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भारत ने मानव विकास के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा जारी 2025 मानव विकास रिपोर्ट (Human Development Report) के अनुसार, भारत ने मानव विकास सूचकांक (HDI) में तीन स्थानों की छलांग लगाते हुए अब 193 देशों में 130वां स्थान प्राप्त किया है। वर्ष 2022 में भारत इस सूची में 133वें स्थान पर था। भारत का HDI स्कोर अब 0.685 हो गया है, जो 2022 के 0.676 स्कोर से बेहतर है। यह स्कोर मध्यम मानव विकास श्रेणी में आता है, लेकिन अब यह उच्च मानव विकास (HDI ≥ 0.700) की दहलीज़ के क़रीब पहुँच चुका है।
शिक्षा और जीवन प्रत्याशा में उल्लेखनीय सुधार
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में औसत जीवन प्रत्याशा 71.7 से बढ़कर 72 वर्ष हो गई है, जो अब तक की सबसे अधिक है। वहीं, औसत स्कूली शिक्षा के वर्ष 6.57 से बढ़कर 6.88 हो गए हैं। हालांकि, स्कूली शिक्षा के अनुमानित वर्षों में ज्यादा बदलाव नहीं हुआ है। रिपोर्ट ने ‘शिक्षा का अधिकार’, ‘समग्र शिक्षा अभियान’ और ‘नई शिक्षा नीति 2020’ जैसी नीतियों की सराहना की है, लेकिन यह भी संकेत दिया कि शिक्षा की गुणवत्ता और सीखने के परिणाम को लेकर अभी लंबा रास्ता तय करना बाकी है।
आर्थिक मोर्चे पर तेजी से बढ़त
भारत की प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय (GNI) 2021 में USD 8,475.68 से बढ़कर USD 9,046.76 हो गई है। UNDP का कहना है कि 1990 से अब तक भारत के HDI में 53% से अधिक की वृद्धि हुई है — यह वृद्धि वैश्विक औसत और दक्षिण एशियाई देशों के औसत से तेज़ है।
13.5 करोड़ लोग गरीबी से हुए बाहर
इस प्रगति का श्रेय आर्थिक विकास, सामाजिक सुरक्षा योजनाओं और डिजिटल समावेशन को जाता है। योजनाएं जैसे आयुष्मान भारत, मनरेगा, जनधन योजना, और पोषण अभियान ने इस दिशा में अहम भूमिका निभाई है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि 2015-16 से 2019-21 के बीच 13.5 करोड़ लोग बहुआयामी गरीबी से बाहर निकले हैं।
एआई में भारत का बढ़ता दबदबा
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि भारत अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में अग्रणी देशों में शुमार होने लगा है। भारत में AI कौशल तेजी से विकसित हो रहा है और 20% भारतीय AI शोधकर्ता अब देश में ही कार्यरत हैं, जो 2019 में लगभग शून्य था। AI का उपयोग अब कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी सेवाओं में किया जा रहा है और इसे आम नागरिक तक पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
असमानता बनी हुई है चुनौती
हालांकि, रिपोर्ट में एक महत्वपूर्ण चेतावनी भी दी गई है — भारत की HDI असमानता के कारण 30.7% तक कम हो जाती है, जो दक्षिण एशिया में सबसे अधिक है। यह असमानता आय, शिक्षा और जीवन प्रत्याशा जैसे मूल संकेतकों में क्षेत्रीय और सामाजिक अंतर को दर्शाती है।
वैश्विक विकास में मंदी की चेतावनी
UNDP ने यह भी कहा है कि वैश्विक स्तर पर मानव विकास की रफ्तार अब तक की सबसे धीमी हो गई है, जो चिंताजनक है। इसके पीछे कोविड-19 महामारी, जलवायु परिवर्तन और वैश्विक संघर्ष जैसे कारण माने जा रहे हैं। HDI रिपोर्ट 2025 भारत के लिए एक सकारात्मक संकेत है। शिक्षा, स्वास्थ्य, आय और तकनीकी क्षेत्र में हुए सुधार देश को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं। हालांकि, असमानता को कम करना और समावेशी विकास को प्राथमिकता देना अभी भी एक बड़ी ज़रूरत है।
Baten UP Ki Desk
Published : 6 May, 2025, 7:37 pm
Author Info : Baten UP Ki