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इंटरनेट के दौर में भी जरूरी हैं किताबें!

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किताबें हमारे जीवन की सबसे अच्छी दोस्त होती हैं। क्योंकि किताबें दुनिया के अलग-अलग आयामों को समझने में भी हमारी मदद करती हैं। जब भी हमें उनकी जरूरत होती है, तो वह हमारे लिए हमेशा उपलब्ध रहती हैं और साथ ही सदियों से किताबें व्यक्ति के लिए ज्ञान और मनोरंजन का एक महत्वपूर्ण स्रोत भी रही हैं, जिनमें विभिन्न शैलियाँ जैसे कि काल्पनिक, गैर-काल्पनिक, जीवनियाँ और साहित्यिक रचनाएँ शामिल हैं। लेकिन बदलते समय के साथ अब किताबों की जगह कम्प्यूटर और इंटरनेट ने ले ली है। अब लोग किताबों से विरक्त होकर इंटरनेट का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं। इसीलिए किताबों का महत्व बताने के लिए हर साल 23 अप्रैल को दुनियाभर में विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस मनाया जाता है।

आज के दौर में, जहां विभिन्न स्रोतों से जानकारी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है, तो व्यक्तियों का किताबों से दुराव भी संभव है। इसीलिए विशेष रूप से युवा पीढ़ी के बीच पढ़ने की आदतों को बढ़ावा देने के लिए यूनेस्को द्वारा इस दिन की शुरुआत की गई थी। यह दिन सभी रूपों में साहित्य के उत्सव और पुस्तकों के आनंद को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। यह पढ़ने के माध्यम से अतीत और भविष्य पर चिंतन करने का भी दिन है। यह एक वैश्विक उत्सव है जो पढ़ने, प्रकाशित करने और बौद्धिक संपदा अधिकारों की रक्षा को बढ़ावा देता है। इसका समृद्ध इतिहास 1995 से है जब इसे संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन ( यूनेस्को ) द्वारा घोषित किया गया था। आइए जानते हैं इसके इतिहास  और थीम  के बारे में..

क्या है इसका इतिहास? 

विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस 23 अप्रैल को मनाया जाने वाला एक वार्षिक कार्यक्रम है, जो पढ़ने, प्रकाशन और कॉपीराइट को बढ़ावा देने के लिए यूनेस्को द्वारा आयोजित किया जाता है। इस दिन की शुरुआत  साल 1922 में बार्सिलोना, स्पेन के एक प्रकाशक विसेंट क्लेवेल एंड्रेस द्वारा लेखक मिगुएल डी सर्वेंट्स को सम्मानित करने और पुस्तकों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए की गई थी। उसके बाद ही 1926 में बार्सिलोना में पहला विश्व पुस्तक दिवस मनाया गया था। यह मिगुएल डे सर्वेंट्स के जन्मदिन पर 7 अक्टूबर को मनाया गया था। लेकिन बाद में इस दिवस को मनाने के लिए मिगुएल डे सर्वेंट्स की मृत्यु का दिन यानी 23 अप्रैल को चुना गया था।

क्या है इसकी थीम?

विश्व पुस्तक दिवस हर साल एक नई थीम के साथ मनाया जाता है। साल  2024 की थीम "रीड योर वे" है, जो पढ़ने के प्रति प्रेम को बढ़ावा देने और सभी उम्र के लोगों को उन पुस्तकों से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करने के महत्व पर प्रकाश डालती है जो उन्हें प्रेरित करती हैं। इसके अलावा यह लोगों को किसी भी प्रारूप या शैली में लिखित शब्दों का पता लगाने और उसके साथ आने वाले आनंद और समृद्धि की खोज करने के लिए प्रोत्साहित करता है।

क्या है इसे मनाने का उद्देश्य?

विश्व पुस्तक दिवस दुनिया भर के लोगों, खासतौर से मीडिया, लेखकों और शिक्षाविदों जैसे पुस्तक उद्योग को बढ़ावा देने में योगदान वालों को भी सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। यह लोगों को पुस्तकों और लेखकों का सम्मान करना सिखाता है और साथ ही ये उन लोगों के लिए तो बहुत ही खास होता है जिन्हें पढ़ने का शौक होता है। आइए अब जानते हैं कि कॉपीराइट क्या है? कैसे काम करता है।

कॉपीराइट क्या है?

कॉपीराइट का अर्थ यह है कि जब कोई व्यक्ति कोई उत्पाद बनाता है, तो उस पर उसका अधिकार होता है। इसलिए, केवल उस व्यक्ति के पास उस कार्य को पुन: प्रस्तुत करने का विशेष अधिकार हो सकता है या जिसे वे अथॉरिटी देते हैं। कॉपीराइट कानून उत्पाद के मूल रचनाकारों को इसे आगे उपयोग करने या एक विशिष्ट समय के लिए उत्पाद की नकल करने का विशेष अधिकार देता है। इस बिंदु पर, जिस आइटम पर कॉपीराइट किया गया है वह सार्वजनिक डोमेन में विकसित हो जाता है।

कैसे काम करता है कॉपीराइट?

किसी बौद्धिक संपदा स्वामी को दिया गया कानूनी अधिकार कॉपीराइट है। यह मूल सामग्री के निर्माता को सुरक्षित रखने में मदद करता है ताकि कोई भी बिना अनुमति के इसकी नकल न कर सके या इसका उपयोग न कर सके। यदि किसी मूल कार्य को कॉपीराइट कानूनों के माध्यम से सुरक्षा की आवश्यकता है, तो यह मूर्त रूप में होना चाहिए। उदाहरण के लिए, भारतीय कॉपीराइट अधिनियम निर्माता के काम को उनकी मृत्यु के 60 साल बाद तक कानून द्वारा संरक्षित करता है।

क्या है इसका कानून?

कॉपीराइट ऐसा कानून है, जिसे हम सभी को जानना चाहिए। क्योंकि हम सबका सामना  हर रोज अपनी जिंदगी में इससे पड़ता है। अगर हम किसी किताब से कोई हिस्सा कॉपी कर रहे हों या किसी फोटो का इस्तेमाल कर रहे हों, यहां तक कि सोशल मीडिया पर भी, तब काफी ज्यादा आशंका रहती है कि हम कॉपीराइट कानून का उल्लंघन गैर जानकारी में करते हैं। इसका खामियाजा भी हमें भुगतना पड़ सकता है। ये आपके काम को सुरक्षा उपलब्ध कराता है ताकि आपके विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े मौलिक काम की न तो कोई कॉपी कर सके और न ही उस पर अपना हक जता सके। साथ ही आपके उस काम या उत्पाद की विशिष्टता बनी रहे।

कॉपीराइट के क्षेत्र कौन से हैं?

कॉपीराइट के तहत ढेर सारे अधिकार आते हैं। जो लेखन से लेकर साउंड रिकार्डिंग, फिल्म और कलात्मक कामों से जुड़े होते हैं।

 कॉपीराइट किसे अधिकार देता है?

आमतौर पर कॉपीराइट कानून के जरिए क्रिएटर अपने काम पर अधिकार हासिल करता है। लेकिन कई बार क्रिएटर के एम्पलायर उस काम पर कॉपीराइट अधिकार हासिल करता है, तो जानते हैं किन कामों को कॉपीराइट प्रोटेक्ट करता है-

  • साहित्यिक काम
  • नाटक संबंधी काम
  • संगीत कार्य
  • कलात्मक काम (पेंटिंग, फोटोग्राफी, कलाकृति)
  •  प्रकाशित संस्करण
  • प्रकाशित लेख
  • रिकार्डेड साउंड (संगीत, गाना, नाटक, भाषण, लेक्चर आदि)
  • मूवी, फिल्म और टेलीफिल्म
  • टीवी और रेडियो का ब्राडकास्ट
  • तकनीक संबंधी काम

सिनेमा, साउंड रिकार्डिंग, गर्वनमेंट वर्क, पब्लिकेशन अंडरटेकिंग, इंटरनेशनल एजेंसी और फोटोग्राफ के मामले में कॉपीराइट की अवधि 60 साल होती है, जिसे इसके पहली बार जारी होने के कैलेंडर साल से माना जाता है।

कब माना जाता है कॉपीराइट का उल्लंघन?

कोई भी लेखन, कंटेट, गाना और फिल्म आदि पर क्रिएटर का पूरा कानूनी अधिकार होता है। ऐसे कंटेंट का पर्सनल इस्तेमाल किया जा सकता है। ये कानूनी तौर पर जायज है लेकिन इसका प्रसार और कामर्शियल उद्देश्य के लिए इस्तेमाल कॉपीराइट उल्लंघन माना जाता है।

क्या  है सजा ?

कॉपीराइट एक्ट के उल्लंघन के लिए दोषी पाए जाने पर एक साल तक की सजा के साथ आर्थिक जुर्माने का प्रावधान है। कॉपीराइट उल्लंघन पर डैमेज क्लेम किया जा सकता है। किसी ने कॉपीराइट के उल्लंघन कर जितना प्रॉफिट कमाया है, उस हिसाब से डैमेज क्लेम किया जा सकता है।

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