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''हम सब तो रंगमंच की कठपुतलियां हैं''...

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(Special Story) हम सब तो रंगमंच की कठपुतलियां हैं जिसकी डोर ऊपर वाले के हाथ में है, कौन कब कहां उठेगा, कोई नहीं जानता फिल्म आनंद में ये लाइने राजेश खन्ना ने अपने दमदार अभियन के चलते इस संसार के बारे में कही थीं जो लोगों की जुबां पर मानों चढ़ गई हों। ऐसे ही दुनियाभर के कलाकारों को समर्पित आज वर्ल्ड थियेटर डे यानि विश्व रंगमंच दिवस है जो हर साल 27 मार्च को मनाया जाता है।आइए जानते हैं कब से हुई इसकी शुरुआत और क्यों मनाया जाता है विश्व रंगमंच दिवस.... 

क्यों मनाया जाता है विश्व रंगमंच दिवस-

विश्व रंगमंच दिवस का महत्व कई कारणों से है। यह दिन जहां रंगमंच और कला को बढ़ावा देता है वहीं लोगों को इस कला के प्रति जागरूक भी करता है। इसके अलावा रंगमंच कलाकारों, निर्देशकों और लेखकों को प्रोत्साहित भी करता है। रंगमंच दर्शकों को जीवन के कई पहलुओं से रूबरू कराता है। थिएटर किसी एक कलाकार से नहीं बनता, बल्कि इसमें नाट्य निर्देशक, आर्ट डायरेक्टर, सेट डिजाइनर, लाइट एवं साउंड टेक्नीशियन का भी बहुत बड़ा रोल होता है। इसके अलावा थिएटर में होनेवाले नाटक की कहानी, संवाद, गीत, संगीत, नृत्य लिखने वालों के बिना भी नाटक का सफल आयोजन नहीं हो सकता।

विश्व रंगमंच दिवस का इतिहास-

विश्व रंगमंच दिवस हर साल 27 मार्च को मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 1961 में अंतरराष्ट्रीय रंगमंच संस्थान (ITI) द्वारा फ्रांस में की गई थी। इसका उद्देश्य रंगमंच के महत्व के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करना है। रंगमंच कलाकारों और उनके योगदान को सम्मानित करना है। विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं को रंगमंच के माध्यम से प्रस्तुत करना है। इसके साथ ही समाज में रंगमंच की भूमिका को रेखांकित करना। सन् 1962 में मशहूर नाटककार जीन कोक्ट्यू ने विश्व रंगमंच दिवस के लिए पहला संदेश लिखा था। पहला नाटक एथेंस में एक्रोप्लिस में स्थित थिएटर ऑफ डायोनिसस में आयोजित किया गया था। जिसके बाद से ग्रीस में इसका ऐसा प्रभाव हुआ कि लोग इसमें बढ़-चढ़कर भाग लेने लगे। यह नाटक पांचवीं शताब्दी के शुरुआती दौर का माना जाता है। थिएटर ऑफ डायोनिसस दुनिया का सबसे पुराना थिएटर है जिसे छठी शताब्दी ईसा पूर्व में बनाया गया था।

कैसे मनाया जाता है विश्व रंगमंच दिवस-

2024 में विश्व रंगमंच दिवस का 62वां संस्करण है। इस दिन हर साल नाटकीय प्रदर्शन, कार्यशालाएं और प्रदर्शनियां आयोजित की जाती हैं। इसके साथ ही रंगमंच कलाकारों को सम्मानित किया जाता है। रंगमंच के इतिहास और महत्व पर चर्चाएं आयोजित की जाती हैं। स्कूलों और कॉलेजों में रंगमंच पर कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

विश्व रंगमंच दिवस का महत्व-

विश्व रंगमंच दिवस रंगमंच कला को बढ़ावा देने और लोगों को इसके महत्व के बारे में जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह दिवस हमें रंगमंच की शक्ति को याद दिलाता है जो हमें शिक्षित, मनोरंजन और प्रेरित कर सकता है।

कुछ प्रसिद्ध रंगमंच कलाकार हैं-

भारत- श्याम बेनेगल, गिरीश कर्नाड, नसीरूद्दीन शाह, सदाशिव अमरापुरकर, विद्या बालन
विश्व- पीटर ब्रूक, जॉन गिलगुड, लॉरेंस ओलिवियर, एलेन बर्स्टिन, मेरिल स्ट्रीप

वर्ल्ड थियेटर डे पर कुछ कोट्स-

  • रंगमंच कलाकारों का एक ऐसा परिवार है, जो एक साथ मिलकर एक कहानी को जीवंत करते हैं।
  • रंगमंच दर्शकों के लिए एक ऐसा माध्यम है, जिससे वे जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझ सकते हैं।
  • रंगमंच एक ऐसा साधन है, जिसके माध्यम से हम समाज में बदलाव ला सकते हैं।
  • रंगमंच कलाकारों के लिए एक ऐसा मंच है,जहां वे अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकते हैं।
  • रंगमंच कलाकारों को अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का एक मंच प्रदान करता है।
  • रंगमंच हमें जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझने में मदद करता है।
  • रंगमंच हमें एक बेहतर इंसान बनाता है।
  • रंगमंच एक ऐसा दर्पण है जो समाज को उसकी असलियत दिखाता है- जॉर्ज बर्नार्ड शॉ
  • रंगमंच जीवन का एक अभिन्न अंग है। यह हमें हंसाता है, रुलाता है और सोचने पर मजबूर करता है- अरस्तू
  • रंगमंच एक ऐसी जगह है जहां सपने सच होते हैं- विलियम शेक्सपियर

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