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अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर निर्माण और प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब यहां एक और भव्य स्थल विकसित किया जाएगा। भरत की तपोस्थली को भी धार्मिक और पर्यटन स्थल के रूप विकसित किया जाएगा। 8 हजार करोड़ रुपये से इस स्थान को भव्य एवं दिव्य रूप देने की तैयारी है।
भरत कुंड से शुरुआत-
भगवान श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या मठ मंदिर और मूर्तियों की वजह से विश्व विख्यात है। 22 जनवरी को रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गयी जिसके बाद प्रभु श्रीराम अपने भव्य एवं दिव्य महल में विराजमान होकर सभी को दर्शन दे रहे हैं। अब प्रदेश की योगी सरकार भरत की तपोस्थली को भी विकसित करने की तैयारी कर रही है। इसकी शुरुआत भरत कुंड रेलवे स्टेशन से की जा रही है।
भरत ने यहीं रखी थीं राम की खड़ाऊ-
आपको बता दें कि अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन की तर्ज पर ही भरत कुंड रेलवे स्टेशन बनाया जाएगा। इसके अलावा 84 कोसी परिधि में श्री राम से जुड़े स्थानों का भी सौंदर्यीकरण कराया जाएगा। तपोस्थली के विकास के लिए लगभग 8 हजार करोड़ रुपए का बजट रखा गया है। धार्मिक मान्यता के मुताबिक भरत ने इसी स्थान पर 14 साल तक श्रीराम की खड़ाऊ रखकर अयोध्या का राजकाज चलाया था। यही वजह है कि प्रभु राम के विराजमान होने के बाद अब भरत की तपोस्थली को भी विकसित किया जाएगा।
राम के साथ भरत को भी जानें-
धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से अयोध्या को भी विकसित किया जा रहा है। ताकि श्रद्धालु यहां आएं तो उन्हें ज्यादा से ज्यादा स्थान देखने मिलें और वो सुविधा से यहां की सैर कर सकें। श्रद्धालु राम मंदिर के दर्शन पूजन के साथ-साथ उनके भाई भरत की तपोस्थली भी देखें इसलिए राम से जुड़े स्थानों को भी विकसित किया जा रहा है।
ऋषि मुनियों की जन्मस्थली और तपोस्थली-
अयोध्या से सांसद लल्लू सिंह के मुताबिक यहां के धार्मिक स्थलों के सौंदर्यीकरण से श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ेगी। इससे आर्थिक विकास और रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। उन्होंने बताया कि 84 कोसी परिक्रमा स्थल पर 100 से ज्यादा पौराणिक धार्मिक स्थल मौजूद हैं। साथ ही ऋषि मुनियों की जन्मस्थली और तपोस्थली भी हैं। इन सभी स्थानों को विकसित किया जाएगा।
Baten UP Ki Desk
Published : 27 February, 2024, 6:17 pm
Author Info : Baten UP Ki