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स्कूलों में बच्चों को मिले ओडीओपी और हस्तशिल्प में मार्गदर्शन

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज कौशाम्बी में महेश्वरी प्रसाद इंटरमीडिएट कॉलेज के कार्यक्रम में शामिल हुए। जहां सीएम योगी ने कहा कि समाज को सरकार से आगे चलना होगा, तभी भारत पुन: विश्वगुरू बनेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि  हमें स्कूली बच्चों को पढ़ाई लिखाई के साथ साथ परंपरागत हस्तशिल्प और खेलकूद के क्षेत्र में आगे लाना होगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बच्चों के स्किल डेवलपमेंट को लेकर अभी से प्रयास करना होगा। वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट में हम क्या नयापन दे सकते हैं, इसके शोध का केंद्र हमारे विद्यालयों को बनना होगा। उन्होंने 6 दशक पहले प्रख्यात अधिवक्ता देवेन्द्र नाथ श्रीवास्तव द्वारा अपने पूर्वजों की धरोहर को संरक्षित करने के लिए आलमचंद ग्राम में इंटर कॉलेज की स्थापना की सराहना की। उन्होंने इंटर कॉलेज के संस्थापक स्व देवेन्द्र नाथ श्रीवास्तव और उनके पूर्वज बाबू महेश्वरी प्रसाद को नमन करते हुए अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

बिना श्रद्धा के ज्ञान नहीं प्राप्त हो सकता-

सीएम ने कहा कि विद्यालय की शुरुआत जब की गई होगी, तब ये क्षेत्र काफी पिछड़ा रहा होगा। मगर मन में परोपकार, जनसेवा और पूर्वजों के प्रति कृतज्ञता का भाव रखते हुए उनके नाम की अमरता को बनाए रखने का सपना आज यहां पर महेश्वरी प्रसाद इंटरमीडियट कॉलेज के रूप में हम सबके सामने मूर्तरूप में है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे प्राचीन ग्रंथों से हमें प्रेरणा मिलती है कि बिना श्रद्धा के ज्ञान नहीं प्राप्त हो सकता। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि विद्यालय में 2526 विद्यार्थियों में से 1353 बालिकाएं पढ रही हैं। सीएम योगी ने कहा कि ये बहुत ही शुभ संकेत है, क्योंकि यहां बालकों की संख्या 1173 है, यानी बेटियां एक बार फिर से यहां पर अपना स्थान बना चुकी हैं। मुख्यमंत्री ने प्राचीन गुरुकुलों के दीक्षांत समारोह के दौरान गुरुओं द्वारा विद्याथियों को सत्य बोलने और धर्म के मार्ग पर चलने की शिक्षा का भी उल्लेख किया। 

मुख्यमंत्री ने इस बात पर हर्ष व्यक्त किया कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति जैसी देश की जानी मानी हस्तियां इस महाविद्यालय से जुड़ी हैं, जो अपने व्यस्त कार्यक्रमों से समय निकालकर बच्चों के बीच अभिभावक के रूप में मौजूद रहती हैं और मार्गदर्शन करती हैं।

प्रोजेक्ट अलंकार के तहत होती है विद्यालयों की सहायता-
 
योगी ने कहा कि प्रोजेक्ट अलंकार के तहत कोई भी विद्यालय जो सरकार से वित्तपोषित है या सरकारी विद्यालय है उसके भवन निर्माण के लिए 75 से 90 फीसदी सहायता सरकार दे रही है। मुख्यमंत्री ने शिक्षा के क्षेत्र में निजी संस्थाओं द्वारा किये जा रहे प्रयासों की भी सराहना की। साथ ही बच्चों से कहा कि वो सामान्य पाठ्यक्रम के साथ-साथ लाइब्रेरी जरूर जाएं। नई-नई पुस्तकों से ज्ञानार्जन करें। मुख्यमंत्री ने लाइब्रेरियों को डिजिटल लाइब्रेरी के रूप में स्थापित करने पर भी बल दिया।

सीएम योगी ने कहा कि जब समाज आगे और सरकार पीछे होती है तो राष्ट्र नित नये प्रतिमान स्थापित करते हुए विश्वगुरू बनता है। उन्होंने बताया कि भारत ने पिछले 9 साल में अलग अलग क्षेत्र में नये प्रतिमानों को गढ़ा है। खेलों में नए प्रतिमानों को गढ़ा है। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि खेलकूद और सांस्कृतिक गतिविधियों को हमें उचित मंच देना होगा। प्रतिभाओं को मंच मिलेगा तो बड़े से बड़ा लक्ष्य प्राप्त करने में कोई मुश्किल नहीं आएगी। 

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