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श्वास नलिकाओं को अवरुद्ध करने वाली इस बीमारी से रहें सावधान!

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(Special Story) एक ऐसी बीमारी, जो दुनियाभर में 26 करोड़ लोगों को प्रभावित करती है और इसकी चपेट में आकर लगभग साढ़े चार लाख लोगों की मौत हो जाती है। फेफड़ों से हवा को अंदर और बाहर ले जाने वाली नलिकाओं को प्रभावित करने वाली इस बीमारी का नाम अस्थमा है जो हर उम्र के लोगों को प्रभावित करती है। अगर इसके प्रति सतर्कता न बरती गई तो गंभीर परिणाम आ सकते हैं। इसीलिए लोगों के बीच जागरुकता फैलाने के लिए हर साल मई के पहले मंगलवार को विश्व अस्थमा दिवस मनाया जाता है जो कि इस बार 7 मई को है।

सांस से जुड़ी यह बीमारी बच्चों और बड़ों दोनों को ही प्रभावित करती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2019 में दुनियाभर में करीब 4.5 लाख लोगों की अस्थमा से मौत हुई। सेहत के लिहाज से काफी अहम यह दिन हर साल ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर अस्थमा (जीआईएनए) द्वारा आयोजित किया जाता है, जिसे 1993 में विश्व स्वास्थ्य संगठन का समर्थन भी मिला था।

क्या है अस्थमा

अस्थमा एक फेफड़ों की बीमारी है। इसमें सांस की नली में सूजन आने लगती है और सिकुड़न हो जाती है जिससे सांस लेने में तकलीफ, खांसी, सीने में जकड़न और सांस लेने में घरघराहट होती है और सांस की नली में बलगम आने लगता है। अगर ये परेशानी लगातार बनी रहती है, तो यह जानलेवा भी हो सकती है। लेकिन उचित उपचार से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। यह बीमारी किसी भी उम्र में हो जाती है। लेकिन बच्चे और बुजुर्ग इसका सबसे ज्यादा शिकार होते हैं। देश में अस्थमा के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है। बढ़ता प्रदूषण इस बीमारी के मामलों में इजाफा होने का एक बड़ा कारण है।

अस्थमा होने के क्या है कारण 

दिनों दिन बढ़ रहे प्रदूषण और खराब लाइफस्टाइल के चलते आज कम उम्र में ही लोग अस्थमा के शिकार हो रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन की मानें, तो सांस से जुड़ी इस बीमारी को लोग अक्सर नजरअंदाज करते हैं और समय पर इलाज का सहारा नहीं लेते हैं। ऐसे में इस दिन को मनाने का मकसद लोगों में इस अस्थमा को लेकर जागरूकता बढ़ाने का है, जिससे अस्थमा से पीड़ित लोगों को दुनियाभर में सही इलाज और देखभाल मिल सके।

क्या हैं  अस्थमा के लक्षण

  • सांस लेने में कठिनाई होना
  • सीने में जकड़न महसूस होना
  • बलगम वाली खांसी
  • सोने के दौरान सीने से घरघराहट की आवाज आना

कैसे करें अस्थमा से बचाव

इस बीमारी से बचाव के लिए आपको अपने आसपास साफ सफाई रखनी चाहिए, धूल, मिट्टी और धुएँ से बचाव बहुत जरूरी है। नियमित रूप से योग व्यायाम करें। अधिक तेल के सेवन से बचें, धूम्रपान न करें, धूल- मिट्टी वाले इलाकों में बाहर मास्क पहनकर निकलें।

 क्यों नहीं है अस्थमा का परमानेंट इलाज?

अस्थमा की बीमारी को पूरी तरह से खत्म नहीं किया जा सकता है, केवल इसको कंट्रोल किया जा सकता है। इस बीमारी का परमानेंट इलाज इसलिए नहीं है क्योंकि ये बीमारी जेनेटिक और पर्यावरणीय कारणों से होती है. मेडिकल में ऐसा कोई इलाज नहीं है जो अस्थमा को पूरी तरह खत्म कर सके। किसी व्यक्ति में अस्थमा के दौरे उसके इम्यून सिस्टम के कारण भी होते हैं। यही कारण है कि अस्थमा का कोई इलाज नहीं है। मगर अच्छी लाइफस्टाइल, बेहतर खानपान, इंहेलर के यूज से इस बीमारी को आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है।

क्या है विश्व अस्थमा दिवस मनाने का उद्देश्य

  • यह दिवस अस्थमा के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इस बीमारी से लड़ने के लिए वैश्विक प्रयासों को प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है।
  • इस दिन को मनाने की पीछे का मकसद है, सांस से जुड़ी इस बीमारी को लेकर दुनिया भर में जागरूकता के साथ और इसकी रोकथाम और देखभाल को बढ़ावा देना। 

क्या है  विश्व अस्थमा दिवस  का इतिहास

इस दिन को मनाने की शुरुआत साल 1998 में हुई थी और पहली बार विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग से इसे ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर अस्थमा (जीआईएनए) ने मनाया था। 1998 में ही 35 से ज्यादा देशों ने इस दिन को मनाया था। इसी के बाद से दुनियाभर में सांस से जुड़ी बीमारियों को लेकर जागरूकता बढ़ाने और अस्थमा के बारे में शिक्षा फैलाने के उद्देश्य से हर साल मई महीने के पहले मंगलवार को मनाया जा रहा है।  विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2019 में दुनियाभर में करीब 4.5 लाख लोगों की अस्थमा से मौत हुई है।

क्या है अस्थमा दिवस 2024 की थीम?

विश्व अस्थमा दिवस 2024 की थीम ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर अस्थमा (जीआईएनए) की ओर से अस्थमा शिक्षा सशक्तिकरण (Asthma Education Empowers) रखी गई है। इस दिन अस्थमा प्रबंधन कार्यक्रमों के विकास और कार्यान्वयन को प्रोत्साहित करने और इंप्लीमेंटेशन के लिए दुनियाभर के देशों के साथ बातचीत की जाती है और इस दिशा में काम को आगे बढ़ाया जाता है।  विश्व अस्थमा दिवस के अवसर पर, कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं ।

जागरूकता अभियान: अस्थमा के बारे में लोगों को शिक्षित करने और इस बीमारी के लक्षणों, जोखिम कारकों और उपचार विकल्पों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए अभियान चलाए जाते हैं।


स्वास्थ्य शिविर: लोगों को मुफ्त स्वास्थ्य जांच और अस्थमा के बारे में सलाह प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जाते हैं।


सेमिनार और कार्यशालाएं: अस्थमा के प्रबंधन और रोगियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार के बारे में स्वास्थ्य पेशेवरों और रोगियों को शिक्षित करने के लिए सेमिनार और कार्यशालाएं आयोजित की जाती हैं।


मीडिया अभियान: अस्थमा के बारे में जागरूकता बढ़ाने और लोगों को इस बीमारी के बारे में शिक्षित करने के लिए मीडिया अभियान चलाए जाते हैं।

आप विश्व अस्थमा दिवस पर क्या कर सकते हैं-

  • अस्थमा के बारे में जानें और दूसरों को भी इसके बारे में शिक्षित करें।
  • अस्थमा के प्रति जागरूकता बढ़ाने वाले कार्यक्रमों में भाग लें।
  • अस्थमा से पीड़ित लोगों का समर्थन करें।
  • स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर अस्थमा को नियंत्रित करने में मदद करें।

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