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सावधान! इस बीमारी के कारण कम उम्र की महिलाओं की हड्डियां हो रही हैं कमजोर

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आज के समय में  कम उम्र की महिलाओं में हड्डियों की कमजोरी और ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों की बृद्धि) की समस्या तेजी से बढ़ रही है। ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें हड्डियाँ इतनी कमजोर हो जाती हैं कि आसानी से टूट सकती हैं। पहले यह समस्या मुख्यतः वृद्ध महिलाओं में देखी जाती थी, लेकिन अब युवतियाँ भी इसके प्रभाव में आ रही हैं। इस बढ़ती समस्या को लेकर विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगर तुरंत उपाय नहीं किए गए, तो भविष्य में यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है।

हड्डियों की समस्याओं से जूझ रही हैं महिलाएं 

महिलाओं में हड्डियों की बीमारियाँ पुरुषों की तुलना में जल्दी और अधिक मात्रा में होती हैं। इसके पीछे मुख्य रूप से दो हार्मोन, एक विटामिन, और महिलाओं की जीवनशैली जिम्मेदार हैं। महिलाएं परिवार की देखभाल में पूरी तरह व्यस्त रहती हैं, लेकिन अपनी सेहत को लेकर अक्सर लापरवाह होती हैं। इस लापरवाही के कारण कई महिलाएँ कम उम्र में ही हड्डियों की समस्याओं का सामना करती हैं। विशेष रूप से, मेनोपॉज के बाद महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का स्तर गिर जाता है, जिससे हड्डियाँ कमजोर होने लगती हैं। इसके परिणामस्वरूप महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस का जोखिम पुरुषों की तुलना में अधिक होता है।

क्यों कमजोर होती हैं हड्डियां?

आमतौर पर महिलाओं में 40 साल की उम्र के बाद बोन डेंसिटी में कमी आने लगती है। यह वह उम्र होती है जब महिलाएं पेरीमेनोपॉज (peri-menopause) के चरण में प्रवेश करती हैं, जहां उनके मासिक धर्म धीरे-धीरे बंद होने लगते हैं। इस उम्र के दौरान महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन की कमी होने लगती है। एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन कैल्शियम के अवशोषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जब इन हार्मोन की मात्रा कम होती है, तो शरीर कैल्शियम को ठीक से अवशोषित नहीं कर पाता, जिससे हड्डियों की मजबूती पर असर पड़ता है। इस कमी के कारण हड्डियां कमजोर होने लगती हैं और इससे ब्लड प्रेशर भी प्रभावित हो सकता है। मेनोपॉज के दौरान हड्डियों की कमजोरी के साथ-साथ रक्तचाप में असंतुलन भी देखा जा सकता है।

इसलिए, महिलाओं के लिए यह आवश्यक है कि वे इस उम्र के दौरान अपनी हड्डियों की सेहत पर विशेष ध्यान दें और उचित आहार तथा जीवनशैली अपनाएं, ताकि हड्डियों की ताकत बनाए रखी जा सके। आइए जानते हैं इसके पीछे क्या हैं कारण-

कम उम्र में Osteoporosis के कारण:

पोषण की कमी: उचित पोषण की कमी विशेषकर कैल्शियम और विटामिन D की कमी हड्डियों की कमजोरी का प्रमुख कारण है। युवतियों की गलत खाने की आदतें, जैसे कि अत्यधिक जंक फूड और कम पोषक तत्वों वाले आहार, इस स्थिति को जन्म दे रही हैं।

अधिक वर्कआउट और स्ट्रेस: अत्यधिक वर्कआउट और मानसिक तनाव भी हड्डियों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। कुछ महिलाएं बॉडी इमेज के लिए अत्यधिक कसरत करती हैं, जो हड्डियों की ताकत को प्रभावित कर सकती है।

अनुवांशिक कारण: परिवार में Osteoporosis का इतिहास भी इस समस्या के लिए जिम्मेदार हो सकता है। यदि माता-पिता या दादा-दादी में हड्डियों की समस्याएं रही हैं, तो युवतियों को भी इसका खतरा हो सकता है।

Osteoporosis से बचने के उपाय:

  • संतुलित आहार: अपने आहार में कैल्शियम और विटामिन D की सही मात्रा को शामिल करें। दूध, दही, हरी पत्तेदार सब्जियां, और सोया उत्पाद इस समस्या को रोकने में मददगार साबित हो सकते हैं।

  • नियमित व्यायाम: हड्डियों को मजबूत बनाए रखने के लिए नियमित व्यायाम बहुत महत्वपूर्ण है। विशेषकर वजन उठाने वाले व्यायाम, जैसे कि वेट लिफ्टिंग और योग, हड्डियों को सुदृढ़ करने में सहायक हो सकते हैं।

  • सूरज की धूप में रहना: विटामिन D के लिए धूप में रहना आवश्यक है। सुबह की धूप में कम से कम 15 मिनट रहना आपकी हड्डियों को मजबूती प्रदान कर सकता है।

  • धूम्रपान और शराब से बचाव: धूम्रपान और अत्यधिक शराब का सेवन हड्डियों की कमजोरी को बढ़ा सकता है। इन आदतों से बचना आपके हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।

  • सही जीवनशैली: तनावपूर्ण जीवनशैली और अनियमित नींद हड्डियों के लिए हानिकारक हो सकते हैं। एक नियमित और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना हड्डियों को मजबूत बनाए रखने में मदद करता है।

अपनी हड्डियों  के प्रति रहें जागरूक-

कम उम्र में Osteoporosis की समस्या एक गंभीर चिंता का विषय बन चुकी है। इसके रोकथाम के लिए तुरंत कदम उठाने की जरूरत है। संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर इस समस्या से बचाव संभव है। युवतियों को चाहिए कि वे अपने हड्डियों के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहें और सही कदम उठाएं ताकि भविष्य में हड्डियों की समस्याओं से बचा जा सके।

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