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जैसे-जैसे दिवाली और छठ पूजा का त्योहार नजदीक आ रहा है, शहरों में रहने वाले लोगों की घर लौटने की चाह बढ़ती जा रही है। घर की यादें, परिवार का साथ, और त्योहारों की रौनक सभी को अपनी ओर खींच रही है। लेकिन इस साल, यात्रियों को एक नई चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। आसमान छूते फ्लाइट किराए और ट्रेनों में बैठने की जगह की कमी ने लोगों की खुशी को एक नई मुसीबत में बदल दिया है। क्या ये त्योहार की खुशी अब कठिनाइयों के साये में छिप जाएगी? लोग अपने परिवारों से मिलने के लिए क्या उपाय करेंगे?
फ्लाइट के बढ़ते किराए से यात्रियों की चिंता
दिल्ली से वाराणसी:
वर्तमान किराया: 14,000 रुपये
सामान्य समय में किराया: 6,000-7,000 रुपये
मुंबई से वाराणसी:
धनतेरस से पहले किराया: 13,000-14,000 रुपये
बंगलूरू से वाराणसी:
वर्तमान किराया: 10,000-11,000 रुपये
सामान्य समय में किराया: 5,000-6,000 रुपये
किराए में इजाफा:
त्योहारों के कारण बुकिंग में वृद्धि और मांग में भारी बढ़ोतरी देखी जा रही है।
ट्रेनों में सीटों की कमी-
इस बार त्योहारों के दौरान लंबी दूरी की ट्रेनों में भी हालात कुछ बेहतर नहीं हैं। महानगरों से बिहार जाने वाली प्रमुख ट्रेनें पूरी तरह से फुल हैं। खासतौर पर मुंबई, सूरत, अहमदाबाद, हैदराबाद, पंजाब और दिल्ली से आने वाली ट्रेनों में कोई सीट उपलब्ध नहीं है। टूर ऑपरेटर आकाश तिवारी ने बताया कि मुंबई से आने वाली सभी ट्रेनों में लंबी वेटिंग लिस्ट है, जिससे यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है।
त्योहारों की बढ़ती मांग-
31 अक्टूबर को दिवाली, 2 नवंबर को भैया दूज, और 5 से 8 नवंबर तक छठ पूजा का त्योहार मनाया जाएगा। ऐसे में, त्योहारों के लिए घर आने वाले यात्रियों की संख्या बढ़ने से यातायात व्यवस्था पर भारी दबाव पड़ रहा है। यात्रियों की सुविधा के लिए सभी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज को सही समय पर योजनाएं बनानी होंगी, ताकि इस बार त्योहारों का आनंद बिना किसी परेशानी के लिया जा सके।
Baten UP Ki Desk
Published : 15 October, 2024, 4:41 pm
Author Info : Baten UP Ki