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यूपी को कैपेबिलिटी सेंटर का सुपर हब बनाने जा रही है योगी सरकार, निवेशकों को मिलेगा बड़ा लाभ

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उत्तर प्रदेश अब एक नई ऊंचाई छूने के लिए तैयार है। योगी आदित्यनाथ सरकार राज्य को ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (जीसीसी) का सुपर हब बनाने जा रही है। इस दिशा में प्रदेश सरकार पहली बार विशेष नीति पेश करने जा रही है, जिसका उद्देश्य राज्य में निवेशकों को आकर्षित करना और युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करना है।

क्या है ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर?

जीसीसी (ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर) वे बहुआयामी केंद्र होते हैं जो कंपनियों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), साइबर सुरक्षा, डाटा विश्लेषण, रोबोटिक्स, क्लाउड-क्वांटम कंप्यूटिंग जैसी तकनीकी सेवाएं प्रदान करते हैं। ये केंद्र तकनीकी नवाचार और व्यवसायिक प्रक्रिया का केंद्र बिंदु होते हैं।

युवाओं को मिलेगा रोजगार का सुनहरा अवसर-

उत्तर प्रदेश सरकार ने 1000 ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर स्थापित करने का लक्ष्य रखा है, जिससे 5 लाख से अधिक युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। सरकार निवेशकों को स्टांप ड्यूटी में 100 प्रतिशत छूट और अन्य प्रोत्साहन देने की योजना बना रही है।

नई नीति से कैसे होगा विस्तार?

योगी सरकार द्वारा पेश की जाने वाली यूपी जीसीसी नीति-2024 को आईटी एंड इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग ने 5 वर्षों के लिए तैयार किया है। यह नीति जल्द ही कैबिनेट से पास कराई जाएगी। इस नीति के तहत ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर को ‘हब एंड स्पोक’ मॉडल पर विकसित किया जाएगा, जिसमें मुख्य चार घटक होंगे – ग्लोबल हब, सेटेलाइट ऑफिस, आउटसोर्स सेंटर और क्लस्टर ऑफिस।

इन शहरों में होगा तेजी से विस्तार-

फिलहाल, गौतमबुद्धनगर देश में जीसीसी के बड़े हब के रूप में उभर रहा है। इसके अलावा कानपुर, लखनऊ, प्रयागराज और मेरठ में भी जीसीसी केंद्र स्थापित किए गए हैं। नई नीति के लागू होने के बाद आगरा, बरेली, गोरखपुर और वाराणसी में भी इन केंद्रों का विस्तार होगा।

40 आईटी पार्क और 25 एसईजेड से मिलेगा बड़ा लाभ

प्रदेश में 40 आईटी पार्क और 25 स्पेशल इकोनॉमी जोन (एसईजेड) भी नीति के माध्यम से निवेश और उद्यम स्थापना को बढ़ावा देंगे। यहां पर विश्व स्तरीय संसाधनों और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। सरकार के हालिया फैसले के अनुसार, आईटी सेक्टर को उद्योग का दर्जा दिए जाने से कंपनियों को औद्योगिक क्षेत्रों में जमीन और बिजली जैसी सुविधाओं में छूट मिलेगी, जिससे आईटी सेक्टर को नई ऊर्जा मिलेगी।

निवेश और रोजगार की दो श्रेणियां-

यूपी जीसीसी नीति-2024 के तहत ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर दो श्रेणियों में विभाजित होंगे। पहली श्रेणी के लिए न्यूनतम 15 करोड़ रुपये का निवेश और 500 लोगों को रोजगार देने की शर्त रखी गई है, जबकि गौतमबुद्धनगर और गाजियाबाद में यह सीमा 20 करोड़ रुपये होगी। एडवांस्ड जीसीसी के लिए 50 करोड़ रुपये का न्यूनतम निवेश और 1000 से अधिक लोगों को रोजगार देना अनिवार्य होगा।

बुंदेलखंड और पूर्वांचल में निवेश पर विशेष सब्सिडी

यदि कोई निवेशक बुंदेलखंड या पूर्वांचल में जीसीसी स्थापित करता है, तो उसे सरकार द्वारा जमीन पर 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाएगी। पश्चिमी और पूर्वी उत्तर प्रदेश में यह सब्सिडी 40 प्रतिशत होगी, जबकि गौतमबुद्धनगर और गाजियाबाद में 30 प्रतिशत तक सब्सिडी का प्रावधान है।

ब्याज दरों में छूट और अन्य सुविधाएं-

जीसीसी स्थापित करने वाले निवेशकों को टर्म लोन पर 5 प्रतिशत की दर से ब्याज सब्सिडी मिलेगी। इसके अलावा, लीज रेंट, डाटा सेंटर, बैंडविथ, क्लाउड सर्विस और बिजली पर भी 20 प्रतिशत की दर से सब्सिडी दी जाएगी।

नई नीति से यूपी का उज्ज्वल भविष्य-

योगी सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना से उत्तर प्रदेश देश और दुनिया के लिए एक वैश्विक क्षमता केंद्र के रूप में उभरने वाला है। रोजगार के नए अवसर, निवेशकों के लिए प्रोत्साहन और उच्च तकनीकी सेवाओं के माध्यम से प्रदेश का विकास और अधिक सशक्त होगा।

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