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देशभर में महिला सांसदों और विधायकों की बढ़ती संख्या के बावजूद, उनकी सुरक्षा और कानूनी स्थिति पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, देश की 28% महिला सांसदों और विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसके अलावा, रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि 17 महिला सांसदों और विधायकों ने खुद को अरबपति घोषित किया है।
28% महिला सांसदों-विधायकों पर आपराधिक आरोप
एडीआर की रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि देश की कुल 513 महिला सांसदों और विधायकों में से 143 यानी 28% ने खुद पर आपराधिक मामले दर्ज होने की जानकारी दी है। इनमें से 78 महिला सांसदों और विधायकों में से 15% के खिलाफ हत्या के प्रयास और हत्या जैसे गंभीर आरोप लगे हैं।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि लोकसभा की 75 महिला सांसदों में से 32% और राज्यसभा की 37 महिला सांसदों में से 27% पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। वहीं, राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की 400 महिला विधायकों में से 27% ने भी अपने खिलाफ आपराधिक मामले होने की बात स्वीकार की है।
अरबपतियों की संख्या में भी इजाफा
रिपोर्ट में एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि 17 महिला सांसदों और विधायकों ने खुद को अरबपति घोषित किया है। इनमें से लोकसभा की 75 महिला सांसदों में से 6, राज्यसभा की 37 में से 3, और राज्य विधानसभाओं की 400 महिला विधायकों में से 8 ने अरबपति होने का दावा किया है।
पार्टीवार आपराधिक मामलों का बंटवारा
यदि महिला सांसदों और विधायकों के आपराधिक मामलों को राजनीतिक दलों के आधार पर...
भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.):
कुल महिला सांसद-विधायक: 217
आपराधिक मामलों में शामिल: 23%
कांग्रेस:
कुल महिला सांसद-विधायक: 83
आपराधिक मामलों में शामिल: 34%
गंभीर आरोपों में शामिल: 20%
तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा):
कुल महिला सांसद-विधायक: 20
आपराधिक मामलों में शामिल: 65%
आम आदमी पार्टी (आप):
कुल महिला सांसद-विधायक: 13
आपराधिक मामलों में शामिल: 69%
कानूनी और राजनीतिक चुनौतियाँ
एडीआर की रिपोर्ट ने यह भी बताया कि इन आंकड़ों से यह साफ होता है कि देश में महिला सांसदों और विधायकों पर आपराधिक आरोपों का प्रतिशत लगातार बढ़ता जा रहा है। इससे यह सवाल खड़ा होता है कि क्या हमारी राजनीतिक प्रणाली और कानूनी तंत्र महिला नेताओं के खिलाफ उठ रहे गंभीर आरोपों का सही तरीके से निपटान कर पा रहे हैं?
महिला सांसदों और विधायकों की बढ़ती संख्या और उनके खिलाफ आपराधिक मामलों का बढ़ना इस बात का संकेत हो सकता है कि राजनीति में महिलाओं की भागीदारी तो बढ़ी है, लेकिन उनके अधिकारों और सुरक्षा की सुनिश्चितता पर अभी भी बहुत काम किया जाना बाकी है।
महिला जनप्रतिनिधियों पर आपराधिक मामलों की बढ़ती संख्या
रिपोर्ट के इन आंकड़ों को ध्यान में रखते हुए, यह सवाल उठता है कि क्या राजनीतिक दलों और कानून की प्रक्रिया को इस दिशा में और सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों को सही तरीके से निपटा जा सके और चुनावों में उनकी भागीदारी को सुरक्षित किया जा सके।
Baten UP Ki Desk
Published : 1 May, 2025, 1:44 pm
Author Info : Baten UP Ki