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(Special Story) रामनगरी अयोध्या में भव्य एवं दिव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। 22 जनवरी को भगवान की प्राण प्रतिष्ठा का समारोह है। देश-विदेश से जहां श्रद्धालु एवं पर्यटक अयोध्या आ रहे हैं वहीं भगवान के मंदिर के मॉडल की मांग अचानक बढ़ गई है। देश के साथ ही विदेशों से मंदिर के मॉडल के ऑर्डर बड़ी संख्या में आ रहे हैं। आइए आपको विस्तार से बताते हैं कि आखिर कहां पर बनते हैं राम मंदिर के मॉडल और कैसे आया मंदिर के मॉडल को बनाने का विचार...
कहां बनता है राम मंदिर का मॉडल-
अयोध्या में जहां एक ओर भगवान का भव्य मंदिर बन रहा है, वहीं यहां पर मंदिर के मॉडल भी हजारों की संख्या में तैयार किए जा रहे हैं। इन राम मंदिर के मॉडलों को तैयार करने में महिलाओं का सहयोग लिया जा रहा है। अयोध्या में ही मंदिर के मॉडल बनाने के काम में लगी महिला कर्मचारियों का कहना है कि उनको भगवान के मंदिर का मॉडल बनाने का काम करना बहुत अच्छा लग रहा है। उनका कहना है कि भगवान के काम के लिए पैसे भी मिल रहे हैं इससे अच्छा और क्या हो सकता है।
कैसे आया मंदिर के मॉडल बनाने का विचार-
अयोध्या में स्थित एक फैक्ट्री में डिजाइनर राम मंदिर तैयार किए जा रहे हैं। ये मॉडल लकड़ी पर लेजर कटिंग के जरिए तैयार किए जा रहे हैं। इन मंदिरों की कीमत 650 से लेकर 30 हजार तक बताई जा रही है। इन मंदिरों के मॉडल को लोग भेंट के रूप में भी एक दूसरे को दे रहे हैं। विदेशों से भी राम मंदिर के मॉडल की डिमांड आ रही है। अब हालात ऐसे हो गए हैं कि डिमांड पूरी करना मुश्किल हो रहा है। फैक्ट्री के ओनर आदित्य के मुताबिक मंदिर का फैसला आने के बाद जब मंदिर बनना शुरू हुआ तब वो वहां दर्शन करने गए थे। तभी उन्होंने पहली बार मंदिर कैसा बनेगा इसका मॉडल देखा था, तभी से उनके मन में विचार आया कि ऐसा ही मंदिर का मॉडल वो बनाएंगे। इसके पीछे उनका ऐसा मानना था कि जो व्यक्ति अयोध्या मंदिर में दर्शन करने नहीं पहुंच सकता वो इस मंदिर के मॉडल के जरिए अपने घर बैठे भी भगवान का दर्शन कर सके। आदित्य ने बताया कि फिर धीरे-धीरे काम शुरू हुआ और आज ये स्थिति है कि मांग पूरी करना मुश्किल हो रहा है।
लोग गिफ्ट देने के लिए ले जाते हैं मंदिर का मॉडल-
आदित्य ने बताया कि हमारा मंदिर का मॉडल एकदम भगवान राम के मंदिर की तरह ही है। बहुत खूबसूरती के साथ इसे बनाया जाता है। जितनी मंजिल का मंदिर बन रहा है बिल्कुल वैसा ही मॉडल तैयार किया गया है। मैं देखता हूं कि लोग अब इसको उपहार देने के लिए खरीद रहे हैं। चाहे वह birthday gift हो या कोई और अवसर हो, लोग इसे ही देना पसंद कर रहे हैं। प्रभु श्रीराम की वजह से हमारे इस मॉडल को बहुत पसंद किया जा रहा है।
किसी चीज से बनाया जाता है मॉडल-
ये पाइन एमडीएफ एक लकड़ी होती है जिसके द्वारा इस मॉडल को बनाया जाता है। इसी लकड़ी का हार्डबोर्ड होता है। जिस पर इस खास मशीन से डिजाइन को फीड किया जाता है, जिसके बाद मार्किंग की जाती है। फिर मशीन अलग-अलग पार्ट्स को काट देती है। इसमें खिड़कियां हैं, दरवाज़े हैं सारी चीज़ें हैं। एक तरीके से हम कह सकते हैं कि जैसे जो काम राम मंदिर में हाथों से किया जा रहा है, जैसे कि नक्काशी का काम, यह मशीन कर देती है। कटिंग का काम पूरा होने पर हम इसको स्टेप-बाई-स्टेप जोड़ते हैं और उसके बाद मॉडल तैयार किया जाता है। लेकिन जिस तरह से ऑर्डर आ रहे हैं उससे तो यही लग रहा है कि मुझे जल्द ही और स्टॉफ बढ़ाना पड़ेगा नहीं तो हम डिमांड नहीं पूरी कर पाएंगे।
फैक्ट्री में ही काम करने वाले निखिल सिंह का कहना है कि उनको भगवान के मंदिर का मॉडल बनाने में बड़ी खुशी मिलती है। एक तरह से हम उनकी सेवा में लगे हैं। जो आनंद यहां मिल रहा है शायद ही कहीं और मिलता। क्योंकि भगवान से बढ़कर दुनिया में कुछ नहीं है। निखिल आगे बताते हैं कि हमारे भगवान इतने सालों से तिरपाल में रहते थे अब वो अपने भव्य मंदिर में आ जाएंगे यह बहुत अच्छा होगा। भगवान के सहारे ही हम जैसे कितने लोगों को रोजगार मिल रहा है।
काशी में 360 करोड़ का है सालाना कारोबार-
आपको बता दें कि राम मंदिर मॉडल सिर्फ अयोध्या में ही नहीं बनाए जा रहे हैं बल्कि देश में कई जगह बन रहे हैं। वाराणसी में कलाकारों ने अयोध्या में बन रहे राम मंदिर जैसा ही लकड़ी का मंदिर तैयार किया है। जिसकी डिमांड देश से लेकर विदेश तक में हो रही है। बताया जा रहा है कि काशी में इसका 360 करोड़ का सालाना कारोबार है। पहले मुश्किल से पांच या दस की संख्या में खिलौने बन पाते थे। लेकिन अब यहां लगभग दो हजार प्रकार के खूबसूरत खिलौने बनाए जाते हैं। वहीं, जीआई टैग लग जाने से खिलौनों का महत्व और बढ़ गया है। दरअसल, जब से राम मंदिर का भूमि पूजन हुआ है, तभी से काशी में लकड़ी के बनी मूर्ति और मंदिरों का कारोबार बढ़ गया है। पिछले 30 दिनों में 75 हजार से अधिक मंदिर के मॉडल को काशी के बड़े कारीगरों ने तैयार किया है। जिसे बीजेपी शासित 10 से ज्यादा राज्यों में भेजा गया है। ये कारीगर राम दरबार भी तैयार करते हैं जो देशभर में भेजे जा रहे हैं।
काशी में 500 परिवार तैयार कर रहे हैं मॉडल तैयार-
वाराणसी में लगभग 500 परिवार राम मंदिर और राम दरबार तैयार कर रहे हैं। इन परिवारों में कुछ ऐसे भी हैं, जो 3-4 पीढ़ियों से यही काम कर रहे हैं। इन परिवारों का कहना है, काशी में पहली बार लकड़ी के खिलौने बनाने वाले कारीगर भगवान के मंदिर का मॉडल तैयार कर रहे हैं।
50,000 करोड़ रुपये होगा व्यापार-
कारोबारियों के मुताबिक ऐसा माना जा रहा है कि 22 जनवरी, 2024 देश में कारोबार के लिहाज से भी बेहद शानदार रहने वाला है। कॉनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) ने एक कहा है कि 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन देश में 50,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्यापार होने की उम्मीद है जिसके लिए कारोबारियों ने कमर कस ली है। कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, विश्व हिन्दू परिषद के आह्वान पर देशभर में श्री राम मंदिर के उद्घाटन को लेकर अभियान चलाया जा रहा है। जैसा लोगों में उत्साह दिख रहा है उसके मुताबिक देश के सभी राज्यों में व्यापार के बड़े अवसर दिखाई दे रहे हैं और यह अनुमान लगाया जा रहा है कि जनवरी के महीने में 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार होगा।
बाजार में भगवान राम से जुड़ी चीजें का व्यापार-
प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि देश के सभी बाजारों में बड़ी मात्रा में श्री राम ध्वजा, श्री राम अंग्वस्त्र सहित श्री राम के चित्र से अंकित मालाएं, लॉकेट, चाबी की रिंग, राम दरबार के चित्र, राम मंदिर के मॉडल के चित्र, सजावटी लटकनें, कड़े सहित अनेक प्रकार का सामान उपलब्ध हैं। जिसकी भारी मांग देखने को मिल रही है। उन्होंने बताया कि श्री राम मंदिर के मॉडल की मांग बहुत अधिक है। और यह मॉडल हार्डबोर्ड, पाइनवुड, लकड़ी आदि अन्य सामान से अलग-अलग साइज में तैयार किए जा रहे हैं। इन मॉडल को बनाने में बड़ी संख्या में जहां महिलाओं को रोजगार मिल रहा है। वहीं स्थानीय कारीगरों, कलाकारों एवं हाथ से काम करने वाले लोगों को भी बड़ा व्यापार मिल रहा है।
सीनियर प्रोड्यूसर
Published : 18 January, 2024, 7:42 pm
Author Info : राष्ट्रीय पत्रकारिता या मेनस्ट्रीम मीडिया में 15 साल से अधिक वर्षों का अनुभव। साइंस से ग्रेजुएशन के बाद पत्रकारिता की ओर रुख किया। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया...