दिवाली का पर्व हमारे देश में न केवल खुशियों का, बल्कि पारंपरिक संस्कारों और रिवाजों का प्रतीक है। यह त्योहार पांच दिनों तक उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है। दिवाली की तैयारियों में जहां घरों की सजावट और बाजारों की रौनक होती है, वहीं इसकी शुभता पुष्य नक्षत्र से शुरू होकर धनतेरस से भाई दूज तक फैली होती है। आइए जानते हैं 2024 के दिवाली पर्व की तिथियां, शुभ मुहूर्त, और इसके विशेष महत्व।
1. पुष्य नक्षत्र: शुभ कार्यों की शुरुआत
तिथि: 24 अक्टूबर 2024
शुभ मुहूर्त: सुबह 11:24 से पूरे दिन
शास्त्रियों के अनुसार, दिवाली के पर्व की असली शुरुआत पुष्य नक्षत्र से मानी जाती है। इस नक्षत्र का विशेष महत्व है क्योंकि इस दिन महालक्ष्मी, सर्वार्थसिद्धि, अमृतसिद्धि, पारिजात, बुधादित्य और पर्वत योग जैसे विशेष संयोग बनते हैं। इस दिन सोना-चांदी, बर्तन, वाहन, प्रॉपर्टी जैसी वस्तुओं की खरीदारी बेहद शुभ मानी जाती है।
शॉपिंग के लिए शुभ मुहूर्त:
- सुबह: 10:30 से 12:00 बजे तक
- दोपहर: 12:00 से 2:45 बजे तक
- शाम: 4:10 से 8:45 बजे तक
2. धनतेरस: सौभाग्य और संपन्नता का दिन
तिथि: 29 अक्टूबर 2024, मंगलवार
धनतेरस का त्योहार त्रयोदशी तिथि के दौरान मनाया जाता है। इस दिन लोग श्री धन्वंतरि और लक्ष्मी पूजन के साथ नई वस्तुओं की खरीदारी करते हैं। शुभ मुहूर्त में की गई खरीदारी से घर में सुख-समृद्धि आती है।
धनतेरस पर पूजन का शुभ मुहूर्त:
- सुबह: 10:30 से 1:30 बजे तक
- दोपहर: 2:30 से 4:00 बजे तक
- शाम: 7:13 से 8:48 बजे तक
श्रीधन्वंतरि पूजन के लिए सबसे शुभ समय शाम 7:13 से रात 8:48 तक रहेगा।
3. छोटी दिवाली या काली चौदश: नकारात्मकता से मुक्ति
तिथि: 30 अक्टूबर 2024, बुधवार
छोटी दिवाली, जिसे नरक चतुर्दशी भी कहते हैं, इस दिन काली माता की पूजा का विशेष महत्व है। इस पूजा के माध्यम से नकारात्मकता का नाश और समृद्धि की कामना की जाती है।
काली चौदश का शुभ मुहूर्त:
- रात 10:23 से 11:58 बजे तक
हनुमान जी की पूजा करना भी इस दिन फलदायी माना जाता है।
4. दिवाली और महालक्ष्मी पूजन: प्रकाश और समृद्धि का पर्व
तिथि: 31 अक्टूबर 2024, गुरुवार
अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर को दोपहर 2:57 पर आरंभ होकर 1 नवंबर की शाम 4:58 पर समाप्त होगी। महालक्ष्मी पूजन का समय विशेषतः महत्वपूर्ण माना जाता है।
श्री लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त:
- वृच्क्ष्कि लग्न: दोपहर 1:43 से 3:15 बजे तक
- गोधूलि बेला: शाम 5:41 से 8:10 बजे तक
- वृषभ लग्न: शाम 6:30 से 8:28 बजे तक
- महानिशा काल: रात 11:41 से 12:30 बजे तक
- सिंह लग्न: रात 12:57 से 3:10 बजे तक
5. गोवर्धन पूजा: प्रकृति और भगवान कृष्ण की आराधना
तिथि: 2 नवंबर 2024, शनिवार
गोवर्धन पूजा दीवाली के अगले दिन होती है। यह दिन प्रकृति और भगवान कृष्ण के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का है। उदया तिथि के अनुसार इस वर्ष गोवर्धन पूजा 2 नवंबर को मनाई जाएगी।
गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त:
- सुबह: 7:44 से 9:23 बजे तक
6. भाई दूज: भाई-बहन के पवित्र संबंध का पर्व
तिथि: 3 नवंबर 2024, रविवार
भाई दूज भाई-बहन के बीच अटूट रिश्ते को मनाने का दिन है। इस दिन बहनें अपने भाईयों के माथे पर तिलक लगाकर उनकी लंबी उम्र और सुखी जीवन की कामना करती हैं।
तिलक का शुभ मुहूर्त:
- सुबह: 10:33 से 11:58 बजे तक
- दोपहर: 1:23 से 2:46 बजे तक
यम पूजन का शुभ समय दोपहर 1:23 से 4:11 बजे तक रहेगा।
दिवाली के पर्व का महत्व
दिवाली के 5 दिन समृद्धि, आनंद, और शुभता से परिपूर्ण होते हैं। हर दिन के पीछे विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व छिपा है, जो हमारी संस्कृति को समृद्ध बनाता है। इस दिवाली, हर दिन के शुभ मुहूर्त का लाभ उठाएं और अपने जीवन को उज्जवल और मंगलमयी बनाएं।