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यूपी के कुशीनगर का इतिहास अपने आप में गौरवशाली है। वाल्मीकि रामायण के अनुसार यह स्थान त्रेता युग में भी आबाद था और यह मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के पुत्र कुश की राजधानी थी जिसके चलते इसे 'कुशावती' के नाम से जाना गया। ईसापूर्व के पांचवी और छठी शताब्दी के बीच में यहां भगवान बुद्ध का आगमन हुआ था। जहां पर महात्मा बुद्ध ने अपना अन्तिम उपदेश देने के बाद महापरिनिर्वाण को प्राप्त किया था। आपको बता दें कि19वीं शताब्दी में कुशीनगर की खोज के दौरान एक विशाल परिसर व मिट्टी के टीलों में दबी भगवान बुद्ध की प्रतिमा मिली थी। मुख्य महापरिनिर्वाण मंदिर में परिनिर्वाण मुद्रा में स्थापित भगवान बुद्ध की यह प्रतिमा 6.10 मीटर लंबी है। दुनिया भर में बौद्ध धर्म के जितने भी अनुयायी हैं, उनमें इस प्रतिमा का खास महत्व है। हर साल कुशीनगर में इस प्रतिमा को देखने के लिए हजारों विदेशी श्रद्धालु आते हैं।
ऐतिहासिक रूप से कुशीनगर का महत्व काफी अहम है। गुप्तकाल के तमाम अवशेष आज भी यहां मौजूद हैं। इनमें लगभग डेढ़ दर्जन प्राचीन टीले हैं, जिसे पुरातत्व विभाग ने संरक्षित घोषित कर दिया है। वही इसके भौगोलिक क्षेत्र की बात करे तो पूर्व में बिहार राज्य, दक्षिण-पश्चिम में देवरिया जिला, पश्चिम में गोरखपुर जिला और उत्तर-पश्चिम में महराजगंज जिला स्थित हैं।
पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित है कुशीनगर
कुशीनगर जिले में पर्यटन से जुड़े तमाम ऐसे स्थल है, जहां देश- विदेश से हजारों की संख्या में पर्यटक आते है। यहां पर महापरिनिर्वाण मंदिर, रामाभार स्तूप तथा माथाकुँवर मंदिर है। यही नहीं कुशीनगर में म्यांमार बुद्ध विहार,थाईलैंड बुद्ध विहार,कोरिया बुद्ध विहार,चीनी बुद्ध विहार,जापानी बुद्ध विहार,श्रीलंका बुद्ध विहार और कम्बोडिया बुद्ध विहार है। ये सभी पर्यटन के दृष्टि से काफी अहम है। कुशीनगर में हर साल बुद्ध पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। इसमें लाखो की संख्या में श्रद्धालु शामिल होते है। आपको बता दें कि उत्तर भारत का एकमात्र सूर्य मंदिर भी इसी जिले के तुर्कपट्टी में स्थित है। शहर से कुछ किलोमीटर दूर पडरौना का राज दरबार भी पर्यटकों की पसंद मानी जाती है।
कृषि प्रधान जनपद माना जाता है कुशीनगर
कुशीनगर जनपद मूल रूप से किसान प्रधान माना जाता है। जिले में कुल 7 विधानसभा और 6 तहसीलें हैं। अधिकतर इलाकों में लोग कृषि पर ही निर्भर रहते है। गन्ना एवं चीनी उत्पादन के लिए भी कुशीनगर प्रसिद्ध है। यहां गन्ने की सर्वाधिक खेती की जाती है। इसके अतिरिक्त गेहूँ, धान यहाँ की प्रमुख फसलें हैं। मक्का, बाजरा, मूंग, उड़द, अरहर, आलू एवं अन्य सब्जियों की खेती भी की यहां खेती की जाती है।
Baten UP Ki Desk
Published : 20 April, 2023, 3:11 pm
Author Info : Baten UP Ki