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समुद्र के नीचे दौड़ेगा डिजिटल हाईवे, भारत बनेगा इंटरनेट सुपरपावर!

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क्या आपने कभी सोचा है कि इंटरनेट की तेज़ रफ्तार हमें कैसे मिलती है? मोबाइल नेटवर्क और वाई-फाई तो दिखते हैं, लेकिन असली जादू समुद्र के नीचे बिछी उन अनगिनत केबलों का होता है, जो महाद्वीपों को जोड़ती हैं। अब, मेटा ने एक बड़ी घोषणा कर दी है, जो इस अदृश्य इंफ्रास्ट्रक्चर को और ताकत देने वाली है। भारत और अमेरिका के बीच डिजिटल कनेक्टिविटी को एक नई ऊंचाई तक पहुंचाने के लिए मेटा मल्टी-बिलियन डॉलर का निवेश करने जा रहा है। इस नई पहल से न केवल इंटरनेट स्पीड में सुधार होगा, बल्कि भारत को वैश्विक डिजिटल शक्ति बनने में भी मदद मिलेगी। आइए, जानते हैं कि मेटा की इस महत्वाकांक्षी परियोजना से हमारे डिजिटल भविष्य को कैसे एक नई दिशा मिलेगी।

पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान हुआ ऐलान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के दौरान उनकी मुलाकात राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से हुई। इस महत्वपूर्ण दौरे के बीच ही मेटा ने इस विशाल डील का ऐलान किया है, जो डिजिटल कनेक्टिविटी के क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाएगा।

5 महाद्वीपों के बीच बनेगा डिजिटल हाईवे

एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह प्रोजेक्ट लगभग 50,000 किलोमीटर के क्षेत्र में फैला होगा। इसके जरिए 5 महाद्वीपों के बीच इंटरनेट कनेक्टिविटी को बेहतर बनाया जाएगा। यह एक वैश्विक डिजिटल हाईवे की तरह काम करेगा, जो इंटरनेट की स्पीड और क्वालिटी को नए स्तर तक पहुंचाएगा।

क्या है अंडरवॉटर केबल प्रोजेक्ट?

अंडरवॉटर केबल पूरी दुनिया को इंटरनेट से जोड़ने वाली रीढ़ की हड्डी है। यह केबल समुद्र के नीचे बिछाई जाती हैं और इन्हीं के जरिए दुनियाभर में इंटरनेट का ट्रांसमिशन होता है। आसान भाषा में कहें तो हम जो इंटरनेट इस्तेमाल करते हैं, उसका मुख्य स्रोत यही अंडरवॉटर केबल होती हैं। इन केबल्स को विभिन्न टावरों के जरिए हमारे घरों और ऑफिसों तक पहुंचाया जाता है। हालांकि, हाल के वर्षों में सैटेलाइट इंटरनेट का भी विस्तार हो रहा है, लेकिन अब भी इंटरनेट का सबसे मजबूत आधार केबल नेटवर्क ही है।

भारत को मिलेगा मेंटेनेंस और फाइनेंसिंग का जिम्मा

भारत हिंद महासागर में इन अंडरवॉटर केबल्स के मेंटेनेंस, रिपेयर और फाइनेंसिंग का कामकाज संभालेगा। इस कार्य के लिए विश्वसनीय वेंडर्स की जरूरत होती है और भारत इसमें अहम भूमिका निभाएगा। इस डील से भारत को डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में बड़ी मजबूती मिलेगी।

ऐप्स और इंटरनेट सर्विस को मिलेगा फायदा

इस प्रोजेक्ट का सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि इससे फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप जैसी ऐप्स और अन्य इंटरनेट सेवाओं की कनेक्टिविटी पहले से कहीं बेहतर हो जाएगी।

भारत में मेटा का बढ़ता निवेश

मेटा भारत में बड़े पैमाने पर निवेश कर रहा है क्योंकि भारत दुनिया के सबसे बड़े डिजिटल बाजारों में से एक है। यह नया प्रोजेक्ट अरबों डॉलर का निवेश लाएगा और भारत को डिजिटल रूप से और मजबूत बनाएगा।

50,000 किलोमीटर का मेगा प्रोजेक्ट

यह विशाल प्रोजेक्ट 50,000 किलोमीटर तक फैला होगा और 5 महाद्वीपों को जोड़ते हुए इंटरनेट कनेक्टिविटी को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा। इस पहल से भारत को वैश्विक डिजिटल क्षेत्र में नई पहचान मिलेगी और टेक्नोलॉजी सेक्टर को बड़ा बढ़ावा मिलेगा।

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