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पूरे देश का 500 वर्षों का इंतजार आज खत्म हुआ, जब अयोध्या में भगवान श्रीराम अपने नए भव्य एवं दिव्य मंदिर में आ गए। इस मौके के साक्षी बनने के लिए देश-विदेश से वीवीआपी मेहमान अयोध्या पहुंचे थे। पीएम मोदी ने पहले से तय शुभ मुहूर्त पर मंदिर में प्रवेश किया। पीएम नरेंद्र मोदी के साथ RSS प्रमुख मोहन भागवत, सीएम योगी आदित्यनाथ और यूपी की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल मौजूद थीं। पीएम मोदी ने पूरे विधि-विधान से पूजन के बाद रामलला की आंखों से पट्टी खोली, हाथ में कमल का फूल लेकर पूजा की। भगवान को पुष्प अर्पित करने के साथ ही साष्टांग प्रणाम किया।
राम भारत की आस्था और आधार हैं-
कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि यह मंदिर मात्र एक दैव मंदिर नहीं है, बल्कि भारत की दृष्टि का, दर्शन का, दिग्दर्शन का मंदिर है। यह राम के रूप में राष्ट्र चेतना का मंदिर है। उन्होंने कहा कि राम भारत की आस्था हैं, भारत के आधार हैं। राम भारत का विचार हैं, विधान हैं। चेतना हैं, चिंतन हैं, प्रतिष्ठा हैं, प्रताप हैं। राम नेकी भी हैं, नीति भी हैं। नित्यता भी हैं, निरंतरता भी हैं। राम व्यापक हैं, विश्व हैं, विश्वात्मा हैं। जब राम की प्रतिष्ठा होती है तो उसका प्रभाव वर्षों, शताब्दियों तक नहीं होता, हजारों वर्षों के लिए होता है। आज अयोध्या भूमि सवाल कर रही है कि श्रीराम का भव्य मंदिर तो बन गया, अब आगे क्या। सदियों का इंतजार तो खत्म हुआ, अब आगे क्या। जो दैवीय आत्माएं हमें आशीर्वाद देने उपस्थित हुई हैं, उन्हें क्या हम ऐसे ही विदा करेंगे। आज मैं पूरे पवित्र मन से महसूस कर रहा हूं कि कालचक्र बदल रहा है। हमारी पीढ़ी को कालजयी शिल्पकार के रूप में चुना गया है। हजारों वर्ष बाद की पीढ़ी हमें याद करेगी। यही समय है, सही समय है। हमें आज इस पवित्र समय से अगले एक हजार साल के भारत की नींव रखनी है। मंदिर निर्माण से आगे बढ़कर सभी देशवासी समर्थ, सक्षम, भव्य, दिव्य भारत के निर्माण की सौगंध लेते हैं। राम के विचार जनमानस में भी हों, यही राष्ट्र निर्माण की सीढ़ी है।
राम काज से राष्ट्र काज करेंगे-
पीएम मोदी ने कहा कि आदिवासी मां शबरी कब से कहती थी- राम आएंगे और आज प्रभु श्रीराम आ गए हैं। प्रत्येक भारतीय में जन्मा यही विश्वास समर्थ, सक्षम, भव्य भारत का आधार बनेगा। हम सब जानते हैं कि निषाद राज की मित्रता सभी बंधनों से परे है। उनका अपनापन कितना मौलिक है। सब अपने हैं, सभी समान हैं। सभी भारतीयों में अपनत्व की भावना नए भारत का आधार बनेगी। यही देव से देश और राम से राष्ट्र की चेतना का विस्तार है। आज देश में निराशावाद की जगह नहीं है। अगर कोई यह सोचे कि मैं सामान्य और छोटा हूं तो उसे गिलहरी को याद करना चाहिए। यह सिखाएगा कि छोटे-बड़े हर प्रयास की ताकत होती है, योगदान होता है। यही भावना समर्थ, सक्षम, भव्य, दिव्य भारत का आधार बनेगी। पीएम ने कहा कि लंकापति रावण ज्ञानी थे, लेकिन जटायु कि मूल्य निष्ठा देखिए। वे महाबली रावण से भिड़ गए। उन्हें पता था कि वे परास्त नहीं कर पाएंगे, फिर भी उन्होंने रावण को चुनौती दी। कर्तव्य की यही परकाष्ठा समर्थ, सक्षम, भव्य, दिव्य भारत का आधार है। आइए हम संकल्प लें कि राम काज से राष्ट्र काज करेंगे।
सीनियर प्रोड्यूसर
Published : 22 January, 2024, 4:11 pm
Author Info : राष्ट्रीय पत्रकारिता या मेनस्ट्रीम मीडिया में 15 साल से अधिक वर्षों का अनुभव। साइंस से ग्रेजुएशन के बाद पत्रकारिता की ओर रुख किया। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया...