बड़ी खबरें
जल संकट से जूझ रही दुनिया के लिए एक नई तकनीक उम्मीद की किरण बनकर सामने आई है। अमेरिका, चिली और आयरलैंड के वैज्ञानिकों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने एक ऐसी अत्याधुनिक हाइड्रोजेल प्रणाली विकसित की है, जो हवा से पानी निकालने की प्रक्रिया को पहले की तुलना में 10 गुना तेज कर देती है। यह नवाचार दुनिया के सबसे शुष्क क्षेत्रों में भी प्रभावी सिद्ध हुआ है और आने वाले समय में जल संकट से निपटने में अहम भूमिका निभा सकता है।यह breakthrough वैज्ञानिक जर्नल ‘डिवाइस’ में प्रकाशित शोध में सामने आया है।
कैसे काम करती है यह तकनीक?
वैज्ञानिकों द्वारा विकसित इस नई हाइड्रोजेल प्रणाली में क्रॉस-लिंक्ड पॉलीएक्रिलामाइड पॉलीमर का उपयोग किया गया है, जिसमें लिथियम क्लोराइड मिलाया गया है। यह संयोजन हाइड्रोजेल को वातावरण से अधिक नमी सोखने में सक्षम बनाता है। रात के समय, जब वातावरण में आर्द्रता अधिक होती है, यह हाइड्रोजेल उस नमी को तेजी से अवशोषित करता है। फिर दिन में, सूर्य की गर्मी की मदद से यह हाइड्रोजेल नमी को पानी में परिवर्तित कर देती है, जिसे एक कंटेनर में संग्रहित किया जा सकता है।
रेगिस्तान में भी दिखाया दम
इस तकनीक को चिली के अटाकामा रेगिस्तान में सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया, जो दुनिया के सबसे सूखे स्थानों में से एक है। यहां तक कि जब वातावरण में नमी सिर्फ 11% थी, तब भी यह प्रणाली प्रभावी रूप से पानी निकालने में सक्षम रही। और जब नमी का स्तर 30% तक पहुंचा, तो यह प्रणाली प्रति वर्ग मीटर प्रतिदिन दो लीटर तक पानी उत्पन्न कर सकी।
जल संकट की भयावह तस्वीर
वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि यदि जल संसाधनों का अत्यधिक दोहन और जलवायु परिवर्तन की रफ्तार यूं ही बनी रही, तो वर्ष 2050 तक दुनिया में करीब 1.8 अरब लोग जल संकट की गंभीर स्थिति का सामना करेंगे। इनमें से लगभग 80% लोग विकासशील देशों में होंगे।
क्यों है यह तकनीक महत्वपूर्ण?
अत्यधिक शुष्क क्षेत्रों में भी काम करने की क्षमता
बिजली के बिना सिर्फ सूर्य की गर्मी से चलता है सिस्टम
जल संकट से जूझते इलाकों के लिए कम लागत और टिकाऊ समाधान
जलवायु परिवर्तन के युग में स्वच्छ जल की नई राह
यह नई हाइड्रोजेल प्रणाली न केवल वैज्ञानिक प्रगति का प्रतीक है, बल्कि यह जल संकट से लड़ रही मानवता के लिए एक व्यवहारिक समाधान भी प्रस्तुत करती है। यदि इसे बड़े पैमाने पर अपनाया जाए, तो यह तकनीक अरबों लोगों को स्वच्छ जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने में मदद कर सकती है — और वह भी वहां, जहां पानी की एक बूंद तक मुश्किल से मिलती है।
Baten UP Ki Desk
Published : 23 May, 2025, 1:51 pm
Author Info : Baten UP Ki