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रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए जोधपुर का घी और कंबोडिया से आई हल्दी

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अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए जोधपुर से 650 किलो घी मंगवाया गया है। यह घी 108 कलशों में भरकर बैलगाड़ी के माध्यम से अयोध्या लाया गया है। इसके अलावा कंबोडिया से हल्दी और थाईलैंड की अयु्त्थया से रज आया है। 22 जनवरी को पीएम मोदी श्रीरामलला मंदिर का उद्घाटन करेंगे। इस दौरान देश- विदेश से लाखों श्रद्धालु और मेहमान आएंगे। जिसको देखते हुए प्रशासन की तरफ से तैयारियों को तेज कर दिया है। 

बैलगाड़ियों से 108 कलश में आया घी-

आपको बता दे कि नए मंदिर में रामलला की पहली आरती राजस्थान के जोधपुर से आए घी से होगी। यह घी 108 कलशों में भरकर 5 बैलगाड़ी से अयोध्या के कारसेवकपुरम लाया गया है। यह घी जोधपुर के बनाड़ स्थित श्रीमहर्षि संदीपनी रामधर्म गोशाला में बनाया गया है और घी के साथ 108 छोटे शिवलिंग भी लाए गए हैं। इस रथ को पंचकोसी परिक्रमा भी कराई गई। इस यात्रा में करीब 1200 किलोमीटर की दूरी तय की गई है और 10 दिन लगे हैं। 27 नवम्बर को जोधपुर से रथ यात्रा शुरु की गई थी जो आज अयोध्या पहुंची है। 

इस दौरान श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि जिन संत महापुरुष के संकल्प से यह गो घृत अयोध्या पहुंचा है, उनके प्रति हम कृतज्ञता व्यक्त करते हैं। जोधपुर की धरती को प्रणाम करते हैं। दो नवंबर 1990 को दिगंबर अखाड़ा के सामने जब गोली चली थी, उसमें दो लोग शहीद हुए थे। उनमें प्रो़ महेंद्र अरोड़ा जोधपुर के थे। उनके साथ जोधपुर के मथानिया गांव का रहने वाला छोटा बालक भी था। उसका नाम सेठाराम माली था। ये गोघृत वहीं से आया है। शायद इनकी आत्माओं ने यह प्रेरणा दी होगी। ये कहते हुए चंपत राय भावुक हो उठे।

20 साल पहले लिया था संकल्प-

महर्षि संदीपनी ने बताया कि उन्होंने 20 साल पहले संकल्प लिया था कि अयोध्या में जब भी राममंदिर बनेगा, उसके लिए गाय का शुद्ध देसी घी वो लेकर जाएंगे। इसी बीच वर्ष 2014 में उन्होंने गायों से भरे एक ट्रक को रुकवाया, जो जोधपुर से गोकशी के लिए ले जाया जा रहा था। ट्रक में करीब 60 गायें थीं। इन गायों को छुड़वाया और आस-पास की गोशालाओं में ले गए। सभी ने इन गायों को रखने से मना कर दिया। अंत में उन्होंने निर्णय लिया कि वे खुद गोशाला शुरू करेंगे। इन गायों को पालेंगे।

 

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