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मोदी-शाह के नेतृत्व पर चंपई सोरेन ने जताया भरोसा, बेटे के साथ थामेगें बीजेपी का दामन

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झारखंड की राजनीति में एक बड़ा बदलाव सामने आ रहा है, जहां पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल होने की घोषणा कर दी है। सोरेन ने इस फैसले के पीछे की वजह बताते हुए कहा कि उन्होंने पहले राजनीति से संन्यास लेने का विचार किया था और फिर एक नया राजनीतिक संगठन बनाने की भी योजना बनाई थी। लेकिन समय की कमी और गहन विचार-विमर्श के बाद उनका भरोसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर बढ़ गया, जिसके चलते उन्होंने BJP में शामिल होने का निर्णय लिया। इस यात्रा में उनके बेटे भी साथ होंगे।

(JMM) के नेतृत्व पर लगाए गंभीर आरोप-

चंपई सोरेन के इस कदम की औपचारिक घोषणा 30 अगस्त को रांची में होगी, जैसा कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर जानकारी दी थी। इससे पहले चंपई सोरेन ने नई दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद से ही उनके BJP में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई थीं। गौरतलब है कि चंपई सोरेन ने कुछ समय पहले अपने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाए थे और राजनीतिक अपमान का जिक्र किया था।

भाजपा के लिए लाभ का सौदा-

लोकसभा चुनाव में भाजपा ने झामुमो के हाथों सभी पांच सुरक्षित सीटें गंवा दी थी। आदिवासी बिरादरी की नाराजगी का आलम यह था कि केंद्रीय मंत्री रहे अर्जुन मुंडा भी अपनी सीट नहीं बचा पाए थे। चूंकि चंपई सोरेन परिवार के करीबी और आदिवासी वर्ग के दिग्गज नेता हैं, ऐसे में चंपई की बगावत से झामुमो को नवंबर-दिसंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव में बड़ा झटका लग सकता है।

सोशल मीडिया पर जताई नाराजगी-

सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए सोरेन ने कहा था कि अपमानजनक व्यवहार से आहत होकर उन्होंने नया विकल्प तलाशने का फैसला किया। उन्होंने यह भी संकेत दिया था कि उनके सामने राजनीति से संन्यास लेने, एक नया संगठन खड़ा करने, या फिर नए राजनीतिक साथी के साथ आगे बढ़ने के विकल्प बचे थे। हालांकि, इस बीच उन्होंने अपने समर्थकों से भी मुलाकात की और विधानसभा चुनाव के मद्देनजर रणनीति पर चर्चा की।

चंपई सोरेन JMM के लिए बड़ा झटका-

चंपई सोरेन के इस कदम को JMM के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। वे सोरेन परिवार के बेहद करीबी माने जाते हैं और उनके BJP में शामिल होने से JMM को आगामी विधानसभा चुनाव में बड़ा नुकसान हो सकता है। वहीं, BJP के लिए यह एक लाभकारी सौदा साबित हो सकता है, खासकर तब जब लोकसभा चुनाव में पार्टी ने झारखंड में सभी पांच सुरक्षित सीटें खो दी थीं। चंपई सोरेन जैसे आदिवासी नेता के BJP में आने से पार्टी को आदिवासी मतदाताओं के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने में मदद मिल सकती है।

मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाल चुके हैं चंपई सोरेन-

फरवरी से जुलाई 2024 तक, झारखंड की मुख्यमंत्री की कुर्सी पर चंपई सोरेन ने कार्यभार संभाला। उनकी यह नियुक्ति हेमंत सोरेन की मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तारी के बाद की गई थी। यह समय अवधि झारखंड की राजनीति में महत्वपूर्ण बदलावों की गवाह रही, और चंपई सोरेन की भूमिका इस बदलते परिदृश्य में अत्यंत महत्वपूर्ण रही।

चंपई सोरेन झारखंड की राजनीति में एक स्थापित नाम

हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी ने राज्य की राजनीतिक स्थिति में बड़ा संकट उत्पन्न किया, जिससे सरकार की स्थिरता पर प्रश्नचिन्ह लगा। इस संकट को सुलझाने के लिए और शासन की निरंतरता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री बनाया गया। चंपई सोरेन झारखंड की राजनीति में एक स्थापित नाम हैं और उनकी नियुक्ति से पार्टी और सरकार के अंदर सकारात्मक संदेश गया कि शासन की गाड़ी बिना किसी रुकावट के चलती रहेगी।

चंपई सोरेन का राजनीतिक करियर

चंपई सोरेन का राजनीतिक करियर 2005 से लगातार विधानसभा चुनावों में जीत के रिकॉर्ड से भरा हुआ है। उन्होंने विभिन्न चुनावों में अपनी राजनीतिक क्षमता और लोकप्रियता साबित की है। उनके अनुभव और संगठनात्मक कौशल ने उन्हें पार्टी के अंदर एक मजबूत नेता के रूप में स्थापित किया है। उनकी नेतृत्व शैली और प्रशासनिक क्षमता के कारण ही उन्हें इस महत्वपूर्ण समय पर मुख्यमंत्री बनाया गया।

चंपई के कार्यकाल के दौरान महत्वपूर्ण निर्णय

चंपई सोरेन के मुख्यमंत्री पद के कार्यकाल के दौरान, झारखंड ने कई महत्वपूर्ण निर्णय और सुधारात्मक कदम उठाए। उनकी सरकार ने विभिन्न विकास परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया और प्रदेश के लोगों को त्वरित समाधान देने की कोशिश की। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि सरकार की योजनाएं और नीतियां धरातल पर लागू हों और आम जनता को इसका लाभ मिले। इस समय के दौरान, चंपई सोरेन ने कई प्रशासनिक सुधार भी किए। उनके नेतृत्व में, सरकार ने राज्य में आधारभूत संरचनाओं को सुधारने और सामाजिक कल्याण योजनाओं को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं की शुरुआत की। उनकी प्राथमिकता में शिक्षा, स्वास्थ्य, और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास शामिल था, जिससे राज्य के विकास को गति मिली।

कठिन समय में शासन की स्थिरता-

चंपई सोरेन की मुख्यमंत्री के रूप में यह अवधि झारखंड की राजनीति में एक महत्वपूर्ण अध्याय रही। उन्होंने कठिन समय में शासन की स्थिरता बनाए रखने की जिम्मेदारी निभाई और प्रदेश के विकास को प्राथमिकता दी। उनकी यह नियुक्ति और उनके कार्यकाल ने साबित किया कि वे एक कुशल और सक्षम नेता हैं, जो राज्य की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हैं।

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