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कैंसर के खिलाफ भारत को बड़ी कामयाबी मिली है। देश की पहली घरेलू जीन थेरेपी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लॉन्च किया। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) बॉम्बे और टाटा मेमोरियल सेंटर द्वारा, जीन-बेस्ड थेरेपी को देश के बाहर इसकी कीमत के लगभग दसवें हिस्से पर भारत में तैयार किया गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कैंसर के इलाज (cancer treatment) के लिए भारत की पहली स्वदेशी रूप से विकसित सीएआर टी-सेल थेरेपी (CAR T-cell therapy) को लॉन्च किया। इसे एक बड़ी सफलता के तौर पर देखा जा रहा है जो बीमारी के खिलाफ लड़ाई में मानव जाति के लिए नई आशा बन कर आई है। इसे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) बॉम्बे और टाटा मेमोरियल सेंटर (Indian Institute of Technology (IIT) Bombay and Tata Memorial Centre) द्वारा विकसित किया गया है।
देश की पहली 'मेड इन इंडिया' थेरेपी-
आईआईटी बॉम्बे में लॉन्च कार्यक्रम में बोलते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि थेरेपी का स्वदेशी विकास मेक इन इंडिया पहल का एक उदाहरण है। सीएआर टी-सेल थेरेपी में प्रयोगशाला में रोगी की टी सेल्स (एक प्रकार की प्रतिरक्षा प्रणाली कोशिका) को संशोधित करना और कैंसर कोशिकाओं पर हमला करने और उन्हें नष्ट करने के लिए उनका इस्तेमाल करना शामिल है। नेक्सकार19 कार टी-सेल थेरेपी' देश की पहली 'मेड इन इंडिया' कार टी-सेल थेरेपी है जिससे इलाज की लागत में काफी कमी आने की उम्मीद है। राष्ट्रपति ने कहा कि इस थेरेपी को चिकित्सा विज्ञान में अभूतपूर्व प्रगति माना जा रहा है। उन्होंने कहा, "इस थेरेपी का विकास 'मेक इन इंडिया' पहल का एक उदाहरण है और यह भारतीय वैज्ञानिकों और चिकित्सकों के बारे में बहुत कुछ बताता है। मुर्मू ने कहा, "भारत की पहली जीन थेरेपी का लॉन्च कैंसर के खिलाफ हमारी लड़ाई में एक बड़ी सफलता है। सीएआर टी-सेल थेरेपी नामक ट्रीटमेंट की यह सीरीज सुलभ और सस्ती है, यह पूरी मानव जाति के लिए एक नई आशा प्रदान करती है।
भारत में 30 लाख रुपये में होगा इलाज-
टाटा मेमोरियल सेंटर के निदेशक सुदीप गुप्ता ने कहा कि सीएआर टी-सेल थेरेपी बेहद महंगी है और अधिकांश लोगों की पहुंच से बाहर हैं। उन्होंने कहा कि NexCar19 को सबसे कठोर परिस्थितियों में प्रत्येक रोगी के लिए कस्टम निर्मित करने की आवश्यकता है, लेकिन इसे भारत के बाहर उपलब्ध कीमत के लगभग दसवें हिस्से पर तैयार किया गया है। इसके साथ ही आईआईटी बॉम्बे के निदेशक प्रोफेसर सुभासिस चौधरी ने कहा कि इलाज की लागत विदेश में भगभग 4 करोड़ रुपये है जबकि भारत में 30 लाख रुपये है। उन्होंने कहा, कम लागत वाली सीएआर टी-सेल थेरेपी देश और कैंसर रोगियों के लिए बड़ी उपलब्धि है और यह भारत को सेल और जीन थेरेपी के ग्लोबल मैप पर मजबूती से स्थापित करता है।
Baten UP Ki Desk
Published : 5 April, 2024, 6:40 pm
Author Info : Baten UP Ki