उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार अब प्रदेश में निजी क्षेत्रों में टाउनशिप परियोजनाओं को सख्त निगरानी में लाने की तैयारी में है। इसके तहत, सरकार ने यह सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है कि टाउनशिप लाने वाले बिल्डरों के पास पहले से भूमि की गारंटी हो। साथ ही, परियोजना की समय सीमा और आवंटियों को कब्जा देने के संबंध में सटीक विवरण देने का निर्देश भी अनिवार्य कर दिया गया है।
भूमि की गारंटी होगी अनिवार्य-
योगी सरकार अब टाउनशिप परियोजनाओं की अनुमति केवल तभी देगी, जब बिल्डरों के पास परियोजना के लिए आवश्यक भूमि उपलब्ध हो। इसके लिए बिल्डरों को भूमि की गारंटी देनी होगी। इसके अतिरिक्त, उन्हें यह भी बताना होगा कि कितने समय के भीतर वे भूमि का प्रबंध कर लेंगे और कब तक आवंटियों को उनके प्लॉट या फ्लैट का कब्जा मिल जाएगा। यदि बिल्डर निर्धारित समय सीमा का पालन नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
आवंटियों के हित में नए नियम-
प्रदेश के आवास विभाग ने निजी क्षेत्रों में टाउनशिप लाने की अनुमति दी है, लेकिन अब इसे और सख्त बना दिया गया है। पहले कई बिल्डर परियोजनाओं की मंजूरी लेने के बाद भी उन्हें पूरा करने में असफल रहे, जिससे बुकिंग कराने वाले आवंटियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। इसी को ध्यान में रखते हुए अब बिल्डरों को योजना की डेडलाइन और समयसीमा के साथ शपथ पत्र देना होगा।
भूमि का विवरण देना होगा अनिवार्य-
टाउनशिप परियोजनाओं के लिए बिल्डरों को अब यह स्पष्ट करना होगा कि वे किस स्थान पर और कितनी भूमि पर टाउनशिप बसाने जा रहे हैं। बुकिंग प्रक्रिया शुरू करने से पहले भूमि की पूरी व्यवस्था होनी चाहिए। इसके साथ ही, उन्हें यह जानकारी भी देनी होगी कि कितने महीनों में परियोजना का पूरा निर्माण कार्य और कब्जा दिया जाएगा।
चरणबद्ध योजनाओं का प्रमाणपत्र-
बिल्डरों को अब योजनाओं को चरणबद्ध तरीके से पूरा करना होगा। यह सुनिश्चित करने के लिए, उन्हें प्रत्येक चरण के पूरा होने पर कंप्लीशन सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा। यह प्रक्रिया विकास प्राधिकरणों को यह सुनिश्चित करने में मदद करेगी कि टाउनशिप में कितनी योजनाएं पूरी हो चुकी हैं और कितनी लंबित हैं। इससे विकास प्राधिकरणों के पास परियोजनाओं की अद्यतित स्थिति का रिकॉर्ड रहेगा और कोई धोखाधड़ी की संभावना कम हो जाएगी।
छोटे आकार की टाउनशिप का भी प्रावधान
सरकार ने 20 एकड़ में भी छोटी टाउनशिप बसाने की अनुमति दी है। इससे छोटे और मध्यम बिल्डरों को भी टाउनशिप लाने का अवसर मिलेगा। हालांकि, उनके लिए भी वही सख्त नियम लागू होंगे, जिससे गुणवत्ता और समयसीमा का पालन सुनिश्चित किया जा सके।
आवंटियों को मिलेगा न्याय-
इन सख्त नियमों का मुख्य उद्देश्य आवंटियों के हितों की रक्षा करना है। अतीत में, कई बिल्डर टाउनशिप की मंजूरी लेकर परियोजनाओं को शुरू नहीं कर पाए, जिससे आवंटियों को समय पर फ्लैट या प्लॉट नहीं मिल सके। अब, सरकार की यह नई नीति सुनिश्चित करेगी कि बिल्डर परियोजनाओं को तय समय में पूरा करें और आवंटियों को समय पर कब्जा मिल सके। इस नए कदम से उत्तर प्रदेश में टाउनशिप परियोजनाओं की प्रक्रिया पारदर्शी बनेगी और आवंटियों को समय पर अपने सपनों के घर का अधिकार मिलेगा।