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दिल से ज्यादा दिमाग की सेहत है जरूरी, इस तरह रखें ख्याल

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रेल के इंजन जैसी कार्यप्रणाली वाला मानव शरीर का एक अद्भुत तीन पाउंड का अंग है जो शरीर के सभी कार्यों को कंट्रोल करता है और दुनियावी जानकरी को एक्सप्रेस करता है और मन और आत्मा के सार को मूर्त रूप देता है। इस प्रकार के क्रियाशील और सबसे मह्तवपूर्ण अंग को मस्तिष्क कहा जाता है। इसमें किसी भी तरह की परेशानी ओवरऑल हेल्थ को प्रभावित कर सकती है। इसीलिए इसे बेहद सेहतमंद रखना बहुत जरूरी है। मस्तिष्क की सेहत के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए 22 जुलाई को World Brain Day मनाया जाता है।

मस्तिष्क हमारी पाँच इंद्रियों दृष्टि, गंध, स्पर्श, स्वाद और श्रवण के माध्यम से सूचना प्राप्त करता है। यह संदेशों को इस तरह से इकट्ठा करता है कि वह हमारे लिए अर्थपूर्ण हो, और उस सूचना को हमारी स्मृति में संग्रहीत कर सकता है। मस्तिष्क हमारे विचारों, स्मृति और भाषण, हाथों और पैरों की हरकत और हमारे शरीर के कई अंगों के कामकाज को नियंत्रित करता है। केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (सीएनएस) मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी से बना होता है। परिधीय तंत्रिका तंत्र (पीएनएस) रीढ़ की हड्डी से निकलने वाली रीढ़ की हड्डी की नसों और मस्तिष्क से निकलने वाली कपाल नसों से बना होता है।

इसे मनाने का उद्देश्य का उद्देश्य क्या है?

विश्व मस्तिष्क दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों में न्यूरोलॉजिकल बीमारियों के प्रति जागरूकता फैलाना और मस्तिष्क से जुड़े रिसर्च को आगे बढ़ाना है। दुनियाभर में दिमागी समस्याओं से जूझ रहे व्यक्तियों की मदद करना और मस्तिष्क को स्वस्थ्य रखने के तरीकों के बारे में भी बताना है। 

कैसे हुई विश्व मस्तिष्क दिवस की शुरुआत?

विश्व मस्तिष्क दिवस की शुरुआत 2014 में विश्व मस्तिष्क संघ (World Federation of Neurology - WFN) द्वारा की गई थी। यह दुनियाभर में ब्रेन हेल्थ और न्यूरोलॉजी रिसर्च के खास प्रमोटर्स में से एक है। इस संगठन में दुनियाभर के न्यरोलॉजिकल एक्सपर्ट शामिल होते हैं। साल 2014 में पहली बार World Brain Day मनाया गया था। इसका मकसद मस्तिष्क स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना और न्यूरोलॉजिकल बीमारियों की रोकथाम के लिए वैश्विक स्तर पर पहल करना था। तब से, हर साल अलग-अलग थीम के साथ इस दिन को मनाया जाता है, जिससे मस्तिष्क से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर प्रकाश डाला जा सके।

चलाया जाता है जागरूकता अभियान-

विश्व मस्तिष्क संघ इस थीम के तहत विभिन्न जागरूकता अभियानों का आयोजन कर रहा है, जिनमें ऑनलाइन सेमिनार, वेबिनार, कार्यशालाएं और सोशल मीडिया अभियान शामिल हैं। इन अभियानों का उद्देश्य लोगों को मस्तिष्क और मानसिक स्वास्थ्य के महत्व के बारे में जागरूक करना और उन्हें स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना है।

दिमाग को मजबूत बनाने वाली छोटी-मोटी आदतें-

आज, 22 जुलाई, को विश्व मस्तिष्क दिवस मनाया जाता है। यह दिवस मस्तिष्क स्वास्थ्य और उससे जुड़ी समस्याओं के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए समर्पित है। एक स्वस्थ मस्तिष्क न केवल हमारी मानसिक स्थिति को बेहतर बनाता है बल्कि हमारे संपूर्ण जीवन की गुणवत्ता को भी सुधारता है। यहाँ हम कुछ छोटी-मोटी आदतों के बारे में बात करेंगे जो आपके दिमाग को मजबूत बना सकती हैं।

नियमित व्यायाम करें-

शारीरिक गतिविधि न केवल शरीर के लिए बल्कि दिमाग के लिए भी बेहद लाभकारी है। नियमित व्यायाम से रक्त का संचार बेहतर होता है और मस्तिष्क को अधिक ऑक्सीजन मिलती है, जिससे उसकी कार्यक्षमता बढ़ती है। रोजाना कम से कम 30 मिनट का व्यायाम आपके मस्तिष्क को ताजगी और ऊर्जा से भर देता है।

संतुलित आहार लें-

मस्तिष्क के स्वस्थ विकास और कार्य के लिए संतुलित आहार महत्वपूर्ण है। ओमेगा-3 फैटी एसिड, एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन बी से भरपूर आहार मस्तिष्क के लिए फायदेमंद होते हैं। मछली, नट्स, बीज, हरी सब्जियां, और फल खाने से मस्तिष्क को आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं।

पर्याप्त नींद लें-

नींद मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक है। जब हम सोते हैं, तो मस्तिष्क की कोशिकाएँ पुनः निर्माण करती हैं और क्षति की मरम्मत करती हैं। हर रात 7-8 घंटे की नींद लेने से दिमाग की कार्यक्षमता में सुधार होता है और मानसिक स्पष्टता बढ़ती है।

 मानसिक व्यायाम करें-

जैसे शरीर के लिए व्यायाम जरूरी है, वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी मानसिक व्यायाम जरूरी है। पजल्स, शतरंज, क्रॉसवर्ड्स और नई भाषाएँ सीखना जैसे गतिविधियाँ मस्तिष्क को सक्रिय और स्वस्थ रखती हैं। इनसे मस्तिष्क के न्यूरॉन्स की कनेक्टिविटी बढ़ती है और नई जानकारी को समझने की क्षमता बढ़ती है।

तनाव को करें नियंत्रित-

अत्यधिक तनाव मस्तिष्क के लिए हानिकारक हो सकता है। ध्यान, योग और गहरी सांस लेने की तकनीकों से तनाव को नियंत्रित किया जा सकता है। इनसे मस्तिष्क को शांत रखने में मदद मिलती है और उसकी कार्यक्षमता बढ़ती है।

सामाजिक संबंध बनाए रखें-

मित्रों और परिवार के साथ समय बिताने से मस्तिष्क को सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। सामाजिक संबंध मस्तिष्क की सेहत के लिए अच्छे होते हैं और उनसे मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है।

नई चीजें सीखें-

नई चीजें सीखने से मस्तिष्क की न्यूरोप्लास्टिसिटी बढ़ती है। इससे मस्तिष्क नई चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहता है। नई भाषा सीखना, नया वाद्य यंत्र बजाना या नई गतिविधियाँ अपनाना मस्तिष्क को स्वस्थ रखता है।

जीवन की गुणवत्ता में सुधार-

विश्व मस्तिष्क दिवस के अवसर पर, यह महत्वपूर्ण है कि हम अपने मस्तिष्क की देखभाल करने के लिए इन छोटी-मोटी आदतों को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। एक स्वस्थ मस्तिष्क न केवल हमें मानसिक रूप से मजबूत बनाता है बल्कि हमारी जीवन की गुणवत्ता को भी सुधारता है। इसलिए, इन आदतों को अपनाकर हम अपने मस्तिष्क को स्वस्थ और सक्रिय रख सकते हैं।

विश्व मस्तिष्क दिवस 2024 की थीम-

हर साल विश्व मस्तिष्क दिवस की एक थीम के साथ सेलिब्रेट किया जाता है। साल 2024 में World Brain Day की थीम “मस्तिष्क स्वास्थ्य और रोकथाम” है। साल 2023 में World Brain Day को "मस्तिष्क स्वास्थ्य और विकलांगता: किसी को भी पीछे न छोड़ें (Brain Health and Disability: Leave No One Behind) थीम के साथ सेलिब्रेट किया गया था।

By Ankit Verma 

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