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GST की इस मीटिंग से लगा आम आदमी को झटका, नहीं घटेगा लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम!

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जीएसटी काउंसिल की 55वीं बैठक में हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्स दर घटाने की उम्मीदों पर पानी फिर गया। दरों में कटौती का फैसला टालते हुए इसे अगली बैठक के लिए स्थगित कर दिया गया है। इसका सीधा मतलब है कि पॉलिसीधारकों को अभी भी 18% जीएसटी दर पर ही प्रीमियम चुकाना होगा, जिससे वित्तीय चुनौती बनी रहेगी।

फैसले में देरी क्यों?

जीएसटी काउंसिल ने बताया कि हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर जीएसटी दरों में कटौती के लिए अभी और गहन विश्लेषण की जरूरत है। मंत्रियों के समूह (GOM) से कहा गया है कि वे इस मामले पर और विस्तृत जानकारी और स्पष्टता के साथ अपनी रिपोर्ट तैयार करें।

वर्तमान जीएसटी दरें

  • स्वास्थ्य बीमा और टर्म लाइफ इंश्योरेंस: 18% जीएसटी
  • एंडोमेंट प्लान: पहले वर्ष 4.5%, बाद के वर्षों में 2.25%
  • सिंगल प्रीमियम एन्युटी पॉलिसी: 1.8% जीएसटी

क्या थीं प्रस्तावित सिफारिशें?

  • जीवन बीमा पर छूट
    GOM ने शुद्ध टर्म लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसियों को जीएसटी से पूरी तरह मुक्त करने की सिफारिश की थी।

  • सीनियर सिटीजन्स को राहत
    वरिष्ठ नागरिकों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस पर जीएसटी छूट देने का प्रस्ताव दिया गया था, जिससे उनकी मेडिकल खर्चे की लागत कम हो सके।

  • पर्सनल हेल्थ इंश्योरेंस पर दर में कटौती
    सभी व्यक्तिगत हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियों पर जीएसटी दर को घटाकर 5% करने का सुझाव दिया गया था। हालांकि, इसमें इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का विकल्प शामिल नहीं था।

शेयर बाजार पर संभावित असर-

सोमवार को बाजार खुलने पर, हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस देने वाली कंपनियों जैसे पॉलिसीबाजार, गो डिजिट और निवा बूपा के शेयरों पर इस फैसले का असर देखने को मिल सकता है।

आगे क्या?

आम आदमी को फिलहाल कोई राहत नहीं मिली है, लेकिन भविष्य में जीएसटी दरों में कटौती की संभावनाएं बनी हुई हैं। सभी की निगाहें अगली जीएसटी काउंसिल की बैठक पर टिकी रहेंगी।

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