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उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) द्वारा पीसीएस-2024 (प्रारंभिक) और आरओ-एआरओ-2023 (प्रारंभिक) परीक्षाओं को दो दिन में कराने के फैसले पर विवाद बढ़ता जा रहा है। दो दिनों में परीक्षा कराने के निर्णय के खिलाफ छात्र प्रदर्शनकारी बन गए हैं और उन्होंने आयोग के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। सोमवार सुबह से आयोग के बाहर भारी पुलिस बल तैनात है, फिर भी छात्र बैरिकेडिंग तोड़ते हुए आयोग के गेट तक पहुंचने में सफल हुए, जिससे तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है।
पुलिस और छात्रों में टकराव, गूंजे नारों की गूंज
यूपीपीएससी के फैसले का विरोध करने के लिए छात्रों ने आयोग तक पहुंचने का प्रयास किया, लेकिन रास्ते में लगी पुलिस बैरिकेडिंग से उनकी झड़प हो गई। पुलिस ने छात्रों को रोकने की पूरी कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारी किसी तरह बैरिकेडिंग तोड़ते हुए आयोग तक पहुंच गए। बढ़ते तनाव के चलते पुलिस को मजबूरन बल प्रयोग करना पड़ा और प्रदर्शनकारियों को पीछे हटाना पड़ा। इसके बावजूद छात्र अपनी मांग पर डटे हुए हैं और उनका प्रदर्शन जारी है।
छात्रों की प्रमुख मांगें: ‘वन डे, वन शिफ्ट’ और ‘नो नॉर्मलाइजेशन’
छात्रों का कहना है कि पीसीएस प्री परीक्षा 7 और 8 दिसंबर को तथा आरओ/एआरओ परीक्षा 22 और 23 दिसंबर को दो पालियों में कराने का निर्णय उनके साथ अन्याय है। वे ‘वन डे, वन शिफ्ट’ और ‘नो नॉर्मलाइजेशन’ की मांग कर रहे हैं। छात्रों का तर्क है कि एक दिन और एक शिफ्ट में परीक्षा आयोजित न होने से नॉर्मलाइजेशन लागू होगा, जो परिणामों को प्रभावित कर सकता है।
पिछला प्रदर्शन: अक्टूबर में भी छात्र कर चुके हैं विरोध
यह पहला मौका नहीं है जब छात्रों ने यूपीपीएससी के निर्णयों के खिलाफ प्रदर्शन किया है। इससे पहले 21 अक्टूबर को भी हजारों छात्रों ने ‘नो नॉर्मलाइजेशन’ और ‘वन डे वन शिफ्ट’ की मांग को लेकर आयोग का घेराव और सड़क पर धरना दिया था। उस समय भी छात्र एक ही दिन और एक शिफ्ट में परीक्षा की मांग कर रहे थे।
सोशल मीडिया पर हैशटैग अभियान से तेज की मुहिम
प्रदर्शन को और मजबूत करने के लिए छात्रों ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर ‘#OneDayOneShift’ अभियान शुरू किया है। छात्रों का कहना है कि दो दिनों में परीक्षा कराने से उनके सामने नॉर्मलाइजेशन का मुद्दा आ जाएगा, जिससे परिणामों में भेदभाव की संभावना बढ़ जाती है। वहीं आयोग का कहना है कि वह नकल और निष्पक्षता के उद्देश्य से परीक्षा को दो पालियों में कराने पर विचार कर रहा है।
आयोग का पक्ष: निष्पक्षता और नकल रोकने के प्रयास-
यूपीपीएससी ने छात्रों की मांगों के बावजूद परीक्षा को दो पालियों में आयोजित करने के निर्णय का बचाव किया है। आयोग के अनुसार, दो दिन में परीक्षा कराने का उद्देश्य नकल को रोकना और निष्पक्षता को सुनिश्चित करना है। आयोग का मानना है कि इससे परीक्षा प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता आएगी और अनुचित साधनों का प्रयोग रोका जा सकेगा। इस मामले में छात्रों और आयोग के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में यह विवाद किस दिशा में जाता है। छात्रों का कहना है कि वे तब तक अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे जब तक कि आयोग उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देता।
Baten UP Ki Desk
Published : 11 November, 2024, 2:27 pm
Author Info : Baten UP Ki