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मोहब्बत की निशानी ताज को इस थैरेपी से जाता है चमकाया!

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इश्क की इबादत के स्मारकों का ज़िक्र हो तो सबसे पहले हम ताजमहल का नाम लेते हैं। दुनिया के सर्वश्रेष्ठ मकराना मार्बल से बना ये स्मारक बरबस ही लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर लेता है। लेकिन दुःख की बात ये है कि दुनिया के आठ अजूबों में शामिल ताजमहल के मुख्य गुम्बद की दीवारों के संगमरमर के पत्थर पीले पड़ते जा रहे हैं। इसके लिए सबसे ज़्यादा जिम्मेदार हैं मिट्टी व कार्बन के कण। ऐसे में मोहब्बत की इस निशानी के वास्तविक स्वरूप को बनाए रखने के लिए यानी इसकी चमक बरकरार रखने के लिए मडपैक थैरेपी का इस्तेमाल किया जाता है। 

इन केमिकल्स का किया जाता है इस्तेमाल-  

ताज के पत्थरों को बचाने और पीलापन खत्म करने के लिए खास किस्म के केमिकल्स को मुल्तानी मिट्टी में मिलाकर एक लेप तैयार किया जाता है। इसे मड पैकिंग का नाम दिया गया है। इसमें क्ले को डिस्टिल्ड वॉटर में घोलकर गाढ़ा लेप यानी कि पेस्ट तैयार किया जाता है। इस पेस्ट को कुछ समय के लिए रखा जाता है, ताकि अच्छी तरह से तैयार हो जाए। इसके बाद माइल्ड साल्ट व पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए इस घोल में उपयुक्त कार्बनिक रसायन मिलाकर इसे मार्बल की सतह पर ब्रश की सहायता से लगाया जाता है। इसके बाद पॉलिथीन सीट से उस हिस्से को ढक दिया जाता है। इससे वो क्ले मार्बल सतह पर मौजूद हानिकारक एसिटिक जमा पदार्थों को सोख लेती है। पूरी तरह से सूख जाने पर क्ले अपने आप निकल जाता है। बचे हुए क्ले को ब्रश की सहायता से साफ कर दिया जाता है और अंत में डिस्टिल्ड वॉटर से संगमरमर को धोकर साफ कर दिया जाता है। इसको लगाने से एक तरफ जहां ताज को सूर्य की तेज किरणों और गर्मी से सुरक्षा मिलती है, वहीं, पत्थरों का पीलापन भी ख़त्म होने लगता है। इस थैरेपी का इस्तेमाल लगभग एक दशक से किया जा रहा है, लेकिन कार्बन कण कम न होने से आम तौर पर हर साल इसको दोहराना पड़ता है।

विश्व धरोहर समिति के प्रोफेशनल्स ने किया ताज का दौरा-
 
अभी हाल ही में विश्व धरोहर समिति की बैठक से 70 यंग प्रोफेशनल्स ताज की खूबियों  और उसकी रचनात्मकता देखने भारत आये थे। इस दौरान उन्होंने ये जानने में दिलचस्पी दिखाई कि आखिर इस ताज की चमक को बरकरार कैसे रखा जाता है। इस पर एएसआई ने उन्हें ताजमहल के संरक्षण के साथ मडपैक ट्रीटमेंट की जानकारी दी और बताया कि 390 साल से ताज को किस तरह से अगली पीढ़ी के लिए सहेजा जा रहा है।
 

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