ब्रेकिंग न्यूज़

वित्त मंत्री ने 1.7 करोड़ किसानों के फायदे के लिए पिटारा खोला Budget 2025: एमएसएमई सेक्टर में क्रेडिट कवर बढ़ाया जाएगा केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को लोकसभा में पेश किया बजट बजट 2025 में NEET स्‍टूडेंट्स के लिए 10,000 नई सीटें बजट के दौरान निचले स्तर से 434 अंक संभला बाजार

इस साल तक पेट्रोल-डीजल गाड़ियों की चमक होगी फीकी! भारत और एशिया होंगे इस बदलाव के ध्वजवाहक

Blog Image

कल्पना कीजिए, साल 2035 की सड़कें जहां हर दो में से एक कार इलेक्ट्रिक होगी। पेट्रोल और डीजल की गंध कम होगी, और उनकी जगह बैटरी से चलने वाली गाड़ियों की शांत रफ्तार ले चुकी होगी। काउंटरपॉइंट टेक्नोलॉजी मार्केट रिसर्च की ताजा रिपोर्ट कहती है कि इस क्रांतिकारी बदलाव की अगुवाई भारत, लैटिन अमेरिका, जापान और दक्षिण-पूर्व एशिया करेंगे। वैश्विक शोध फर्म काउंटरपॉइंट के अनुसार, ईवी सेगमेंट अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है। जहां पारंपरिक वाहन धीमे पड़ रहे हैं, वहीं इलेक्ट्रिक कारें तेजी से मुख्यधारा बनती जा रही हैं।

EV मार्केट में तेज रफ्तार, पेट्रोल-डीजल कारों की मांग धीमी-

2024 में पैसेंजर व्हीकल मार्केट की ग्रोथ केवल 1% रही, जबकि इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग में जबरदस्त उछाल दर्ज किया गया। साल-दर-साल EV बिक्री में 22% की बढ़ोतरी हुई, जिसमें बैटरी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (BEVs) की बिक्री 10% बढ़ी और प्लग-इन हाइब्रिड व्हीकल्स (PHEVs) की बिक्री में 49% का इजाफा हुआ।

किन देशों में होगी सबसे ज्यादा बढ़ोतरी?

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत, लैटिन अमेरिका, जापान और दक्षिण-पूर्व एशिया इलेक्ट्रिक वाहनों की ग्रोथ के मामले में सबसे आगे होंगे। काउंटरपॉइंट के सीनियर एनालिस्ट सौमेन मंडल के अनुसार, चीन में BEV की बिक्री 60% से अधिक हो सकती है, जबकि भारत और जापान के स्थानीय ब्रांड EV मार्केट में प्रमुख भूमिका निभाएंगे।

अमेरिका और यूरोप की स्थिति

  • अमेरिका: घरेलू ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री की सुरक्षा के लिए चीनी EV कंपनियों को प्रवेश से रोकने की कोशिश की जा रही है।
  • यूरोप: चीनी ब्रांड्स पर पहले ही उच्च आयात शुल्क लगाए जा चुके हैं। यह नीति तब तक जारी रह सकती है जब तक कि चीनी कंपनियां यूरोप में निर्माण संयंत्र नहीं स्थापित करतीं।

2035 तक EV बाजार का अनुमान

  • 2025 से 2030 के बीच पैसेंजर व्हीकल मार्केट 3% की CAGR दर से बढ़ेगा।
  • 2030 से 2035 के बीच ग्रोथ 2% CAGR रहेगी और कुल 105 मिलियन व्हीकल्स बिकने की संभावना है।
  • 2025 तक पैसेंजर बैटरी EVs की बाजार हिस्सेदारी 16% से अधिक हो जाएगी।

EVs को किफायती बनाने के लिए कंपनियां क्या कर रही हैं?

काउंटरपॉइंट के रिसर्च एनालिस्ट अभिक मुखर्जी के अनुसार, कंपनियां EVs को अधिक सस्ता बनाने के लिए लगातार इनोवेशन कर रही हैं।

  • नई प्रोडक्शन तकनीक अपनाना
  • बैटरी निर्माताओं के साथ साझेदारी
  • स्थानीय सप्लाई चेन का विकास

भविष्य के लिए शानदार संभावनाएं

EV सेक्टर में तेज ग्रोथ जारी है। भारत और एशियाई देशों में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग तेजी से बढ़ेगी। ऑटो कंपनियों की इनोवेशन रणनीति से आने वाले वर्षों में यह बाजार और मजबूत होगा।

अन्य ख़बरें

संबंधित खबरें