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वाराणसी के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय प्रशासन ई-गवर्नेंस की ओर बढ़ रहा है। अभी तक विश्वविद्यालय में प्रवेश, परीक्षा, परिणाम, प्रमाणपत्र और अन्य कार्यों के लिए पारंपरिक तरीके अपनाए जाते थे। लेकिन अब, राज्य के पहले संस्कृत विश्वविद्यालय ने ई-समर्थ पोर्टल की सेवा लेने का निर्णय लिया है। जिसकी मदद से आने वाले समय में छात्रों की संख्या परीक्षा परिणाम अंकपत्र प्रमाणपत्र शिक्षकों और कर्मचारियों का डाटाबेस एक क्लिक पर मिल सकेगा। ई-समर्थ पोर्टल उच्च शिक्षा में ई-गवर्नेंस के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह पोर्टल विश्वविद्यालयों को अधिक कुशल और पारदर्शी बनाने में मदद करेगा।
राज्य का पहला संस्कृत विश्वविद्यालय-
आपको बता दें कि तकनीकी युग की डिमांड को देखते हुए वाराणसी का संस्कृत विश्वविद्यालय ई-समर्थ पोर्टल से जुड़ने की तैयारी कर रहा है। यह विश्वविद्यालय ई-समर्थ पोर्टल से जुड़ने वाला राज्य का पहला संस्कृत विश्वविद्यालय होगा। दरअसल, वर्तमान में केंद्रीय विश्वविद्यालयों में कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) समर्थ पोर्टल के माध्यम से हो रहा है। इसकी उपयोगिता को देखते हुए संस्कृत विश्वविद्यालय ने भी ई-समर्थ पोर्टल की सेवा लेने का निर्णय लिया है। जिसको लेकर कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा ने बताया कि समर्थ पोर्टल से जुड़ने के बाद क्लाउड स्टोरेज की भी सुविधा मिल जाएगी। इससे पारदर्शिता के साथ-साथ अभिलेखों के रखरखाव में काफी सहूलियत होगी। अभिलेखों में छेड़छाड़ करना आसान नहीं होगा। शैक्षणिक प्रबंधन वित्त एवं लेखा, यूजी-पीजी में एडमिशन को लेकर प्रवेश परीक्षा, नियुक्ति प्रक्रिया की सूचना समेत अन्य मॉड्यूल पर आनलाइन कार्य किया जा सकेगा।
क्लाउड सर्वर में सुरक्षित रहेगा डेटा
वहीं समर्थ पोर्टल से जुड़ जाने के बाद विश्वविद्यालय के सभी कार्य ई-गवर्नेंस से संचालित होंगे। जिससे क्लाउड सर्वर में डेटा हमेशा के लिए सुरक्षित रह सकेगा। दरअसल, क्लाउड कंप्यूटिंग द्वारा उपलब्ध कराए गए उपयोगी डाटा, प्लेटफार्म, सॉफ्टवेयर आदि सर्वर पर स्टोर होते हैं। जो क्लाउड कंप्यूटिंग की सुविधा उपलब्ध करवाती है। ऐसे में इंटरनेट पर सर्वर में जानकारियां (अनुप्रयोग, वेब पेजेस, प्रोग्राम आदि ) हमेशा के लिए सुरक्षित हो जाती है।
Baten UP Ki Desk
Published : 27 January, 2024, 11:36 am
Author Info : Baten UP Ki