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(Special Story) 22 जनवरी देश और दुनिया के लिए बहुत खास है। इस दिन पूरी दुनिया की निगाहें राम नगरी अयोध्या पर होंगी। 22 जनवरी को राम मंदिर के उद्घाटन के साथ ही रामलला की गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठा होगी। इस आयोजन में अब कुछ ही दिन बचे हैं ऐसे में अयोध्या की सुरक्षा शासन-प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती है। अयोध्या की ऐसी चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था की तैयारी की जा रही है कि परिंदा भी पर नहीं मार सके। राम नगरी की अभेद्य सुरक्षा-व्यवस्था में AI और ह्यूमन इंटेलिजेंस का भी इस्तेमाल किया जा रहा, आइए आपको विस्तार से बताते हैं कैसी होगी अयोध्या की अभेद्य सुरक्षा व्यवस्था..
सुरक्षा की तैयारी IG की जुबानी-
अब जब अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के कुछ गिने-चुने ही दिन बचे हैं। ऐसे में शासन-प्रशासन ने सुरक्षा की तैयारियों को लेकर पूरी रूपरेखा तैयार कर ली है। सुरक्षा की क्या तैयारियां हैं और कितनी सुरक्षित है अयोध्या, इस बारे में IG प्रवीण कुमार और कमिश्नर गौरव दयाल से जानकारी दी है। जिसके मुताबिक प्राण प्रतिष्ठा को लेकर व्यापक इंतजाम किए जा रहे हैं। शासन प्रशासन कई स्तर पर तैयारियां कर रहा है। प्राण प्रतिष्ठा के दौरान आने वाले अतिथियों के लिए सुरक्षा व्यवस्था के साथ ही उनके लिए अलग से रूट का निर्धारण किया गया है। वहीं महर्षि इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर चार्टर्ड प्लेनों को उतारने के लिए अभी तक 70 लोगों ने तिथि और सयम की मांग की है।
IG प्रवीण कुमार के मुताबिक अयोध्या शुरू से ही संवेदनशील नगरों के रूप में जाना जाता रहा है। राम जन्मभूमि परिसर हमेशा एक सुरक्षा घेरे में रहता है। जो भी मैक्सिमम अपडेशन यहां पर संभव हैं, उन्हें शामिल किया गया है। हम ह्यूमन इंटेलिजेंस तकनीक के माध्यम से और अपनी सुरक्षा व्यवस्था के माध्यम से सुरक्षा कायम रखे हैं। इसके साथ ही साथ बगल में बहने वाली सरयू जी पर भी कड़ी सिक्युरिटी है। यहां के नाविक, मल्लाह, गोताखोर है या हमारे जो भी वेंडर्स हैं, उन्हें भी सुरक्षा नेट में शामिल किया गया है। क्योंकि ह्यूमन इंटेलिजेंस का कोई जवाब नहीं है। हम लगातार सतर्क हैं और हमेशा सतर्क रहने की चुनौती रहेगी।
10 हजार CCTV,ड्रोन और ATS कमांडो तैनात-
यूपी पुलिस के मुताबिक, 22 जनवरी को पूरा अयोध्या शहर सुरक्षाकर्मियों से घिरा रहेगा। इसके लिए अर्धसैनिक बल, यूपी एटीएस, एसटीएफ के अलावा 10 हजार यूपी पुलिस के जवान तैनात रहेंगे। इन जवानों को आधुनिक हथियारों के अलावा एंटी-ड्रोन तकनीक और 10 हजार सीसीटीवी कैमरे व ड्रोन की भी मदद ली जाएगी। जिससे वो चप्पे चप्पे पर नजर रख सकें। डीजीपी मुख्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, अयोध्या में 100 से अधिक डिप्टी एसपी, 325 इंस्पेक्टर व 800 उपनिरीक्षक तैनात किए जा रहे हैं। इसके अलावा पुलिस और अर्धसैनिक बलों के 10,000 जवान भी तैनात होंगे। सुरक्षा एजेंसियों की नजर जमीन, आसमान और पानी तक रहेगी। इसके लिए एंटी ड्रोन सिस्टम और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस कमांड कंट्रोल सिस्टम तैयार किए गए हैं।
ड्रोन रखेगा चप्पे-चप्पे पर नज़र-
अयोध्या नगर की सुरक्षा व्यवस्था में 10 हजार से अधिक सीसीटीवी कैमरे और एक हजार ड्रोन पूरी राम नगरी पर नजर रखेंगे। ये सभी AI टेक्नोलॉजी बेस्ड कैमरे होंगे। एआई कैमरों की मदद से हर संदिग्ध गतिविधि, व्यक्ति, संदिग्ध वस्तुओं पर आसानी से नजर रखी जाएगी। इसके अलावा सरयू नदी और हर गली में ड्रोन घूम-घूम कर आसमान से नजर रखेगा। कुछ भी संदिग्ध दिखता है तो तत्काल सुरक्षा कर्मियों को अलर्ट किया जाएगा।
मंदिर की परिसर 'नो-फ्लाइंग जोन' घोषित-
मंदिर परिसर को पूरी तरह से 'नो-फ्लाइंग जोन' घोषित किया गया है। यहां से ड्रोन, हवाई जहाज या चॉपर, कोई भी नहीं गुजर सकेगा। एक ऐसा उपकरण भी राम मंदिर की सुरक्षा में लगाया गया है, जो दूर से ही ड्रोन या वैसी ही किसी वस्तु को मंदिर की तरफ आने से रोक देगा। इस उपकरण की खासियत यह होगी कि इसकी मदद से कई किलोमीटर के दायरे में मंदिर की तरफ आती वस्तु का पता चल जाएगा। इतना ही नहीं, ये उपकरण उस वस्तु को मंदिर तक पहुंचने से पहले ही जाम कर देगा। अगर कोई हैवी मशीनरी वाली वस्तु है तो उसकी दिशा बदली जा सकती है। एक अधिकारी के मुताबिक, अगर वह वस्तु नीचे नहीं गिरती है, तो उसे शूट कर गिराया जा सकता है।
मंदिर का छह स्तरीय सुरक्षा घेरा-
मंदिर की सुरक्षा में सीआरपीएफ, उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल (यूपीएसएसएफ), स्थानीय पुलिस और पीएसी तैनात है। इंटेलिजेंस इनपुट जुटाने के लिए अलग से एजेंसियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। मंदिर का सुरक्षा घेरा छह स्तरीय है। इसे भेदना आसान नहीं है। मंदिर परिसर की सुरक्षा को तीन भागों में बांटा गया है। रेड जोन में मंदिर परिसर के अंदर वाला हिस्सा शामिल है। येलो जोन में आसपास के वे सभी रास्ते शामिल किए गए हैं, जो मंदिर परिसर की तरफ जाते हैं। ग्रीन जोन का दायरा इससे कुछ ज्यादा होता है। वहां पर तैनात सुरक्षा बल, सभी तरह के हमलों का जवाब देने में पारंगत हैं। अगर कोई आतंकी हमला होता है या विस्फोट के जरिए कोई व्यक्ति/समूह, मंदिर को नुकसान पहुंचाने का प्रयास करता है, तो उसे पहले ही खत्म कर दिया जाएगा।
मंदिर परिसर में बमरोधी दस्ते की तैनाती-
आपको बता दें कि मंदिर परिसर में बमरोधी दस्ते की स्थायी तैनाती की गई है। राम मंदिर तक पहुंचने के मार्ग, सुरक्षा के हिसाब से तय किए गए हैं। एक स्पेशल मार्ग है, जहां पर तीन जगह चेकिंग होती है। ऐसा नहीं है कि कोई व्यक्ति किसी भी मार्ग से मुख्य मंदिर तक पहुंच सकता है। उसके लिए एक मार्ग निश्चित किया गया है। मंदिर में कुछ भी लाना वर्जित है।
मंदिर परिसर की सुरक्षा के लिए तीन जोन-
सुरक्षा बलों ने 'डार्क नेट' के इस्तेमाल से निपटने के लिए भी विशेष तैयारी की है। गत वर्ष, एक व्यक्ति ने डार्क नेट का इस्तेमाल कर मंदिर को उड़ाने की धमकी दी थी। पुलिस की तत्परता से वह व्यक्ति पकड़ा गया। इसके बाद सोशल मीडिया पर भी सुरक्षा एजेंसियों की नजर है। डार्क नेट और इंटरनेट के जरिए अपराध को अंजाम देने वाले दूसरे तौर तरीकों पर भी नजर रखी जा रही है। मंदिर की सुरक्षा के लिए आसपास के इलाके में भी गहन जांच पड़ताल होती है। स्थानीय निवासियों के यहां पर कौन आ रहा है, ये सब बताना पड़ता है। अयोध्या में जिन लोगों ने मेहमानों को अपने यहां बतौर पेईंग गेस्ट रखा है, उनकी पूर्ण जानकारी जुटाई जा रही है।
राम पथ और भक्ति पथ का मास्टर प्लान तैयार-
अयोध्या के जिलाधिकारी के मुताबिक अयोध्या में भक्ति पथ, धर्मपथ, मोहबा मार्ग समेत राम नगरी के मार्गों को लेकर मास्टर प्लान तैयार किया गया है। गेस्टों के आवागमन और उनके रूकने के व्यवस्था की गई। किस गेट से उनके प्रवेश और निकास को लेकर भी पूरा प्लान तैयार कर लिया गया है।
30 हजार यात्रियों के ठहरने के लिए टेंट सिटी-
डीएम ने के मुताबिक अयोध्या में तीस हजार लोगों के लिए टेंट सिटी का निर्माण किया जा रहा है। पांच हजार यात्रियों के ठहरने के लिए विभिन्न स्थानों पर टेंट सिटी बनकर तैयार हो चुकी है। इसके अलावा 25 हजार लोगों के लिए 25 जनवरी तक बाकी टेंट सिटी भी तैयार हो जाएगी।
70 चार्टर्ड प्लेन के लिए आए आवेदन-
डीएम ने बताया कि 21 और 22 जनवरी को 70 आवेदन एयरपोर्ट अथॉरिटी के पास आएंगे। ये भी चार्टर्ड प्लेन की है। जो यहां पर लैंड की अनुमति के लिए किए हैं। सभी ने लैंड की तिथि और समय मांगा है। अथॉरिटी से बातकर जल्द ही सभी को समय दिया जाएगा।
VVIP के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया जाएगा-
अयोध्या के डीएम ने बताया कि VVIP के लिए लखनऊ से अयोध्या तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया जा रहा है। पूरे रूट पर सुरक्षा व्यवस्था के लिए व्यापक इंतजाम किए जा रहे है। वहीं राम नगरी में प्रवेश के लिए दो मार्गों को चिन्हित किया गया है। पहला मार्ग धर्म पथ से होते हुए भक्ति पथ है और दूसरा मार्ग मोहबरा चौराहे से होते हुए रामजन्मभूमि पथ तक जाता है। दोनों मार्गों को VVIP के आने-जाने के लिए सुनिश्चित किया गया है।
55 जिलों से 1200 ट्रैफिक पुलिस की तैनाती-
अयोध्या में रामलला प्राण प्रतिष्ठा के मद्देनजर रामनगरी में लाखों श्रद्वालुओं पहुंचने वाले है। इससे कहीं ट्रैफिक व्यवस्था बिगड़ न जाए इसे देखते हुए यातायात पुलिस रामभक्तों की राह आसान बनाएंगी। जिसके लिए शासन ने यूपी के 55 जिलों की लगभग 1200 ट्रैफिक पुलिस की तैनाती राम नगरी में की है। इसके अलावा 100 ट्रैफिक पुलिसकर्मी बॉडीवार्म कैमरे से लैस होंगे जो राहगीरों के हर मूवमेंट को कैमरे में कैद करेंगे। प्रशासन इन पुलिस के जवानों को सभी सुविधाओं से लैस करेगी। ताकि ये श्रद्धालुओं को होने वाली परेशानी से निजात दिला सकें। इसके लिए शासन ने मेरठ, गाजियाबाद, आगरा, अलीगढ़ व अन्य जिलों के 18 यातायात निरीक्षक, 250 उपनिरीक्षक, 700 से अधिक यातायात कांस्टेबल की तैनाती अयोध्या में की गई है। मैन पावर के अलावा दो इंटरसेप्टर वाहन भी क्रियाशील रहेंगे, जो वाहनों आवागमन पर भी नजर रखेंगे।
अयोध्या से नेपाल बॉर्डर तक हाई अलर्ट-
22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए अयोध्या से लेकर नेपाल बॉर्डर तक हाई अलर्ट जारी किया गया है। अतीत में कई ऐसे अलर्ट मिले हैं, जिनमें अफगानिस्तान और पाकिस्तान के आतंकी समूह, नेपाल सीमा के जरिए उत्तर प्रदेश में प्रवेश कर अयोध्या के राम मंदिर की तरफ आने का दुस्साहस करने की फिराक में हैं। यही वजह है कि नेपाल से लगती यूपी की करीब 570 किलोमीटर सीमा पर विशेष चौकसी बरती जा रही है।
नेपाल बॉर्डर से लगते यूपी के जिले खीरी, बहराइच, श्रावस्ती, महाराजगंज, बलरामपुर सिद्धार्थनगर और पीलीभीत में इंटेलिजेंस टीमे तैनात हैं। इन जिलों में करीब 257 ऐसे कच्चे रास्ते हैं, जो सीधे नेपाल बॉर्डर की ओर जाते हैं। इन सभी पर कड़ी नज़र रखी जाएगी।
सीनियर प्रोड्यूसर
Published : 13 January, 2024, 4:39 pm
Author Info : राष्ट्रीय पत्रकारिता या मेनस्ट्रीम मीडिया में 15 साल से अधिक वर्षों का अनुभव। साइंस से ग्रेजुएशन के बाद पत्रकारिता की ओर रुख किया। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया...