मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जन शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि शिकायतों को गंभीरता से न लेने या गलत रिपोर्ट देने वाले अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। रविवार को अपने सरकारी आवास पर आयोजित एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान उन्होंने मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को जिलों व तहसीलों की नियमित समीक्षा करने का निर्देश दिया। साथ ही आगामी त्योहारों के मद्देनजर आम लोगों की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम करने को भी कहा गया।
महिलाओं की सुरक्षा सर्वोपरि-
मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। लव जिहाद, छेड़छाड़, और चेन लूटने जैसी घटनाओं पर सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने साफ किया कि ऐसी घटनाओं के मामले में बीट सिपाही से लेकर डिप्टी एसपी तक की जवाबदेही तय की जाएगी।
त्योहारों पर पुलिस सतर्कता बढ़ाने के निर्देश-
आगामी त्योहारों के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने कानून-व्यवस्था को लेकर विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा कि 16 सितंबर को बारावफात है, उसके बाद अनंत चतुर्दशी और गणेश उत्सव का आयोजन होगा। इसके साथ ही पितृपक्ष शुरू होगा और फिर शारदीय नवरात्र और विजयादशमी का आयोजन होगा। इन सभी आयोजनों को देखते हुए यह समय संवेदनशील है, जिसके लिए पुलिस को अतिरिक्त सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।
मंडलायुक्त और जिलाधिकारी करें नियमित समीक्षा-
मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन स्तर पर जिलों की हर घटना और अधिकारी की गतिविधियों की लगातार समीक्षा की जा रही है। उन्होंने कहा कि मंडलायुक्त जिलों की और जिलाधिकारी तहसीलों की नियमित समीक्षा करें। पुलिस कमिश्नर से कहा गया कि वे प्रतिदिन डीजीपी को अपने क्षेत्र की रिपोर्ट भेजें। मुख्यमंत्री ने जन शिकायतों के समय पर निस्तारण पर जोर दिया, खासकर नामांतरण, पैमाइश, लैंड यूज चेंज, और वरासत जैसे मामलों में।
प्रभारी मंत्री से नियमित संवाद बनाए रखें अधिकारी-
योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए कि सभी जिलों में प्रभारी मंत्रियों के दौरे नियमित होंगे और जिलाधिकारियों तथा पुलिस अधीक्षकों को उनसे सतत संपर्क बनाए रखना चाहिए। साथ ही नोडल अधिकारियों की भी शीघ्र नियुक्ति की जाएगी ताकि समुचित कार्य प्रणाली सुनिश्चित हो सके।
वर्षा और बाढ़ पीड़ितों को तत्काल राहत पहुंचाएं-
मुख्यमंत्री ने वर्षा और बाढ़ से प्रभावित जिलों, जैसे लखीमपुर खीरी, फर्रुखाबाद, गोंडा, जालौन, प्रयागराज, और वाराणसी में तत्काल राहत पहुंचाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बिना देरी किए जन-धन की क्षति का आकलन कर पीड़ितों को राहत सामग्री दी जाए। राहत सामग्री की गुणवत्ता और मात्रा सुनिश्चित करने पर भी उन्होंने विशेष जोर दिया।
रेल पटरियों को क्षति पहुंचाने वालों पर कठोर कार्रवाई के निर्देश-
मुख्यमंत्री ने हाल के दिनों में रेल पटरियों को क्षतिग्रस्त करने या रेल दुर्घटना की साजिश करने वालों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से कहा कि जीआरपी और आरपीएफ के साथ समन्वय बनाकर इस प्रकार की घटनाओं को रोका जाए और इसमें शामिल लोगों पर कठोर कार्रवाई की जाए।
अन्य महत्वपूर्ण निर्देश-
- सड़क किनारे अवैध पार्किंग की समस्या को तुरंत दूर किया जाए।
- अवैध बस और टैक्सी स्टैंडों पर सख्त कार्रवाई हो।
- मानव-वन्यजीव संघर्ष से प्रभावित परिवारों को तत्काल आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाए।
- 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक चलने वाले स्वच्छता अभियान में अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए।
बर्दाश्त नहीं की जाएगी लापरवाही-
इन तमाम निर्देशों के साथ, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट कर दिया है कि प्रदेश में जन शिकायतों, कानून-व्यवस्था, और त्योहारों के मद्देनजर किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।