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594 किलोमीटर की दूरी, 518 गावों से होकर गुजरेगा ये यूपी का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे!

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उत्तर प्रदेश में बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्य में अभी तक का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे का निर्माणा हो रहा है, जो प्रदेश के विकास को नई ऊँचाइयों पर ले जाएगा। इस मेगा प्रोजेक्ट का नाम है 'गंगा एक्सप्रेस-वे', जो कुल 594 किलोमीटर लंबा होगा। यह एक्सप्रेस-वे यूपी के पश्चिमी भाग को पूर्वी भाग से जोड़ते हुए आर्थिक और सामाजिक विकास को गति देगा।

इसी साल पूरा हो जाएगा काम-

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल गंगा एक्सप्रेस-वे का काम 31 दिसंबर माह तक पूरा करने का लक्ष्य दिया है। 12 जिलों से होकर गुजरने वाले इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण पर 36,230 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। 

सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे-

गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण पूरा होने के बाद पश्चिमी और पूर्वी उत्तर प्रदेश के बीच की दूरी कम हो जाएगी। यह किसी प्रदेश में बनने वाला अभी तक का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे होगा। 

रामगंगा पर 720 मीटर लंबा पुल-

इस एक्सप्रेस-वे पर मेरठ-बदायूं के बीच गंगा नदी पर 960 मीटर और बदायूं-हरदोई के बीच रामगंगा पर 720 मीटर लंबा पुल भी बनाया जा रहा है। यह एक्सप्रेस-वे 14 पुलों, सात आरओबी और 32 फ्लाईओवर से होकर गुजरेगा।

एक्सप्रेस-वे पर हवाई पट्टी का निर्माण-

इस एक्सप्रेस-वे पर शाहजहांपुर के जलालाबाद के पास साढ़े तीन किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी भी निर्मित की जा रही है। इस पर किसी भी आपात स्थिति में बोइंग विमान भी उतर सकते हैं। एक्सप्रेस-वे पर मेरठ और प्रयागराज में दो मुख्य और अन्य स्थानों पर 15 रैंप टोल प्लाजा होंगे। इसपर नौ जन सुविधा परिसरों की भी स्थापना की जाएगी।

एक्सप्रेस-वे की प्रमुख विशेषताएं-

गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना का हिस्सा है। इस एक्सप्रेस-वे की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:

लंबाई और मार्ग- 

यमेरठ के बिजौली से प्रयागराज के जूडापुर दांदू तक 594 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेस-वे 518 गांवों से होकर गुजरेगा। इस पर शाहजहांपुर के जलालाबाद के पास 3.5 किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी का भी निर्माण किया जा रहा है।

चौड़ाई और लेन-

7,453.15 हेक्टेयर भूमि पर बन रहे एक्सप्रेस-वे को शुरुआत में छह लेन का बनाया जा रहा है, आगे चलकर इसे आठ लेन का किया जाना है। इसकी चौड़ाई 120 मीटर होगी। इसका निर्माण 120 किलोमीटर प्रति घंटा रफ्तार के हिसाब से किया जा रहा है। 

सुरक्षा और सुविधा-

इस पर यात्री सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक सुविधाएँ और सुरक्षा उपाय लागू किए जाएंगे, जैसे कि सीसीटीवी कैमरा, ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम, और इमरजेंसी सेवाएँ।

किन-किन जिलों को होगा फायदा? 

गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण से कई जिलों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। इन जिलों में प्रमुख रूप से शामिल हैं:

  • मेरठ:

यहां से एक्सप्रेस-वे की शुरुआत होगी, जिससे इस क्षेत्र का दिल्ली और अन्य महत्वपूर्ण शहरों से जुड़ाव बेहतर होगा।

  • हापुड़:

मेरठ के बाद हापुड़ से गुजरते हुए, यह जिला व्यापार और उद्योग के लिए महत्वपूर्ण होगा।

  • बुलंदशहर:

 एक्सप्रेस-वे इस जिले को भी कवर करेगा, जिससे स्थानीय व्यापारियों को बड़े बाजारों तक पहुँच मिलेगी।

  • अमेठी:

इस जिले को एक्सप्रेस-वे के माध्यम से बेहतर यातायात सुविधा मिलेगी।

  • प्रयागराज:

एक्सप्रेस-वे का अंतिम बिंदु होने के नाते, प्रयागराज को सीधा लाभ होगा, जिससे यह धार्मिक और पर्यटन केंद्र के रूप में और भी महत्वपूर्ण हो जाएगा।

आर्थिक और सामाजिक प्रभाव-

गंगा एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश के विकास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो राज्य को आर्थिक और सामाजिक दृष्टिकोण से नई ऊँचाइयों पर ले जाएगा। इस एक्सप्रेस-वे के माध्यम से विभिन्न जिलों को लाभ मिलेगा और प्रदेश का समग्र विकास सुनिश्चित होगा। उत्तर प्रदेश सरकार की यह पहल निश्चित रूप से राज्य के भविष्य को उज्ज्वल बनाएगी। इसके प्रमुख प्रभावों में शामिल हैं:

रोजगार के अवसर-

एक्सप्रेस-वे निर्माण के दौरान और बाद में बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।

कृषि और व्यापार-

कृषि उत्पादों का तेजी से परिवहन संभव होगा, जिससे किसानों को बेहतर मूल्य प्राप्त होंगे और व्यापारियों को नए बाजार मिलेंगे।

पर्यटन-

प्रयागराज जैसे धार्मिक स्थलों की पहुँच आसान होने से पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।

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