नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारतीय शेयर बाजार में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) का निवेश इस हफ्ते एक नए रिकॉर्ड पर पहुंच गया है। एफपीआई ने इस सप्ताह कुल 23,659.55 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया, जो बाजार में उनकी बढ़ती हिस्सेदारी और विश्वास को दर्शाता है।
सबसे बड़ा निवेश सोमवार को
आंकड़ों के मुताबिक, इस हफ्ते सोमवार को एफपीआई ने भारतीय इक्विटी में सबसे बड़ा निवेश किया, जो 15,181 करोड़ रुपये के आंकड़े तक पहुंचा। यह प्रवृत्ति पूरे सप्ताह बनी रही, और शुक्रवार को एफपीआई का शुद्ध निवेश 8,537 करोड़ रुपये दर्ज किया गया। इस निवेश प्रवाह ने साप्ताहिक शुद्ध निवेश को 23,000 करोड़ रुपये से ऊपर पहुंचा दिया। सितंबर में अब तक एफपीआई का कुल निवेश 57,359 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है, जो इस साल का अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है।
2024 में एफपीआई निवेश: 1 लाख करोड़ रुपये पार
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार का कहना है कि, "सितंबर में एफआईआई ने अब तक 57,359 करोड़ रुपये का निवेश किया है, जिसमें एक्सचेंजों के माध्यम से 46,480 करोड़ रुपये का निवेश शामिल है। 2024 में अब तक कुल एफआईआई निवेश 1,00,245 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। यह बड़े निवेश भारतीय रुपये की स्थिरता में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।"
यूएस फेड के निर्णय से भारत को फायदा
यूएस फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती के बाद भारतीय शेयर बाजारों में विदेशी तरलता में भारी वृद्धि देखी गई है। विदेशी निवेशकों का यह लगातार बढ़ता निवेश इस बात का संकेत है कि वैश्विक स्तर पर भारतीय बाजारों में निवेशकों का विश्वास मजबूत हो रहा है। मजबूत आर्थिक विकास और अनुकूल बाजार स्थितियों के चलते दुनियाभर के निवेशक भारतीय बाजारों में निवेश करने के इच्छुक हैं।
घरेलू निवेशकों की भी बड़ी हिस्सेदारी
विदेशी निवेशकों के साथ ही घरेलू निवेशकों का भी इस सप्ताह भारतीय शेयर बाजार में मजबूत योगदान रहा। घरेलू संस्थागत निवेशकों ने इस सप्ताह 15,961.71 करोड़ रुपये का निवेश किया, जिससे भारतीय सूचकांकों ने नई ऊंचाइयों को छुआ। इससे साफ होता है कि भारतीय बाजार में आंतरिक और बाहरी दोनों तरह के निवेशक सकारात्मक नजरिए से निवेश कर रहे हैं।
अगस्त में हुआ था निवेश में कमी
इससे पहले अगस्त महीने में भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों का शुद्ध निवेश घटकर 7,322 करोड़ रुपये रह गया था, जो पिछले तीन महीनों में सबसे कम मासिक निवेश था। यह गिरावट जुलाई के मुकाबले काफी ज्यादा थी, जब एफपीआई ने भारतीय इक्विटी में 32,359 करोड़ रुपये का निवेश किया था। पूरे अगस्त में विदेशी निवेशक भारतीय इक्विटी में शुद्ध विक्रेता रहे थे, जो बाजार के लिए एक झटका था। लेकिन सितंबर के महीने में एफपीआई के निवेश में आई तेजी ने इस कमी को पूरा कर दिया है।
आगे का मार्ग: बाजार में निरंतर वृद्धि की उम्मीद
इस हफ्ते के मजबूत निवेश से भारतीय इक्विटी बाजार को और गति मिलने की उम्मीद है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले महीनों में इस निवेश का सकारात्मक प्रभाव बाजार पर दिख सकता है और शेयर बाजार में निरंतर वृद्धि देखी जा सकती है। भारतीय बाजार की स्थिरता और बढ़ती तरलता ने एफपीआई के लिए एक सुरक्षित और आकर्षक निवेश स्थल तैयार किया है।