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स्वाइन फ्लू, जिसे इनफ्लूएंजा एच1एन1 के नाम से भी जाना जाता है, ने उत्तर प्रदेश में एक बार फिर चिंता का सबब बन गया है। हाल ही में स्वाइन फ्लू के दो मामलों की पुष्टि होने के बाद, स्वास्थ्य विभाग ने इस वायरल संक्रमण से निपटने के लिए विशेष अलर्ट जारी किया है।
क्या हैं स्वास्थ्य विभाग की तैयारियां?
शहर के प्रमुख अस्पतालों, उर्सला, कांशीराम, और एलएलआर में स्वाइन फ्लू के संदिग्ध मरीजों के लिए अलग-अलग आइसोलेशन वार्ड तैयार कर दिए गए हैं। इन वार्ड्स में मरीजों की जांच की जाएगी और उन्हें आइसोलेट कर उचित उपचार दिया जाएगा। विशेषज्ञों का कहना है कि स्वाइन फ्लू के लक्षण खांसी, बुखार, और जुकाम के साथ-साथ सांस फूलने या तेज बुखार की समस्या को कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
एलएलआर अस्पताल में मौत की पुष्टि-
सीएमओ डॉ. आलोक रंजन ने जानकारी दी है कि एलएलआर अस्पताल में भर्ती एक बुजुर्ग की मौत स्वाइन फ्लू के कारण हुई है, लेकिन इसकी पुष्टि रिपोर्ट के आधार पर की जाएगी। मृतक के परिवार वालों की जांच भी की जा रही है, और अगर उनमें स्वाइन फ्लू के लक्षण पाए जाते हैं, तो उन्हें भी आइसोलेट किया जाएगा।
स्वाइन फ्लू के लक्षण और जांच-
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के डॉ. एमपी सिंह ने बताया कि स्वाइन फ्लू के लक्षण मौसमी फ्लू जैसे ही होते हैं, जिसमें तेज बुखार, गले में खराश, खांसी, नाक बंद होना, सिरदर्द, और शरीर में दर्द शामिल हैं। अगर किसी को इन लक्षणों के साथ सांस फूलने की समस्या हो, तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में अब एक सप्ताह के भीतर स्वाइन फ्लू की जांच की जाएगी, और इसके लिए विशेष किट्स खरीदी जा रही हैं। संक्रामक रोग अस्पताल (आईडीएच) में भी 20 बेड वाले आइसोलेशन वार्ड के साथ वेंटिलेटर भी लगाए जा रहे हैं।
पिछले मामलों का उल्लेख-
सितंबर 2022 में स्वाइन फ्लू की चपेट में आने से एमबीबीएस की छात्रा पाखी की मौत हो गई थी। लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट के अनुसार, पाखी की मौत स्वाइन फ्लू के कारण हुई थी, और इसके बाद मेडिकल कॉलेज परिसर और छात्रावास की जांच की गई थी।
स्वाइन फ्लू से बचाव के उपाय-
स्वाइन फ्लू से बचाव के लिए निम्नलिखित उपायों का पालन करें:
नगर निगम की कार्रवाई-
स्वाइन फ्लू के मामलों को देखते हुए नगर निगम ने सूअरों को पकड़ने के लिए विशेष कैटल कैचिंग दस्तों को मुहल्लों में भेजा है। अगर खुले स्थानों पर सूअर दिखाई देते हैं, तो नगर निगम उन्हें पकड़कर नीलामी करेगा। नगर निगम के मुख्य पशु चिकित्सक डॉ. आरके निरंजन ने बताया कि कैटल कैचिंग दस्ता लगातार मुहल्लों की निगरानी कर रहा है और सूअरों की उपस्थिति की रिपोर्ट पर कार्रवाई की जा रही है।
Baten UP Ki Desk
Published : 13 September, 2024, 3:06 pm
Author Info : Baten UP Ki