उत्तर प्रदेश सरकार मछली पालन और जलीय कृषि के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। प्रदेश में विश्व बैंक की मदद से पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड पर मछली पालन योजना शुरू की जाएगी, जिससे लगभग 20 हजार युवाओं को रोजगार मिलेगा। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत 1200 करोड़ रुपये का निवेश होगा, जिससे प्रदेश में जलीय कृषि का व्यापक विकास होगा।
यूएई की 'एक्वाब्रिज' कंपनी के साथ करार-
योजना के तहत प्रदेश में वर्ल्ड क्लास हैचरी और जलीय कृषि पार्क बनाए जाएंगे। इसके लिए यूएई की कंपनी 'एक्वाब्रिज' के साथ करार किया गया है। यह कंपनी न केवल अत्याधुनिक हैचरी बनाएगी, बल्कि प्रदेश के युवाओं को प्रशिक्षण भी देगी। इस योजना से न केवल मछली उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि युवाओं को जलीय कृषि के क्षेत्र में नई दिशा मिलेगी।
प्रदेश में मछली उत्पादन में वृद्धि की योजना-
उत्तर प्रदेश में मछली की खपत बहुत अधिक है, जबकि उत्पादन कम है। इस कमी को पूरा करने के लिए मछली पालन के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर प्रयास किए जा रहे हैं। योजना के तहत प्रदेश के जलस्रोतों का अधिकतम उपयोग करते हुए मछली पालन को बढ़ावा दिया जाएगा। इससे न केवल उत्पादन में वृद्धि होगी, बल्कि प्रदेश में मछली आयात की निर्भरता भी कम होगी।
सजावटी मछलियों के व्यापार को मिलेगा बढ़ावा-
प्रदेश में सजावटी मछलियों के व्यापार की अपार संभावनाएं हैं। इस योजना में सजावटी मछलियों के लिए वैज्ञानिक प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि मछली पालन में नवीनतम तकनीकों का इस्तेमाल किया जा सके। यह प्रशिक्षण युवाओं को इस क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर प्रदान करेगा। साथ ही, स्थानीय बाजार में सजावटी मछलियों की मांग को भी पूरा किया जा सकेगा, जिससे प्रदेश के बाहर से मछलियों के आयात पर निर्भरता कम होगी।
रोजगार के लिए नए द्वार खुलेंगे-
इस परियोजना के तहत प्रदेश में कई विश्वस्तरीय हैचरियां स्थापित की जाएंगी, जिससे मछली पालकों को क्वालिटी सीड मटेरियल और मछली पालन की सर्वोत्तम प्रथाओं के बारे में जानकारी मिलेगी। इससे प्रदेश के युवाओं को रोजगार के अधिक से अधिक अवसर मिलेंगे। सरकार का उद्देश्य है कि दक्षिण भारतीय राज्यों की तर्ज पर यूपी में भी मत्स्यपालन एक प्रमुख रोजगार सृजन क्षेत्र बने।
एकीकृत जलीय कृषि पार्क की स्थापना-
इस प्रोजेक्ट के तहत एक एकीकृत जलीय कृषि पार्क विकसित किया जाएगा, जहां सतत और नवाचारी जलीय कृषि तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा। इसमें झींगा पालन, हैचरी, ग्रोआउट, प्रसंस्करण केंद्र और विपणन व वितरण केंद्रों की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही युवाओं को अनुदान पर आर्थिक सहायता दी जाएगी, जिससे वे अपनी जमीन पर छोटे-छोटे पक्के पॉण्ड बना सकें और मछली पालन कर सकें।
प्रदेश में सजावटी मछलियों का उत्पादन-
योजना के अंतर्गत युवाओं को सजावटी मछलियों का पालन करने का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, ताकि वे मछलियों को कठोर मौसम में भी सुरक्षित रख सकें। इसके अलावा, प्रदेश में सजावटी मछली के बीज स्थानीय स्तर पर उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे लोगों को महंगी मछलियों के लिए अन्य राज्यों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।
निवेशकों को भी मिलेगा आमंत्रण-
सरकार इस योजना के माध्यम से प्रदेश में मछली पालन के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देना चाहती है। निवेशकों को आकर्षित करने के लिए सरकार विभिन्न योजनाएं भी शुरू कर रही है, ताकि यूपी में मछली पालन और जलीय कृषि को और अधिक सशक्त बनाया जा सके। इस परियोजना से न केवल युवाओं को रोजगार मिलेगा, बल्कि प्रदेश में मछली उत्पादन और जलीय कृषि का भी अभूतपूर्व विकास होगा। यह योजना यूपी को मछली पालन के क्षेत्र में अग्रणी राज्यों में शामिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।