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ज्ञानवापी में ASI का दोबारा होगा सर्वे!

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वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में एएसआई सर्वे के बाद हिंदू पक्ष सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रहा है। हिन्दू पक्ष का मानना है कि ज्ञानवापी परिसर में प्राचीन और भव्य मंदिर था, जिसे तोड़कर मस्जिद बनाई गई। एएसआई सर्वे की रिपोर्ट में भी इस बात के प्रमाण मिले हैं और वजू स्थल भी इसी मंदिर का हिस्सा है। इसलिए अब वजू स्थल का सर्वे होना चाहिए। हिन्दू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि वजू स्थल का सर्वे कराने के लिए जल्द ही सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। इसके लिए याचिका तैयार की जा रही है जिसे सुप्रीम कोर्ट में पेश किया जाएगा।

मुस्लिम पक्ष ASI रिपोर्ट के विरोध में हाईकोर्ट में दाखिल करेगा आपत्ति 

वहीं मुस्लिम पक्ष भी ASI रिपोर्ट पर रोक लगाने के लिए हाईकोर्ट जाने की तैयारी में है। मसाजिद इंतजामिया कमेटी के अधिवक्ता का कहना है कि वह कुछ दिनों में एएसआई की रिपोर्ट के विरोध में हाईकोर्ट में आपत्ति दाखिल करेगी। आपको बता दें कि हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने दावा किया कि ASI की रिपोर्ट से साफ हो गया है, कि ज्ञानवापी मस्जिद वहां पहले से मौजूद एक पुराने मंदिर के अवशेषों पर बनाई गई थी। जिसमें मंदिर के सभी पिलर और पत्थरों का उपयोग किया गया। वर्तमान स्थल मंदिर का है जिस पर गुंबद रख दिए गए। अब मामले में शेष बचे वजू स्थल के एएसआई सर्वे के लिए हम तैयार हैं, इसके लिए याचिका तैयार की जा रही है जिसे सुप्रीम कोर्ट में पेश किया जाएगा।

अगले सप्ताह कोर्ट खुलने दायर होगी याचिका 

हिन्दू पक्ष के वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने बताया कि ज्ञानवापी में पहला दावा सच हो गया है अब वजू टैंक और कथित शिवलिंग के सर्वे को लेकर हम होमवर्क कर रहे हैं। अगले सप्ताह ही कोर्ट खुलने पर सुप्रीम कोर्ट में लंबित याचिका पर सुनवाई के लिए अपील की जाएगी। इसमें वजू स्थल के सील एरिया खोले जाने, कथित वजू स्थल टैंक का साइंटिफिक सर्वे और कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराने के बिंदु शामिल रहेंगे।

रिपोर्ट में मंदिर होने के मिले 32 सबूत 

आपको बता दें कि वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर की ASI सर्वे रिपोर्ट गुरुवार रात सार्वजनिक कर दी गई। 839 पेज की रिपोर्ट हिंदू-मुस्लिम पक्ष को सौंपी गई है। इसके बाद हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने दावा किया है कि रिपोर्ट में मंदिर होने के 32 सबूत मिले हैं। दीवारों पर कन्नड़, तेलुगु, देवनागरी और ग्रंथ भाषाओं में लेखनी मिली है। उन्होंने कहा- भगवान शिव के 3 नाम भी मिले हैं। वो हैं- जनार्दन, रुद्र और ओमेश्वर। मस्जिद के सारे पिलर पहले मंदिर के थे, जिन्हें मॉडिफाई कर मस्जिद में इस्तेमाल किया गया। मस्जिद की पश्चिमी दीवार से साफ पता चला है कि वह मंदिर की दीवार है। यह दीवार 5 हजार साल पहले नागर शैली में बनी है। दीवार के नीचे 1 हजार साल पुराने अवशेष भी मिले हैं। हालांकि, मुस्लिम पक्ष का कहना है कि रिपोर्ट पढ़ने के बाद ही कुछ कह सकेंगे।

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