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भारत के ऐसे वॉर मेमोरियल, जिन्हें देखकर होगा शौर्य का एहसास

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भारत में युद्ध स्मारक उन वीर सैनिकों की याद दिलाते हैं जिन्होंने देश की सुरक्षा और सम्मान के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। ये स्मारक न केवल उनके बलिदान की गाथा सुनाते हैं, बल्कि हमारे राष्ट्र की स्वतंत्रता और अखंडता के प्रतीक भी हैं।  इस साल भारत अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस (Independence Day 2024) मनाने जा रहा है। 15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश शासन से मुक्ति का यह दिन देश के कई वीर सपूतों की याद दिलाता है, जिन्होंने आजादी की लड़ाई में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था और अपने प्राण न्योछावर करने से भी पीछे नहीं हटे थे। आइए जानते हैं ऐसे प्रमुख वॉर मेमोरियल के बारे में जिन्हें आपको इस वर्ष के स्वतंत्रता दिवस पर एक बार जरूर देखना चाहिए। 

1. विजय स्मारक, पुणे
राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के रूप में भी जाना जाने वाला यह स्मारक भारतीय सेना के दक्षिणी कमान के उन वीर सैनिकों को समर्पित है, जिन्होंने विभिन्न युद्धों और संघर्षों में अपने जीवन का बलिदान दिया। यह स्मारक पुणे में स्थित है और वीरता की मिसाल पेश करता है।

2. कारगिल युद्ध स्मारक, लद्दाख
द्रास शहर में स्थित यह स्मारक 1999 के कारगिल युद्ध में शहीद हुए सैनिकों को समर्पित है। इस स्मारक में एक संग्रहालय, शहीदों के नामों की दीवार और एक विशाल राष्ट्रीय ध्वज शामिल है। यह स्थल उन वीर जवानों के अदम्य साहस की गवाही देता है जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर किए।

3. अमर जवान ज्योति, नई दिल्ली
यह शाश्वत लौ भारत के उन वीर सैनिकों की याद में जलती है जिन्होंने 1971 के भारत-पाक युद्ध में अपने प्राणों की आहुति दी। यह लौ दिन-रात जलती रहती है और हमारे सशस्त्र बलों की बहादुरी और समर्पण का प्रतीक है।

4. इंडिया गेट, दिल्ली
इंडिया गेट, शायद भारत का सबसे प्रतिष्ठित युद्ध स्मारक है, जो प्रथम विश्व युद्ध के दौरान शहीद हुए ब्रिटिश भारतीय सेना के 70,000 से अधिक सैनिकों को समर्पित है। यहां हर साल गणतंत्र दिवस पर परेड आयोजित होती है, जो भारत की सैन्य शक्ति और शौर्य का प्रतीक है।

5. विजय युद्ध स्मारक, चेन्नई
मरीना बीच पर स्थित विजय युद्ध स्मारक उन भारतीय सैनिकों की याद में बनाया गया है जिन्होंने स्वतंत्रता के बाद के युद्धों, विशेषकर भारत-पाक युद्ध और कारगिल संघर्ष में अपने प्राणों की आहुति दी। यह स्मारक उनकी वीरता और देशभक्ति का प्रतीक है।

6.पोरबंदर, गुजरात-

अगर आप इस 15 अगस्त को कहीं घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो गुजरात के पोरबंदर का रुख कर सकते हैं। यह वह स्थान है जहां राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म हुआ था। पोरबंदर में स्थित कीर्ति मंदिर महात्मा गांधी की जन्मस्थली है, जिसे अब एक संग्रहालय के रूप में बदल दिया गया है। यहां आप गांधीजी के जीवन और उनके लेखन से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज और वस्त्र देख सकते हैं।

7.जलियांवाला बाग, अमृतसर-

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पंजाब के अमृतसर का जलियांवाला बाग एक अहम ऐतिहासिक स्थल है। 13 अप्रैल 1919 को बैसाखी के दिन यहां हुए निहत्थे भारतीयों पर ब्रिटिश सेना द्वारा की गई गोलीबारी की यादें आज भी ताजा हैं। यहां की दीवारों पर बुलेट के निशान और शहीदों की याद में बना स्मारक आपको उस भयानक दिन की याद दिलाते हैं।

8.अगस्त क्रांति मैदान, मुंबई-

मुंबई का अगस्त क्रांति मैदान भी स्वतंत्रता दिवस पर घूमने के लिए एक ऐतिहासिक स्थान है। यह वही स्थान है जहां से 9 अगस्त 1942 को महात्मा गांधी ने 'भारत छोड़ो आंदोलन' की शुरुआत की थी। इस मैदान को गोवली मैदान के नाम से भी जाना जाता है और यहां का दौरा करने से आपको स्वतंत्रता संग्राम के उस महत्वपूर्ण अध्याय की झलक मिलेगी।

9.लाल किला, दिल्ली-

दिल्ली का लाल किला स्वतंत्रता दिवस का सबसे प्रमुख केंद्र होता है। 15 अगस्त को यहां देश के प्रधानमंत्री ध्वजारोहण करते हैं और पूरे देश को संबोधित करते हैं। ऐतिहासिक रूप से भी यह स्थान बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसका निर्माण मुगल बादशाह शाहजहां ने कराया था। लाल बलुआ पत्थरों से बने इस किले को 'लाल किला' के नाम से जाना जाता है और यह भारतीय स्वतंत्रता का एक प्रतीक भी है।

भारत के स्वतंत्रता संग्राम की गाथाएं-

इन स्थानों की यात्रा करके आप न केवल भारत के स्वतंत्रता संग्राम की गाथाओं से रूबरू हो सकते हैं, बल्कि अपने भीतर देशभक्ति की भावना को और प्रबल भी कर सकते हैं। भारत के इन युद्ध स्मारकों को देखकर न केवल हमारे शहीदों के बलिदान का सम्मान किया जा सकता है, बल्कि देशभक्ति की भावना को भी प्रबल किया जा सकता है। यदि आप कभी इन शहरों में जाएं, तो इन स्थानों की यात्रा अवश्य करें और उन वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित करें जिन्होंने हमारे आज के लिए अपना कल कुर्बान कर दिया।

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