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वाराणसी सहित पूर्वांचल के कई जिलों में डेंगू का प्रकोप तेजी से बढ़ा है। कई लोग ऐसे मिले हैं जिन्हें दोबारा डेंगू हुआ है। डॉक्टरों की जांच में पता चला है कि डेंगू के नए स्ट्रेन डेन्व-2 ने इन लोगों को दोबारा संक्रमित किया है। इस बात से इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आईएमएस) बीएचयू के वैज्ञानिक चिंतित हैं। आपको बता दें कि डेंगू का प्रकोप शहरों में ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में अधिक है। अस्पतालों में ओपीडी, वार्ड और पैथालॉजी काउंटर पर भीड़ बढ़ गई है। डेंगू वार्ड फुल हो चुके हैं और पीड़ितों को दूसरे वार्ड में भर्ती किया जा रहा है।
आईएमएस बीएचयू के वैज्ञानिकों ने नए सिरे से अध्ययन शुरू किया है। पहले चरण की स्टडी में जनवरी 2023 तक डेंगू के नए स्ट्रेन डेन्व-2 की पहचान की गई है। बुखार से परेशान 20 लोगों में यह स्ट्रेन मिला है। अब दूसरे चरण की स्टडी को आगे बढ़ाया जा रहा है। बीएचयू के मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष प्रो. धीरज किशोर के मुताबिक डेंगू के चार स्ट्रेन हैं, जिनमें डेन्व-2 सबसे खतरनाक है। समय पर इलाज न मिलने पर डेन्व-2 से ब्रेन हैमरेज हो सकता है।
डेन्व-2
डेंगू के चार स्ट्रेन होते हैं। जिसमें डेन्व-2 को काफी घातक माना जाता है। यह स्ट्रेन कई अंगों में तेजी से फैलता है और सीधे मस्तिष्क पर हमला करता है। इसमें प्लेटलेट की संख्या में तेजी से गिरावट का कारण बनता है। बात डेंगू की करें तो इसमें सबसे महत्वपूर्ण लक्षण बुखार है जो 4 से 10 दिनों तक रह सकता है। बुखार की अवधि रोगी की उम्र, लिंग, प्रतिरक्षा और चिकित्सा स्थिति पर निर्भर करती है। डेंगू का कोई विशिष्ट उपचार नहीं है, लेकिन समय पर चिकित्सा देखभाल से रोगी के ठीक होने की संभावना बढ़ जाती है। डेंगू के रोगियों को आराम करना चाहिए, खूब सारे तरल पदार्थ पीना चाहिए और बुखार और दर्द के लिए ओवर-द-काउंटर दवाएं लेनी चाहिए। गंभीर मामलों में, रोगी को अस्पताल में भर्ती करना पड़ सकता है ताकि उसे अंतःशिरा तरल पदार्थ और रक्त संक्रमण दिए जा सकें।
Baten UP Ki Desk
Published : 25 September, 2023, 11:28 am
Author Info : Baten UP Ki