेटिव्स 218 सीटों के बहुमत की ओर।
    • ट्रूडो की लिबरल पार्टी 50 सीटों तक सिमट सकती है।
  • असर: कनाडा का भविष्य नई सरकार की नीतियों पर निर्भर करेगा।

ऑस्ट्रेलिया: सबसे बड़ा लोकतांत्रिक उत्सव

ऑस्ट्रेलिया 2025 में इतिहास का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक चुनाव देखने वाला है।

  • विशेषताएं:
    • युवा और स्वदेशी समुदायों की जोरदार भागीदारी।
    • प्रतिनिधि सभा की 150 सीटों और सीनेट की 40 सीटों पर मतदान।
  • प्रतिद्वंद्विता:
    • एंथनी अल्बानीज की लेबर पार्टी बनाम पीटर डटन का गठबंधन।
  • अंतरराष्ट्रीय प्रभाव: यह चुनाव जलवायु परिवर्तन, एशिया-प्रशांत सुरक्षा और ऑस्ट्रेलिया की आर्थिक नीति को आकार देगा।

जर्मनी: यूरोप का भविष्य तय करने वाला चुनाव

जर्मनी 23 फरवरी 2025 को बुंडेस्टाग के चुनाव के लिए तैयार होगा।

  • स्थिति:
    • चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ का गठबंधन टूट गया।
    • नए चुनावों की घोषणा।
  • महत्व:
  • यूरोपीय संघ के भीतर नेतृत्व का सवाल।
  • जर्मनी की रूस-यूक्रेन युद्ध में भूमिका।

बेलारूस: तानाशाही बनाम लोकतंत्र का संघर्ष

26 जनवरी 2025 को बेलारूस में चुनाव होंगे, लेकिन यह सिर्फ चुनाव नहीं, बल्कि जनता की आवाज बनाम सत्ता की ताकत का संग्राम होगा।

  • कहानी:
    • 2020 के चुनावों में धांधली के आरोप और विरोध प्रदर्शन।
    • राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको का भविष्य दांव पर।
  • महत्व: अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नज़रें इस चुनाव पर टिकी हैं।

सिंगापुर: नए नेतृत्व की शुरुआत

सिंगापुर की राजनीति में 2025 एक बड़ा मोड़ लेकर आएगा।

  • परिवर्तन:
  • ली सीन लूंग की जगह लॉरेंस वोंग ने प्रधानमंत्री पद संभाला।
  • सत्तारूढ़ पीपुल्स एक्शन पार्टी (पीएपी) नए नेतृत्व के तहत चुनाव में उतरेगी।
  • उम्मीदें: यह चुनाव सिंगापुर के आर्थिक और सामाजिक भविष्य को दिशा देगा।

अन्य चुनावी मोर्चे: कहां-कहां बदलेंगे समीकरण?

अफ्रीका:

  • कैमरून, तंजानिया, और गैबॉन जैसे देशों में राष्ट्रपति और विधायी चुनाव सत्ता संतुलन बदल सकते हैं।
  • नाइजर और मलावी में चुनाव क्षेत्रीय स्थिरता पर असर डालेंगे।

एशिया:

  • श्रीलंका और बांग्लादेश में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की बड़ी परीक्षा।

यूरोप:

  • पोलैंड और चेकिया जैसे देशों में चुनाव यूरोपीय संघ की राजनीति में बदलाव ला सकते हैं।
  • मोल्दोवा में सुधारवादी सरकार की उम्मीदें।

2025 का चुनावी महत्व: दुनिया के भविष्य की कुंजी

2025 में दुनिया कई मोर्चों पर बड़े बदलाव की ओर अग्रसर है।

  • प्रमुख मुद्दे:
    • जलवायु परिवर्तन।
    • आर्थिक सुधार।
    • लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा।
  • परिणाम: इन चुनावों से वैश्विक शक्ति संतुलन, कूटनीतिक संबंध, और आर्थिक नीतियों पर गहरा असर पड़ेगा।

2025 केवल चुनावों का साल नहीं होगा, बल्कि यह उन फैसलों का साल होगा, जो आने वाले दशकों तक दुनिया की राजनीति और समाज को परिभाषित करेंगे।

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