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महासचिव चंपत राय ने मूर्तिकार की एकाग्रता की सराहना की

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अयोध्या में प्रभु श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जोर- शोर से तैयारियां चल रही हैं। ऐसे में श्रीरामलला की प्रतिमा बनाने वाले मूर्तिकार ने प्रतिमा बनाने के दौरान कार्य में खलल न पड़े, इसके लिए महीनों अपने परिजनों से बातचीत तक नहीं की। यहां तक की बच्चों की सूरत भी नहीं देखी। आपको बता दें कि राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने सोमवार को मूर्तिकार अरुण योगीराज की एकाग्रता की सराहना की और उनकी एकाग्रता की मिसाल सभी के समक्ष रखी। 

महासचिव चंपत राय ने योगीराज की सराहना की-

आपको बता दें कि राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने प्रतिमा का निर्माण करने वाले मैसूर के निवासी अरुण योगीराज ने मूर्ति निर्माण कार्य के दौरान जिस तरह से जीवन व्यतीत किया है शायद आप सोच भी नहीं सकते। कार्य के दौरान महीनों तक फोन को हाथ तक नहीं लगाया। अपने बच्चों और परिजनों तक से बात नहीं की।  उन्होंने बताया कि अरुण योगीराज अनेक पीढ़ियों से मूर्ति निर्माण के कार्य से जुड़े हैं। उनके पूर्वज भी यही काम करते आ रहे हैं। जानकारी के अनुसार, केदारनाथ में शंकराचार्य की प्रतिमा उन्होंने ही बनाई है। दिल्ली में इंडिया गेट के नीचे सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा भी उन्होंने ही बनाई है। श्रीरामलला की मूर्ति चयन की प्रक्रिया में उन्हीं की मूर्ति का चयन किया गया। सभी ट्रस्टीज ने उनकी मूर्ति की प्रशंसा की है।

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