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(Special Story) अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा सम्पन्न होने के बाद से ही देशभर से श्रद्धालुओं का आगमन हो रहा है। मंदिर में रामलला के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की लंबी-लंबी कतारें देखी जा रही हैं। ऐसे में प्रदेश की सरकार ने अयोध्या में रामलला के दर्शन करने आ रहे सभी VIP लोगों से अनुरोध किया है कि वह बिना सूचना दिए अयोध्या में दर्शन करने के लिए ना आएं। यदि वह आना चाहते हैं तो 10 दिन पहले ही स्थानीय प्रशासन या श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास अथवा उत्तर प्रदेश सरकार को अवश्य सूचित करें। आइए विस्तार से जानते हैं कि श्रद्धालुओं से किए गए अनुरोध के पीछे की क्या है वजह और दर्शन के लिए क्या क्या सुविधाएं दी जा रही हैं...
अनुरोध में क्या कहा गया-
अयोध्या धाम में बढ़ रही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए राज्य सरकार की ओर से सभी वीआईपी (VIP) लोगों से अनुरोध किया गया है। जिसमें कहा गया कि अयोध्या धाम में अपने आराध्य प्रभु श्री रामलला के दर्शन की आकांक्षा लेकर पूरे देश से आने वाले श्रद्धालु,आगमन से पहले स्थानीय प्रशासन, राम मंदिर ट्रस्ट या फिर प्रदेश सरकार को अवश्य अवगत कराएं। ताकि सरकार या प्रशासन आपको त्वरित दर्शन करा सकें और आपकी सुरक्षा के लिए समय पर उचित व्यवस्था उपलब्ध करा सकें।
क्यों किया गया अनुरोध-
दरअसल, अयोध्या राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या में रामलला के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का भारी हुजूम उमड़ रहा है। लाखों की संख्या में लोगों दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। भीड़ को संभाल पाना सुरक्षाबलों के लिए चुनौती बना हुआ है।आंकड़ों के मुताबिक प्राण प्रतिष्ठा के अगले दिन करीब 5 लाख श्रद्धालुओं ने रामलला के दर्शन किए। वहीं मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की उमड़ी भारी भीड़ को देखते हुए सीएम योगी ने खुद ही कमान संभाल ली है। उन्होंने पब्लिक एड्रेस सिस्टम के जरिए श्रद्धालुओं से धैर्य बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि रामलला के दर्शन के लिए यहां आए सभी श्रद्धालुओं का स्वागत है। आप सभी धैर्य और संयम बनाए रखें। कोई भी हड़बड़ाए न, धक्का-मुक्की न करें। लाइन में लगकर प्रशासन और पुलिस के अनुरोध को स्वीकार करते हुए अपनी बारी का इंतजार करें। सभी को भगवान के दर्शन मिलेंगे।
क्या हो सकते हैं अनुरोध के कारण?
आपको बता दें राम मंदिर ट्रस्ट और सरकार के इस अनुरोध के पीछे कई कारण हो सकते हैं। सबसे पहले, अयोध्या में भारी भीड़ के कारण व्यवस्था बनाए रखना एक चुनौती है। स्थानीय प्रशासन और ट्रस्ट के पास सीमित संसाधन हैं। ऐसे में, अति विशिष्ट/विशिष्ट/गणमान्य जनों के आगमन की जानकारी पहले से मिलने से उन्हें बेहतर सुविधाएं प्रदान की जा सकती हैं।
दूसरा, अयोध्या में सुरक्षा व्यवस्था भी एक चुनौती है। भारी भीड़ के कारण आतंकवादी हमले या अन्य सुरक्षा संबंधी घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है। अति विशिष्ट/विशिष्ट/गणमान्य जनों की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए जा सकते हैं।
तीसरा, अयोध्या में यातायात व्यवस्था भी प्रभावित हो रही है। भारी भीड़ के कारण सड़कें जाम हो जाती हैं। बच्चों की परीक्षाएं प्रभावित हो रही हैं। अति विशिष्ट/विशिष्ट/गणमान्य जनों के आगमन की जानकारी पहले से मिलने से उन्हें यात्रा में सुविधा होगी।
श्रद्धालुओं के लिए दी गई सुविधाएं-
वहीं अगर हम राम मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए दी गई सुविधाओं के बारे में बात करें तो आज से राम मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए यात्री सुविधा केंद्र से शुरू किया गया है। यह सुविधा केंद्र मंदिर के बाहर ही प्रवेश द्वार के पास बनाया गया है। इसमें 50 हजार श्रद्धालुओं के लिए वेटिंग एरिया, लॉकर, शौचालय, पेयजल आदि की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इससे श्रद्धालुओं को मंदिर में दर्शन करने में आसानी होगी। उन्हें मंदिर में आने से पहले अपना सामान लॉकर में जमा कराना होगा। इससे मंदिर परिसर में भीड़भाड़ कम होगी और श्रद्धालुओं को अधिक सुविधा होगी। इसके अलावा, मंदिर परिसर में सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस और प्रशासन के अधिकारी तैनात हैं। अब श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए लाइन में लगना पड़ेगा, जिससे उन्हें दर्शन करने में आसानी होगी।
BJP शासित राज्यों के CM करेंगे रामलला के दर्शन-
आगामी दिनों में अयोध्या में रामलला के दर्शन के लिए BJP शासित राज्यों के CM अपने मंत्रिमंडल के साथ आने वाले हैं। जिनकी सुरक्षा और मंदिर में उचित व्यवस्था बनाये रखने के चलते ट्रस्ट की ओर से यह अनुरोध किया जा सकता है। मिली हुई जानकारी के मुताबिक, 31 जनवरी से 4 मार्च तक सभी मुख्यमंत्री अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ अयोध्या जाएंगे और रामलला के दर्शन करेंगे। वे मंदिर में पूजा-अर्चना भी करेंगे और राम मंदिर के निर्माण में योगदान देने वाले लोगों को धन्यवाद देंगे।
किन राज्यों के CM आएंगे अयोध्या-
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा 31 जनवरी को मंत्रियों के साथ दर्शन करेंगे। इसके बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 1 फरवरी को मंत्रियों के साथ दर्शन करेंगे। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी 2 फरवरी को मंत्रियों के साथ दर्शन करेंगे। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे 5 फरवरी को कैबिनेट मंत्रियों के साथ रामलला के दर्शन करेंगे। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर 9 फरवरी को मंत्रिमण्डल के साथ रामलला के दर्शन करेंगे। इसके बाद गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत 15 फरवरी को मंत्रियों के साथ दर्शन करेंगे। 24 फरवरी को गुजरात के सीएम भूपेंद्र भाई पटेल मंत्रियों के साथ दर्शन करेंगे। असम के मुख्यमंत्री हिमन्त बिश्वा शर्मा और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव 4 मार्च को रामलला के दर्शन करेंगे।
-अनीता
Baten UP Ki Desk
Published : 24 January, 2024, 1:39 pm
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