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टेक शेयरों में गिरावट से सेंसेक्स में भारी नुकसान, निफ्टी 26 के नीचे हुआ बंद

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सोमवार को भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत कमजोरी के साथ हुई, जहां सेंसेक्स और निफ्टी50 में भारी गिरावट दर्ज की गई। वैश्विक बाजारों के नकारात्मक संकेतों और प्रमुख शेयरों में बिकवाली के दबाव ने घरेलू बाजार को कमजोर किया। शुरुआती कारोबार में बीएसई सेंसेक्स 500 अंकों से अधिक फिसल गया, जबकि निफ्टी 26,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे चला गया।

टेक और बैंकिंग शेयरों में गिरावट से बाजार पर दबाव

सेंसेक्स में सबसे ज्यादा गिरावट टेक और बैंकिंग सेक्टर के शेयरों में देखने को मिली। रिलायंस इंडस्ट्रीज, इंफोसिस, टीसीएस और आईसीआईसीआई बैंक जैसे दिग्गज शेयरों में कमजोरी के चलते बाजार पर भारी दबाव रहा। सुबह करीब 9:50 बजे सेंसेक्स 706 अंक गिरकर 84,865.79 पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी50 में 206 अंकों की गिरावट दर्ज की गई और यह 25,973.15 पर कारोबार कर रहा था।

विदेशी निवेशकों की बिकवाली और एशियाई बाजारों में गिरावट

बाजार में गिरावट का एक प्रमुख कारण विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की बिकवाली है। शुक्रवार को एफआईआई ने भारतीय शेयर बाजार से 1,209.10 करोड़ रुपये की निकासी की। साथ ही, एशियाई बाजारों में भी कमजोर रुझान देखा गया। जापान का निक्केई सूचकांक 5 प्रतिशत तक गिर गया, जबकि सियोल और टोक्यो के बाजारों में भी मंदी रही। शंघाई और हांगकांग के बाजारों में कुछ सकारात्मक संकेत मिले, लेकिन वे भारतीय बाजारों के लिए पर्याप्त नहीं रहे।

अग्रणी शेयरों की स्थिति-

सेंसेक्स की 30 कंपनियों में से कई प्रमुख शेयरों में गिरावट रही, जिनमें टेक महिंद्रा, महिंद्रा एंड महिंद्रा, आईसीआईसीआई बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एक्सिस बैंक और अल्ट्राटेक सीमेंट शामिल हैं। इसके विपरीत, कुछ शेयरों में बढ़त भी देखने को मिली, जिनमें टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू स्टील, एनटीपीसी, टाइटन, हिंदुस्तान यूनिलीवर और एशियन पेंट्स शामिल रहे।

अमेरिकी और एशियाई बाजारों का प्रभाव-

शुक्रवार को अमेरिकी बाजारों का मिलाजुला रुख रहा, जिसका प्रभाव भारतीय बाजारों पर भी देखने को मिला। इसके साथ ही, चीनी बाजारों में सरकार द्वारा आर्थिक प्रोत्साहन की घोषणाओं से कुछ सकारात्मक संकेत उभरे, लेकिन वे भारतीय बाजार के लिए तुरंत लाभकारी नहीं साबित हो पाए। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के प्रमुख निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार ने बताया, "चीनी अर्थव्यवस्था में सुधार की उम्मीदें बनी हुई हैं, लेकिन इसका असर भारतीय बाजार पर सीमित ही है।"

तेल की कीमतों में बढ़ोतरी-

वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड में 0.71 प्रतिशत की तेजी देखी गई, जिसके बाद इसकी कीमत 72.49 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई। इस बढ़ोतरी से भी बाजार पर दबाव बना हुआ है, क्योंकि उच्च तेल कीमतें भारत जैसे आयातक देशों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकती हैं।

शुक्रवार को बाजार का प्रदर्शन-

शुक्रवार को बीएसई सेंसेक्स में 264.27 अंक या 0.31 प्रतिशत की गिरावट आई और यह 85,571.85 पर बंद हुआ। दिन के कारोबार के दौरान यह 142.13 अंक चढ़कर 85,978.25 के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा था। निफ्टी भी 37.10 अंक या 0.14 प्रतिशत गिरकर 26,178.95 पर बंद हुआ था, जबकि सत्र के दौरान यह 26,277.35 के सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था।

विदेशी निवेशकों की बिकवाली-

विदेशी निवेशकों की बिकवाली, वैश्विक बाजारों में कमजोरी और प्रमुख घरेलू शेयरों में गिरावट के चलते भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत सोमवार को कमजोर रही। हालांकि कुछ शेयरों में सकारात्मकता देखने को मिली, लेकिन कुल मिलाकर बाजार पर भारी दबाव रहा। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में यह गिरावट जारी रहती है या बाजार में सुधार के संकेत मिलते हैं।

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