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वैज्ञानिक यूं पता लगा लेते हैं मौसम का मूड!

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(Special Story) भारत एक खेती-किसानी वाला देश है। जहां कई तरह की फसलों का उत्पादन किया जाता है। लेकिन खेती लगभग पूरी तरह मौसम के मूड पर निर्भर करती है। हम सभी का कई तरह के विज्ञान से परिचय है, जो आपको को कोई न कोई नई जानकारी देती हैं। इसी तरह एक और विज्ञान है जिसका नाम है, 'मौसम विज्ञान' जो हमें पल-पल बदलते मौसम का सही अनुमान देता है। आइए विस्तर से जानते हैं ये कब, क्यों और कैसै मनाया जाता है।

क्यों मनाया जाता है?

पूरे विश्व में हर साल 23 मार्च को विश्व मौसम विज्ञान दिवस ( World Meteorological Day  )मनाया जाता है। इस दिन को मनाने उद्देश्य पृथ्वी (Earth) के वायुमंडल की रक्षा में लोगों और उनके व्यवहार की भूमिका के महत्व को बताने के लिए मनाया जाता है। और मौसम विज्ञान द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे में लोगों को जागरूक करना है। इस दिन मौसम, जलवायु या पानी से संबंधित चर्चाओं के लिए कई तरह के कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। इन कार्यक्रमों के जरिए लोगों को प्रकृति की रक्षा करने के लिए प्रेरित किया जाता है।

कैसे हुई थी शुरूआत?

विश्व मौसम विज्ञान संगठन की स्थापना 23 मार्च 1950 को विश्व मौसम विज्ञान संगठन के सम्मेलन से हुई थी, जो 11 अक्टूबर 1947 को साइन किया गया था। इसे 23 मार्च 1950 को मंजूरी मिली थी। WMO संयुक्त राष्ट्र (UN) की एक विशेष एजेंसी बन गया। संगठन ने 1951 में अंतर्राष्ट्रीय मौसम विज्ञान संगठन का स्थान ले लिया और देशों के बीच मौसम संबंधी जानकारी के आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान करने वाला पहला विश्वव्यापी संगठन बन गया। इसका मुख्यालय स्विट्जरलैंड के जिनेवा में स्थित है। इसे लेकर संगठन की वेबसाइट पर एक नारा दिखाई देता है। इसमें यह दिन ‘राष्ट्रीय मौसम विज्ञान और जल विज्ञान सेवाओं के आवश्यक योगदान’ को दर्शाता है।


 विश्व मौसम विज्ञान दिवस  2024 की थीम

विश्व मौसम विज्ञान दिवस की  हर साल अलग-अलग थीम दी जाती है। इस बार की थीम है "The Future of Weather, Climate and Water across Generations"। साल 2023 में “जनरेशन के साथ मौसम, जलवायु और जल का भविष्य” थी।

मौसम विभाग द्वारा जानकारी-

वैज्ञानिकों के अनुसार 23 मार्च के दिन मौसम विभाग केंद्र पूरी तरह खुला रहता है इस दिन लोगों को अलग-अलग यंत्रों की प्रदर्शनी लगाकर जानकारी दी जाती है। और यंत्रों से क्या परिणाम निकलते हैं यह भी बताया जाता है। ( Weather ) सेटेलाइट तस्वीरों के माध्यम से भी लोगों को जानकारी दी जाती है और इसके अलावा रडार के संबंधित सवालों के जवाब मौसम विभाग के माध्यम से दिया जाता है।

मौसम वैज्ञानिक कैसे देते हैं जानकारी-

प्राकृतिक घटनाएं कैसी भी हों, उन पर मानव का कोई नियंत्रण नहीं होता  मनुष्य किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं को रोकने में सदा से असमर्थ रहा है। अगर समय रहते हम संभावित जानमाल के नुकसान को बचा सकते हैं अथवा उसे कम कर सकते हैं। इस कार्य के लिए मौसम विज्ञान की अहम भूमिका होती है। मौसम वैज्ञानिक असल में पृथ्वी के वायुमंडल और भौतिक वातावरण का सैटेलाइट जैसे माध्यम से अध्ययन करते हैं और संभावित प्राकृतिक आपदाओं के बारे में पहले से सचेत करते हैं, जिसकी वजह से हमारे लिए जानमाल बचाना आसान हो जाता है।

कैसे मिलती है किसानों को जानकारी

केंद्र सरकार की योजना से कृषि विश्वविद्यालय और रिसर्च सेंटर खोले गए हैं। जो मौसम विभाग के साथ मिलकर मौसम की जानकारी और रिपोर्ट देता है। सीजन के हिसाब से मौसम की जानकारी दी जाती है, यहां पर यह बताया जाता है कि, मौसम फसल के लिए कैसा है बुवाई करना चाहिए या नहीं। सावधानियों को भी इसमें शामिल किया जाता है। मौसम वैज्ञानिक किसानों को उनकी फसल और बारिश को लेकर जानकारी देते हैं इसके माध्यम या तो अखबार हो सकते हैं या फिर डिजिटल मीडियम से दी जाती है।

By Ankit Verma

 

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