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यूपी के मरीजों को मिलेगी राहत, योगी सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को दिए 749 नए डॉक्टर

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उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने में लगी योगी सरकार ने प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को 749 नए डॉक्टर दिए हैं। भर्ती किए गए चिकित्सकों में 393 एमबीबीएस और 356 विशेषज्ञ डॉक्टर हैं। इन सभी चिकित्सकों को संविदा पर भर्ती किया गया है। एक वर्ष बाद इनके कार्यों की समीक्षा की जाएगी और इसके बाद इनमें से जिन चिकित्सकों का प्रदर्शन अच्छा रहेगा उनकी संविधा अवधि को एक वर्ष और आगे बढ़ाया जाएगा। प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि 749 नए चिकित्सकों की भर्ती होने से सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों में लोगों को और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी। सबसे ज्यादा 84 हड्डी रोग विशेषज्ञ हैं। 59 प्रसूति रोग विशेष और 55 शल्य चिकित्सक यानी सर्जन शामिल हैं। 32 बाल रोग विशेषज्ञ, 26 पैथोलाजिस्ट और 22 नाक, कान व गला विशेषज्ञ की भर्ती की गई है।

50-1.20 लाख तक अधिकतम सैलरी-

आपको बता दें कि भर्ती किए गए एमबीबीएस डॉक्टरों का न्यूनतम 50 हजार रुपये और अधिकतम 65 हजार रुपये प्रति महीने के मानदेय पर रखा गया है। वहीं विशेषज्ञ डॉक्टरों को 80 हजार रुपये से लेकर अधिकतम 1.20 लाख रुपये तक मासिक मानदेय मिलेगा।

विभिन्न श्रेणियों के आधार पर मानदेय तय-

भर्ती किए गए डॉक्टरों का मानदेय शहरों की विभिन्न श्रेणियों के आधार पर मकान किराया भत्ता इत्यादि को देखते  हुए अलग-अलग तय किया गया है। मालूम हो कि प्रदेश में प्रांतीय चिकित्सा सेवा (पीएमएस) संवर्ग के कुल 19,700 पदों में से करीब 11 हजार पद भरे हैं। ऐसे में संविदा पर 749 चिकित्सकों की हुई भर्ती से कुछ राहत तो मिलेगी ही।

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