उत्तर प्रदेश सरकार ने पर्यावरण के अनुकूल हाइब्रिड कारों की बिक्री को प्रोत्साहित करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। राज्य ने हाइब्रिड वाहनों पर लगने वाली पंजीकरण शुल्क को पूरी तरह से माफ करने का निर्णय लिया है। इस पहल से मारुति सुजुकी इंडिया, टोयोटा किर्लोस्कर मोटर और होंडा कार्स इंडिया जैसी कंपनियों को बड़ा फायदा हो सकता है, जो अपने पोर्टफोलियो में हाइब्रिड वाहन पेश करती हैं। इस निर्णय से न केवल हाइब्रिड कारों की बिक्री में वृद्धि होने की संभावना है, बल्कि राज्य में प्रदूषण कम करने में भी मदद मिलेगी।
नई वाहन नीति से होगा लाखों का फायदा-
नई वाहन नीति की घोषणा की है, जिससे राज्य में हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों के खरीददारों को बड़ी राहत मिलेगी। इस नीति के तहत कई प्रमुख वाहन निर्माताओं की हाइब्रिड कारों की कीमतों में उल्लेखनीय कमी आई है, जिससे उपभोक्ताओं को लाखों रुपये की बचत हो सकती है।
रजिस्ट्रेशन शुल्क माफ-
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, यूपी सरकार ने हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहनों (HEV) (एचईवी) और प्लग-इन हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहनों (PHEV) (पीएचईवी) के लिए पंजीकरण शुल्क पर 100 प्रतिशत छूट का एलान किया है।
हाइब्रिड कार क्या है?
हाइब्रिड कारें पर्यावरण के अनुकूल वाहनों की श्रेणी में आती हैं, जो एक इंटरनल कंब्शन इंजन और एक इलेक्ट्रिक मोटर दोनों का उपयोग करती हैं। मुख्य रूप से दो प्रकार की हाइब्रिड कारें होती हैं: HEV (हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल) और PHEV (प्लग-इन हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल)। HEV और PHEV के बीच का मुख्य अंतर यह है कि PHEV में एक बड़ी बैटरी होती है, जिसे बाहरी बिजली स्रोत से चार्ज किया जा सकता है, जबकि HEV की बैटरी गाड़ी के चलने के दौरान चार्ज होती है। इस प्रकार, PHEV अधिक इलेक्ट्रिक ड्राइविंग रेंज प्रदान करती है और इसे प्लग-इन करके चार्ज किया जा सकता है, जिससे यह अधिक ऊर्जा-कुशल बनती है।
ये हैं हाइब्रिड कारें-
मारुति ग्रैंड विटारा एसयूवी और इनविक्टो एमपीवी में एचईवी टेक्नोलॉजी देती है। जबकि टोयोटा इसे अर्बन क्रूजर हाइराइडर एसयूवी और इनोवा हाइक्रॉस एमपीवी में देती है। होंडा इसे सिटी ई:एचईवी सेडान में पेश करती है।
नई नीति के मुख्य बिंदु-
सब्सिडी और टैक्स में छूट: नई नीति के अनुसार, हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी दी जाएगी। इसके अलावा, रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन फीस में भी छूट दी जाएगी।
उत्सर्जन में कमी का लक्ष्य: सरकार का उद्देश्य प्रदूषण को कम करना और पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। इसके लिए हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
बुनियादी ढांचे का विकास: नीति में चार्जिंग स्टेशनों और अन्य आवश्यक बुनियादी ढांचे के विकास के लिए भी प्रावधान किया गया है।
किसे होगा फायदा?
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टाटा मोटर्स: टाटा मोटर्स की हाइब्रिड कारों की कीमतों में उल्लेखनीय कमी आई है। टाटा की प्रमुख हाइब्रिड मॉडल जैसे टाटा हैरियर और टाटा सफारी अब और भी किफायती हो गई हैं।
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मारुति सुजुकी: मारुति सुजुकी की हाइब्रिड कारें भी सस्ती हो गई हैं। उनकी नई हाइब्रिड मॉडल्स जैसे मारुति सुजुकी एर्टिगा और मारुति सुजुकी सियाज के दामों में बड़ी कमी देखी गई है।
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महिंद्रा: महिंद्रा की हाइब्रिड एसयूवी और अन्य मॉडल्स भी अब पहले से सस्ती हो गई हैं, जिससे उपभोक्ताओं को अधिक विकल्प मिलेंगे।
उपभोक्ताओं के लिए लाभ
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लागत में कमी: हाइब्रिड कारों की कीमतों में कमी के कारण उपभोक्ताओं को लाखों रुपये की बचत हो सकती है।
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ईंधन की बचत: हाइब्रिड कारें पेट्रोल और डीजल की तुलना में अधिक मितव्ययी होती हैं, जिससे ईंधन की बचत होती है।
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पर्यावरण के प्रति योगदान: हाइब्रिड कारें कम प्रदूषण फैलाती हैं, जिससे पर्यावरण को कम नुकसान होता है।
पर्यावरण संरक्षण में मिलेगा लाभ-
नई यूपी वाहन नीति के लागू होने के बाद, राज्य में हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग में वृद्धि की उम्मीद है। इससे न केवल उपभोक्ताओं को लाभ होगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा।