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हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) का ऐलान किया गया है, जो 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी। इस स्कीम का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को बेहतर पेंशन सुविधा प्रदान करना है और यह नई पेंशन स्कीम (NPS) और पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) के बीच संतुलन बनाने का प्रयास करती है। UPS के तहत, कर्मचारियों को एक निश्चित पेंशन राशि का आश्वासन मिलेगा, जो NPS से अलग है, जहां पेंशन राशि मार्केट की परफॉर्मेंस पर निर्भर करती है।
10 साल की सेवा के बाद मिलेंगे इतने रूपये
इस योजना के तहत केंद्रीय कर्मचारियों को न्यूनतम 10 साल की सेवा के बाद 10,000 रुपये मासिक पेंशन की गारंटी होगी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि UPS सरकारी कर्मचारियों के लिए सम्मान और वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करती है।
क्योंं पेश की गई यूनिफाइड पेंशन स्कीम?
केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए एक नई यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) पेश की है। यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) पर लगातार आलोचनाएं हो रही थीं और कर्मचारियों की ओर से पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली की मांग हो रही थी। UPS, OPS और NPS के बीच एक मध्यवर्ती समाधान के रूप में पेश की गई है। पुरानी पेंशन योजना (OPS) सरकारी कर्मचारियों में अत्यधिक लोकप्रिय थी, क्योंकि यह अंतिम वेतन के आधार पर सुनिश्चित पेंशन की गारंटी देती थी। इसके विपरीत, NPS में ऐसा कोई गारंटी का प्रावधान नहीं था, जिससे OPS की मांग उठ रही थी। अब, UPS के माध्यम से सरकार ने एक विकल्प पेश किया है जो OPS और NPS के बीच का रास्ता है। UPS, पूरी तरह से OPS की तरह नहीं है, लेकिन इसमें OPS से कई विशेषताएं ली गई हैं। वहीं, NPS की तुलना में UPS कई मामलों में बेहतर है।
UPS की प्रमुख विशेषताएं हैं:
इन गारंटियों के साथ, UPS अब कर्मचारियों के लिए एक सशक्त विकल्प प्रस्तुत करता है, जो OPS की सुविधाओं को बरकरार रखते हुए NPS की सीमाओं को पार करता है।
क्या है यूनिफाइड पेंशन स्कीम?
यूनिफाइड पेंशन स्कीम, सरकारी कर्मचारियों के लिए एक नई पेंशन योजना है, जो NPS और OPS के फीचर्स को मिलाकर बनाई गई है। इस स्कीम के तहत, कर्मचारियों को उनके अंतिम 12 महीनों के औसत बेसिक वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा, अगर उनका नौकरी का अनुभव 25 साल या उससे ज्यादा है। यह पेंशन राशि महंगाई के साथ बढ़ेगी और पेंशनर्स को महंगाई राहत भी दी जाएगी।
NPS और OPS से कैसे अलग है UPS?
पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) एक डिफाइंड बेनिफिट पेंशन स्कीम थी, जिसमें रिटायर्ड कर्मचारियों को उनकी आखिरी वेतन का 50% लाइफटाइम पेंशन के रूप में मिलता था। वहीं, नई पेंशन स्कीम (NPS) एक डिफाइंड कंट्रीब्यूशन स्कीम है, जिसमें पेंशन राशि रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों के एक्यूमुलेटेड कॉर्पस और इन्वेस्टमेंट रिटर्न्स के आधार पर मिलती है।
कितना होगा कर्मचारियों का योगदान?
UPS इन दोनों स्कीमों के बेहतरीन फीचर्स को मिलाकर बनाई गई है। यह एक फंडेड कॉन्ट्रिब्यूटरी स्कीम है, जिसमें कर्मचारियों को 18.5% योगदान करना होगा, लेकिन उन्हें फिक्स्ड पेंशन का आश्वासन मिलेगा। UPS में एक और महत्वपूर्ण फीचर है परिवार पेंशन, जिसके तहत रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी की मृत्यु होने पर उनके परिवार को उनके अंतिम वेतन का 60% पेंशन के रूप में मिलेगा।
सरकारी कर्मचारियों के लिए बेहतर विकल्प?
सरकार UPS के माध्यम से सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बैलेंस्ड और फाइनेंशियली सिक्योरिटी वाली पेंशन स्कीम देने का प्रयास कर रही है। NPS में जहां मार्केट की परफॉर्मेंस पर पेंशन निर्भर करती थी, वहीं UPS में फिक्स्ड पेंशन का प्रावधान है, जिससे कर्मचारियों को भविष्य की पेंशन के लिए चिंता करने की ज़रूरत नहीं होगी। इस स्कीम को अभी सिर्फ केंद्रीय कर्मचारियों के लिए लागू किया गया है, लेकिन राज्यों के पास इसे अपनाने का विकल्प होगा।
इन राज्यों के चुनाव के बीच हुआ UPS का ऐलान
सरकार द्वारा UPS का एलान उस समय हुआ है जब जम्मू और कश्मीर, हरियाणा, महाराष्ट्र, और झारखंड में विधानसभा चुनावों की तैयारी हो रही है। ऐसे में UPS सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बेहतर पेंशन विकल्प साबित हो सकता है और राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण हो सकता है।
क्या UPS देगी बेहतर विकल्प?
यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) एक महत्वपूर्ण कदम है, जो सरकारी कर्मचारियों को NPS और OPS से बेहतर विकल्प प्रदान करने का प्रयास कर रहा है। UPS के तहत कर्मचारियों को फिक्स्ड पेंशन का आश्वासन मिलेगा, जो उनके भविष्य को सुरक्षित बनाएगा। अब देखना यह है कि इस स्कीम को सरकारी कर्मचारी और राज्य सरकारें किस प्रकार स्वीकार करती हैं।
Baten UP Ki Desk
Published : 26 August, 2024, 5:05 pm
Author Info : Baten UP Ki