बड़ी खबरें

ब्राजील दौरे पर पहुंचे पीएम मोदी का हुआ भव्य स्वागत, जी20 देशों के सम्मेलन में होंगे शामिल, पिछले साल भारत की अध्यक्षता में हुआ था जी20 सम्मेलन 3 दिन पहले स्वदेशी हाइपरसोनिक मिसाइल की हुई सफल टेस्टिंग, 1500 किलोमीटर से ज्यादा रेंज, साउंड से 5 गुना तेज है इसकी रफ्तार 3 दिन पहले जहरीली हुई गाजियाबाद की हवा,AQI 400 के पार, NCR में ग्रेप-4 लागू, सबसे ज्यादा लोनी इलाका प्रभावित 3 दिन पहले झांसी में 10 बच्चों की मौत के बाद जागा प्रशासन, पूरे यूपी में ताबड़तोड़ कार्रवाई, 80 अस्पतालों को बंद करने का नोटिस 3 दिन पहले यूपी के 46 स्टेट हाइवे सहित 196 सड़कों को किया जाएगा चौड़ा, खराब सड़क बनाने वालों पर गाज गिरनी तय 3 दिन पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट पहुंचा TGT 2013 भर्ती मामला, 6 सप्ताह बाद होगी सुनवाई, चयनित अभ्यर्थियों को विद्यालय आवंटित न किए जाने का उठाया गया मुद्दा 3 दिन पहले यूपी बोर्ड 2025 के लिए घोषित हुईं परीक्षा की संभावित तारीखें, महाकुंभ की वजह से इस बार देरी से हो सकती हैं परीक्षाएं 3 दिन पहले लखनऊ में लगातार गिर रहा पारा, लालबाग और तालकटोरा में हवा का प्रदूषण खतरनाक, पछुआ हवा ने दूर किया कोहरा 3 दिन पहले लखनऊ के KGMU में जल्द शुरू होगा बोन बैंक, ट्रांसप्लांट मरीजों को मिलेगी बड़ी राहत,हड्डी के ट्यूमर पर एक्सपर्ट ने दी टिप्स 3 दिन पहले IIT दिल्ली में इंग्लिश लैंग्वेज इंस्ट्रक्टर की निकली भर्ती, एज लिमिट 45 साल, 75 हजार तक मिलेगी सैलरी 3 दिन पहले

बॉम्बे हाईकोर्ट ने फैक्ट चेक यूनिट को घोषित किया असंवैधानिक,आईटी नियम 2023 के संशोधन रद्द

Blog Image

बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) संशोधन नियम 2023 को असंवैधानिक घोषित कर दिया। अदालत ने इन नियमों को रद्द कर दिया है, जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर सरकार से संबंधित 'फर्जी और भ्रामक' सूचनाओं की पहचान और खारिज करने के लिए एक फैक्ट चेक यूनिट स्थापित करने की अनुमति देते थे। यह फैसला स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा और अन्य याचिकाकर्ताओं द्वारा दायर याचिकाओं पर आया है, जिन्होंने इस फैक्ट चेक यूनिट की वैधता पर सवाल उठाए थे।

न्यायमूर्ति चंदुरकर का फैसला: संविधान का उल्लंघन

जस्टिस ए एस चंदुरकर, जिन्हें इस मामले में 'टाई-ब्रेकर जज' के रूप में नियुक्त किया गया था, ने शुक्रवार को अपने निर्णय में कहा कि आईटी नियम 2023 भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार), अनुच्छेद 19 (भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता) और अनुच्छेद 19(1)(जी) (व्यवसाय करने की स्वतंत्रता) का उल्लंघन करते हैं। न्यायमूर्ति ने आगे कहा कि 'फर्जी, झूठा और भ्रामक' जैसे शब्दों की स्पष्ट परिभाषा न होने के कारण ये नियम अस्पष्ट और गलत हैं।

संविधान के अनुच्छेद 21 का भी हुआ उल्लंघन-

न्यायमूर्ति चंदुरकर ने अपने फैसले में यह भी उल्लेख किया कि आईटी संशोधन नियम अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार) का भी उल्लंघन करते हैं। उन्होंने कहा कि ये संशोधन "अनुपातिकता के परीक्षण" को संतुष्ट नहीं करते हैं, जिसका अर्थ है कि इस तरह के नियम मौलिक अधिकारों पर अनुचित रूप से कठोर नियंत्रण लगाते हैं।

कुणाल कामरा और अन्य की याचिकाओं को मिली मंजूरी-

स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा और अन्य याचिकाकर्ताओं ने केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए इन संशोधन नियमों को चुनौती दी थी। उनके अनुसार, सरकार द्वारा बनाई गई फैक्ट चेक यूनिट सरकार के खिलाफ़ सामग्री को सेंसर करने के लिए एक सशक्त उपकरण बन सकती थी, जिससे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर आघात होता। हाईकोर्ट ने इन याचिकाओं को मंजूरी देते हुए सरकार के संशोधनों को खारिज कर दिया।

आईटी नियम 2023: क्या था मामला?

केंद्र सरकार ने 2023 की शुरुआत में सोशल मीडिया पर नकली, झूठी या भ्रामक सूचनाओं की पहचान के लिए एक फैक्ट चेक यूनिट स्थापित करने का निर्णय लिया था। इसके अंतर्गत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे एक्स (पहले ट्विटर), इंस्टाग्राम, और फेसबुक को यह अनिवार्य किया गया था कि वे सरकार द्वारा फैक्ट चेक की गई सामग्री को या तो हटा दें या उस पर एक अस्वीकरण जोड़ें। इस फैसले के खिलाफ़ याचिकाएं दायर की गई थीं, जिसमें इस व्यवस्था को असंवैधानिक बताया गया था।

विभाजित फैसले के बाद आया टाई-ब्रेकर निर्णय

इससे पहले, न्यायमूर्ति गौतम पटेल और न्यायमूर्ति डॉ. नीला गोखले की खंडपीठ द्वारा इस मामले में अलग-अलग फैसले दिए गए थे। विभाजित निर्णय के बाद, यह मामला जस्टिस चंदुरकर के पास भेजा गया, जिन्होंने शुक्रवार को अपना फैसला सुनाया।

अन्य ख़बरें

संबंधित खबरें