बड़ी खबरें

'धार्मिक मामलों में कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी सरकार', वक्फ बिल पर बोले रिजिजू 14 घंटे पहले हार्वर्ड विवि में पढ़ाई जाएगी महाकुंभ की केस स्टडी, देश-दुनिया के 26 संस्थान इस आयोजन पर कर रहे अध्ययन 14 घंटे पहले भारत 100 तो कनाडा व जापान अमेरिकी चीजों पर लगाते हैं 300 से 700% तक टैरिफ 14 घंटे पहले 'मोदी भू-राजनीतिक माहौल में सबसे अहम खिलाड़ी', चिली के राष्ट्रपति ने पीएम की तारीफ में खूब पढ़े कसीदे 14 घंटे पहले

"मुझे तुरंत पैसों की जरूरत है" व्हाट्सएप पर आया एक मैसेज, फिर यूपी के कैबिनेट मंत्री के खाते से ट्रांसफर हो गए 2 करोड़ रुपये...

Blog Image

प्रयागराज में साइबर अपराधियों ने यूपी के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी के अकाउंटेंट रितेश श्रीवास्तव को ठगी का शिकार बना लिया। अपराधियों ने व्हाट्सएप डीपी पर मंत्री के बेटे की तस्वीर लगाकर मैसेज भेजा। मैसेज में लिखा था, "यह मेरा नया नंबर है। मैं एक जरूरी बिजनेस मीटिंग में हूं और मुझे तुरंत पैसे की जरूरत है।"रितेश ने ठग के कहने पर तीन बार में 2.08 करोड़ रुपये तीन अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिए। घटना का खुलासा तब हुआ जब उन्होंने असल में मंत्री के बेटे से बात की और पाया कि यह मैसेज फर्जी था।

ठगी के बाद प्रशासन में मचा हड़कंप-

मामले की जानकारी मिलते ही प्रयागराज और लखनऊ में प्रशासन में हड़कंप मच गया। बुधवार रात करीब 11:30 बजे साइबर सेल को इस घटना की सूचना दी गई। कैबिनेट मंत्री से जुड़ा मामला होने के कारण पुलिस के उच्च अधिकारी भी सकते में आ गए। साइबर पुलिस ने तुरंत जालसाजों के बैंक खातों की जांच शुरू कर दी।

जालसाजों ने किन खातों का किया इस्तेमाल?

साइबर पुलिस की शुरुआती जांच में खुलासा हुआ कि ठगों ने तीन बैंकों—आईसीआईसीआई, एचडीएफसी और एक अन्य बैंक के खातों का इस्तेमाल किया। पुलिस ने संबंधित बैंक अधिकारियों से खातों की जानकारी मांगी और इन खातों को फ्रीज कराने के लिए मेल किया।

तकनीकी धोखे से विश्वास की चोरी-

साइबर ठगों ने नंद गोपाल नंदी के बेटे की तस्वीर और व्हाट्सएप प्रोफाइल का इस्तेमाल कर अकाउंटेंट को भ्रमित किया। उन्होंने "तत्काल पैसे भेजने" के नाम पर बैंक खातों में रकम ट्रांसफर करवाई।

पुलिस की कार्रवाई: ठगों तक पहुंचने की कोशिश

साइबर थाना प्रभारी राजीव तिवारी ने बताया कि पुलिस ठगों का ब्यौरा जुटाने में जुटी है। तीनों बैंक खातों की डिटेल्स खंगाली जा रही हैं और अपराधियों के नेटवर्क का पता लगाने की कोशिश हो रही है।

क्या कहता है मंत्री का कार्यालय?

घटना के बारे में मंत्री नंद गोपाल नंदी से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनके पीआरओ ने कहा कि जल्द ही बात कराई जाएगी। हालांकि, घटना पर अब तक मंत्री की प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।

साइबर सुरक्षा पर बढ़ी चिंता

यह घटना सरकारी अधिकारियों और उनके कर्मचारियों के लिए एक बड़ी चेतावनी है। साइबर ठग तकनीक का इस्तेमाल कर बड़े पैमाने पर ठगी कर रहे हैं। ऐसे में सुरक्षा उपायों और सतर्कता को बढ़ाने की जरूरत है।

सतर्क और सुरक्षित रहने की जरूरत-

इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि किसी भी अज्ञात मैसेज या फोन कॉल से सतर्क रहना जरूरी है। साइबर अपराधों के बढ़ते मामलों के बीच यह जरूरी है कि लोग व्यक्तिगत और वित्तीय जानकारी को साझा करने से पहले उनकी प्रामाणिकता की पुष्टि करें।

अन्य ख़बरें